सेना अग्निवीर और रेलवे भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा, गांव से शहर तक एजेंट एक्टिव, ऐसे जाल में फंसा कर रहे करोड़ों की ठगी
आगरा: अग्निवीर भर्ती (Agniveer Bharti) को ठगों ने अपना धंधा बना लिया है। जालसाजी करके युवाओं को ठगने वाले गैंग को एसटीएफ ने दबोचा है। ये लोग रेलवे और सेना में भर्ती (India Army and Railway Vacancy) कराने के नाम पर युवाओं को झांसा देकर उनसे लाखों रुपए ऐंठ लेते थे। एसटीएफ ने धोखाधड़ी करने वाले इस गैंग के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के एसपी राजेश कुमार ने बताया कि आरोपी अग्निवीर में भर्ती के नाम पर तीन लाख और रेलवे में भर्ती के नाम पर छह लाख मांगते थे। रविवार को थाना ताजगंज स्थित राधेश्याम नगर से इन्हें अरेस्ट किया है।
एसटीएफ के एसपी राकेश कुमार ने बताया कि उन्हें अग्निवीर सेना योजना में धोखाधड़ी करके भर्ती कराने वाले गैंग की जानकारी मिली थी। इस गैंग को पकड़ने के लिए उन्होंने अपनी टीम लगाई थी। रविवार को ताजगंज क्षेत्र के राधे श्याम नगर में प्रेम ग्रीन पीजी होम स्टेट में दबिश दी। यहां से एसटीएफ ने 9 लोगों को हिरासत में लिया।
आरोपियों को गिरफ्तार कर बरामद किया सामान
पकड़े गए आरोपियों में से सराय ख्वाजा के रहने वाले युसूफ, इरादत नगर के जितेंद्र सिंह, ताजनगरी के प्रभात शर्मा, मलपुरा के संतोष, हाथरस सादाबाद के अनिल कुमार, सैंया के सोनू, मथुरा के पवन, रोहता के सुल्तान और कागारौल के धर्म सिंह शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अब तक तमाम युवाओं को भर्ती के नाम पर झांसा देकर करोड़ों रुपए ठग चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों से रेलवे के 16 फर्जी कॉल लेटर, एक लैपटॉप, 11 मोबाइल, एक कार, 10 डेबिट कार्ड, तीन लाख की नकदी समेत अन्य सामान बरामद किया है।
कंप्यूटर से तैयार करते थे फर्जी दस्तावेज
पुलिस ने बताया कि आरोपी जितेंद्र के लैपटॉप में कई ऐसे सॉफ्टवेयर अपलोड है, जिनकी मदद से वह फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। भर्ती कराने के एवज में रकम तय करने के बाद आरोपी पहले ही आधी रकम वसूल लेते थे। वहीं जिन युवाओं की अग्निवीर परीक्षा में शामिल होने की उम्र निकल जाती थी, उनके फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे, ऐसे ही रेलवे में ग्रुप डी की भर्ती में भी पास कराने का झांसा देते थे। जिनका परिणाम नहीं आता था, उन्हें पास कराने का आश्वासन देकर ओएमआर शीट तक बदलवाने की बात कहते थे।
गांव-गांव में फैला रखे थे एजेंट
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका गैंग आगरा, अलीगढ़, मथुरा समेत कई जिलों में फैला हुआ है। उनके एजेंट युवाओं को फंसाने का काम करते थे। सेना में भर्ती के लिए सुबह-सुबह दौड़ लगाने वाले युवाओं को उनके एजेंट भर्ती का झांसा देकर लाते थे। इसके लिए वह अपने एजेंट को एक युवक के लाने पर 25 हजार तक देते थे। आरोपियों ने बताया कि उनके गांव गांव में एजेंट फैले हुए थे। मथुरा में दिलदार, सुभाष उर्फ राज, जीतू और अलीगढ़ का संदीप जाट नामक एजेंट उनके लिए काम करते हैं। गैंग ने अब्दुल से एक लाख चंद्रमोहन और रवि से 25 -25 हजार विशाल और अरविंद से तीन लाख की धोखाधड़ी कबूल की है। इसके अलावा उन्होंने कई युवाओं को अपना शिकार बनाया है।
रिपोर्ट – सुनील साकेत
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एसटीएफ के एसपी राकेश कुमार ने बताया कि उन्हें अग्निवीर सेना योजना में धोखाधड़ी करके भर्ती कराने वाले गैंग की जानकारी मिली थी। इस गैंग को पकड़ने के लिए उन्होंने अपनी टीम लगाई थी। रविवार को ताजगंज क्षेत्र के राधे श्याम नगर में प्रेम ग्रीन पीजी होम स्टेट में दबिश दी। यहां से एसटीएफ ने 9 लोगों को हिरासत में लिया।
आरोपियों को गिरफ्तार कर बरामद किया सामान
पकड़े गए आरोपियों में से सराय ख्वाजा के रहने वाले युसूफ, इरादत नगर के जितेंद्र सिंह, ताजनगरी के प्रभात शर्मा, मलपुरा के संतोष, हाथरस सादाबाद के अनिल कुमार, सैंया के सोनू, मथुरा के पवन, रोहता के सुल्तान और कागारौल के धर्म सिंह शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अब तक तमाम युवाओं को भर्ती के नाम पर झांसा देकर करोड़ों रुपए ठग चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों से रेलवे के 16 फर्जी कॉल लेटर, एक लैपटॉप, 11 मोबाइल, एक कार, 10 डेबिट कार्ड, तीन लाख की नकदी समेत अन्य सामान बरामद किया है।
कंप्यूटर से तैयार करते थे फर्जी दस्तावेज
पुलिस ने बताया कि आरोपी जितेंद्र के लैपटॉप में कई ऐसे सॉफ्टवेयर अपलोड है, जिनकी मदद से वह फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। भर्ती कराने के एवज में रकम तय करने के बाद आरोपी पहले ही आधी रकम वसूल लेते थे। वहीं जिन युवाओं की अग्निवीर परीक्षा में शामिल होने की उम्र निकल जाती थी, उनके फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे, ऐसे ही रेलवे में ग्रुप डी की भर्ती में भी पास कराने का झांसा देते थे। जिनका परिणाम नहीं आता था, उन्हें पास कराने का आश्वासन देकर ओएमआर शीट तक बदलवाने की बात कहते थे।
गांव-गांव में फैला रखे थे एजेंट
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका गैंग आगरा, अलीगढ़, मथुरा समेत कई जिलों में फैला हुआ है। उनके एजेंट युवाओं को फंसाने का काम करते थे। सेना में भर्ती के लिए सुबह-सुबह दौड़ लगाने वाले युवाओं को उनके एजेंट भर्ती का झांसा देकर लाते थे। इसके लिए वह अपने एजेंट को एक युवक के लाने पर 25 हजार तक देते थे। आरोपियों ने बताया कि उनके गांव गांव में एजेंट फैले हुए थे। मथुरा में दिलदार, सुभाष उर्फ राज, जीतू और अलीगढ़ का संदीप जाट नामक एजेंट उनके लिए काम करते हैं। गैंग ने अब्दुल से एक लाख चंद्रमोहन और रवि से 25 -25 हजार विशाल और अरविंद से तीन लाख की धोखाधड़ी कबूल की है। इसके अलावा उन्होंने कई युवाओं को अपना शिकार बनाया है।
रिपोर्ट – सुनील साकेत