ढाका: बांग्लादेश (Bangladesh) ने सेक्स वर्कर्स को कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) देने की शुरुआत की है. दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश कोरोना के खिलाफ जंग में अब तक 40 या इससे ज्यादा उम्र के 3 करोड़ लोगों को कोविड-19 का टीका लगवा चुका है. बांग्लादेश ने एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) इन लोगों को लगवाई है. अब यहां सेक्स वर्कर्स को भी कोरोना का टीका लगावाया जा रहा है. हालांकि इनके लिए कोई उम्र सीमा नहीं रखी गई है.
100 यौनकर्मियों को लगाया गया कोरोना का टीका
बांग्लादेश के दौलतदिया (Daulatdia) शहर में सेक्स वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया गया. यहां करीब 1900 यौनकर्मियों के घर हैं. यहांं देश का सबसे बड़ा वेश्यालय है.
दौलतदिया के स्वास्थ्य प्रमुख आसिफ महमूद ने कहा कि कम से कम 100 सेक्स वर्कर्स को कोरोना वायरस का टीका लगाया जा चुका है.
संक्रमण के खतरे की वजह से उठाया गया कदम
उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि सेक्स वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाए क्योंकि, हजारों लोग हर दिन इस वेश्यालय में आते हैं. इसलिए यहां के सेक्स वर्कर्स के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा ज्यादा है.
अभी तक देश में बुजुर्गों, फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स और सिक्योरिटी फोर्सेज को फोकस करके वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया है. वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत इसी महीने की शुरुआत में हुई है. लेकिन सरकार की ऐसी योजना है कि देश की 80 प्रतिशत आबादी को वैक्सीनेशन अभियान के दायरे में लाया जाए.
जब सेक्स वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई, तब उन्हें वेश्यालय से 5 किलोमीटर दूर क्लिनिक तक चलकर जाना पड़ा था. आसिफ महमूद का कहना है कि अब प्रशासन ऐसी योजना भी बना रहा है जिससे वेश्यालय के अंदर भी इनके लिए खास वैक्सीन सेंटर हों.
दौलतदिया के चीफ डॉक्टर मोहम्मद इब्राहिम ने कहा कि वैक्सीनेशन से जुड़ कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं जिससे लोग वैक्सीन लगवाने को लेकर जागरूक हो.
कोरोना वैक्सीन से जुड़ी अफवाहों को लेकर पहले था मन में डर
यहां की एक सेक्स वर्कर ब्यूटी जो 40 साल की हैं. पहले कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर डरी हुई थीं. इसकी वजह थी कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाहें. उन्होंने सुना कि कोरोना वैक्सीन को लगवाने से लोगों की मौत हो रही है. लेकिन जब स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया, तब वो ये वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हो गईं. ब्यूटी ने कहा कि हमें ये बात समझ में आ गई कि हम हर दिन कई लोगों से मिलते हैं और इसलिए हमारे संक्रमण की चपेट में आने का खतरा ज्यादा है.
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बता दें कि बांग्लादेश ऐसे कुछ मुस्लिम देशों में शामिल है, जहां 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए वेश्यावृति को कानूनी दर्जा मिला हुआ है. मार्च 2020 में यहां करीब एक महीने तक लगे लॉकडाउन के दौरान वेश्यालयों में जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. इससे सेक्स वर्कर्स और उनके परिवारों की जीविका पर भारी असर पड़ा. कईयों को भीख मांगकर गुजारा करना पड़ा. स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि यौनकर्मियों के वैक्सीनेशन से इनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी.
बांग्लादेश ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की एस्ट्रेजेनेका वैक्सीन के 30 मिलियन डोज भारत से खरीदे हैं. इसके अलावा को-वैक्स इनीशिएटिव के जरिए भी बांग्लादेश को 68 मिलियन डोज दिए जाएंगे.