साल 2020 में भारत में 82 लाख लोगों की मौत, लगभग आधे लोगों को नसीब नहीं हुए डॉक्टरः रिपोर्ट

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साल 2020 में भारत में 82 लाख लोगों की मौत, लगभग आधे लोगों को नसीब नहीं हुए डॉक्टरः रिपोर्ट

भारत में कोरोना से हुई मौत को लेकर डब्ल्यूएचओ के चौंकाने वाले आंकड़ों के बाद रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) ने ताजा आंकड़े पेश किए है। जिसके मुताबिक, साल 2020 में भारत में काल के ग्रास में समाने वाले 82 लाख लोगों में से 45 फीसदी लोगों को इलाज नहीं मिला, जो उनकी मौत की वजह बनी। हालांकि आरजीआई ने इसमें कोरोना से मौतों को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में कुल पंजीकृत मौतों में से केवल 1.3 फीसदी लोगों को ही सही इलाज मिल पाया। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में जब देश में पहली बार कोरोना की सूचना मिली थी, तब तक महामारी के कारण 1.48 लाख लोगों की जान जा चुकी थी, जो 2021 की तुलना में काफी कम है, क्योंकि 2021 में 3.32 लाख लोगों की कोरोना से मौत हुई।

उधर, आरजीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, “2020 के दौरान कुल पंजीकृत मौतों 82 लाख में से लगभग 1.3 प्रतिशत लोगों की ही योग्य पेशेवर डॉक्टरों से चिकित्सीय सहायता मिल सकी। जबकि 45 प्रतिशत लोगों को इलाज नहीं मिल पाया।” डाटा के मुताबिक, 2019 में इलाज के अभाव में मरने वालों का अनुपात 34.5 प्रतिशत था।

कुल पंजीकृत मौतों में से 28 प्रतिशत अस्पतालों में हुई हैं और यह उन अन्य जगहों की तुलना में अधिक है जहां से मरने वालों को चिकित्सा सहायता मिली थी। पंजीकृत मौतों में से लगभग 16.4 प्रतिशत ‘संस्थानों के अलावा अन्य चिकित्सा देखभाल’ के तहत दर्ज की गईं।

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आरजीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मृत्यु के समय मरीजों को मिले चिकित्सा की पूरी जानकारी प्राप्त हुई है। सिर्फ महाराष्ट्र और सिक्किम से आंशिक डाटा मिल पाया।

शहरी क्षेत्रों में शिशु मृत्यु दर काफी ज्यादा

शिशु मृत्यु का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकृत शिशु मृत्यु का हिस्सा केवल 23.4 प्रतिशत है जबकि शहरी क्षेत्र में यह 76.6 प्रतिशत रहा।

गौरतलब है कि हाल ही में भारत सरकार ने कोरोना की वजह से मरने वालों का आंकड़ा जारी किया है। हालांकि WHO कुछ और ही कह रहा है। WHO ने कोविड से मरने वालों का जो आंकड़ा जारी किया है उसमें और स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में जमीन आसमान का फर्क है। WHO का कहना है कि 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2021 के बीच 47 लाख लोगों की मौत हो गई।



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