सरकार अब खुद ढूंढेगी विदेशी खरीदार, निर्माता से कराएगी साक्षात्कार

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सरकार अब खुद ढूंढेगी विदेशी खरीदार, निर्माता से कराएगी साक्षात्कार

— राजस्थान पत्रिका की मुहिम का असर, विदेश मंत्रालय के सहयोग से लेंगे दुनिया भर में बैठे खरीदारों और व्यापारिक संगठनों से संपर्क साधेगी सरकार

जयपुर. प्रदेश में एक्सपोर्ट उत्पाद बना रहे विनिर्माण क्षेत्र के उद्यमियों और विदेशों में बैठे खरीदारों के बीच गहरी खाई को अब राज्य सरकार खुद पाटेगी। सरकार विदेश मंत्रालय के सहयोग से दुनिया में बैठे खरीदारों को ढूंढेगी और फिर इनकी खरीदारों से बातचीत कराएगी। सूत्रों के अनुसार उद्योग विभाग ने विदेशी खरीदारों और वहां के औद्योगिक संगठनों की जानकारी पासपोर्ट कार्यालय से मांगी है। सरकार की ओर से जिलावार प्रदेश के निर्यात उत्पादों की जानकारी भी दी गई है। साथ ही 200 उन देशों की सूची भी दी है, जिनमें राजस्थान से निर्यात फिलहाल हो रहा है। राज्य सरकार की योजना है कि इन देशों में राजस्थान के एक्सपोर्ट उत्पादों के खरीदारों और व्यापारिक संगठनों से संवाद कर उनकी सीधी बातचीत हमारे यहां के उत्पाद निर्माताओं से कराई जाएगी। इससे हमारे निर्माताओं का सीधा संपर्क अपने ग्राहकों से हो सकेगा।

पत्रिका ने उठाया मुद्दा

राजस्थान पत्रिका ने पिछले दिनों लगातार समाचार प्रकाशित कर यह मुद्दा उठाया कि हमारे निर्माताओं को यह पता नहीं कि विदेशों में राजस्थानी उत्पादों के खरीदार कौन हैं। 95 प्रतिशत निर्माता खुद निर्यात भी नहीं कर पाते। इसी कारण इनका संभावित मुनाफा दूसरे निर्यातक ले जाते हैं। समाचारों के बाद अब सरकार खुद निर्माता और खरीदारों के बीच सेतु बनने के लिए आगे आई है।

केन्द्र से मिला सहारा, सरकार ने भुनाया

इस बारे में पिछले दिनों विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबध) दम्मू रवि ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य को पत्र लिख कर केन्द्र की निर्यात प्रोत्साहन योजना बताई। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रयासों में मंत्रालय के अधीन क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय और अधिकारी सहायता करेंगे। इसी पर राज्य सरकार अब आगे बढ़ी है।

12 देशों में 1000 करोड़ से अधिक का कारोबार

राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार हमारे उत्पाद खरीद रहे दुनिया के 200 में से 12 देश ऐसे हैं, जहां हर साल एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का निर्यात हो रहा है। इनमें सर्वार्धिक अमरीका में तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपए का निर्यात है, जबकि फ्रांस में 1049 करोड़ रुपए के उत्पाद जा रहे हैं। शेष अन्य देशों में यूके, जर्मनी, यूएई, चीन, नेपाल, नीदरलैंड, हांगकांग, बांग्लादेश, जापान और थाइलैंड शामिल हैं।



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