विधानसभा अध्यक्ष चुनाव को लेकर महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल में ठनी, MVA ने लिखा गवर्नर को खत

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विधानसभा अध्यक्ष चुनाव को लेकर महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल में ठनी, MVA ने लिखा गवर्नर को खत

मुंबई: विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर राज्यपाल और महाविकास अघाड़ी सरकार के बीच तकरार अब भी जारी है। खबर है कि सरकार की तरफ से राज्यपाल को एक और ताजा खत लिखा गया है, जिसमें राज्यपाल के उस दावे का खंडन किया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष चुनाव का मामला न्याय प्रविष्ट है। बुधवार को महाविकास अघाड़ी सरकार के नेताओं की एक बैठक हुई है, जिसमें राज्यपाल के पत्र के जवाब में पत्र लिखे जाने का फैसला लिया गया है। बता दें कि राज्य विधान मंडल के चालू बजट सत्र के दौरान ही महाविकास अघाड़ी सरकार विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव कराना चाहती थी, इसके लिए उन्होंने राज्यपाल से अनुमति मांगी थी। लेकिन उपरोक्त कारण से राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव कराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी सरकार के नेताओं का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव को चुनौती देने वाली बीजेपी नेता गिरीश महाजन की याचिका को हाई कोर्ट पहले ही ठुकरा चुका है और हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ गिरीश महाजन सुप्रीम कोर्ट गए हैं। अब तक उन्होंने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने अब तक उनकी याचिका को अब तक स्वीकार नहीं किया है, न ही उस पर अब तक कोई सुनवाई हुई है। ऐसे में, इस मामले को न्याय प्रविष्ट कहना जबरदस्ती विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव को रोकने के समान है। खबर है कि राज्य सरकार ने इस मामले में राज्य के महाधिवक्ता की भी सलाह ली है। इसके बाद ही यह ताजा खत राजभवन भेजा गया है।

उल्लेखनीय है कि महाविकास अघाड़ी सरकार और राज्यपाल के बीच कई मुद्दों पर लगातार मतभेद बने हुए हैं। हाई कोर्ट भी सरकार और राज्यपाल के तल्ख होते रिश्तो पर नाखुशी जता चुका है। बावजूद इसके दोनों ओर से रिश्तों पर पड़ी बर्फ पिघल नहीं रही। विधान परिषद के 12 सदस्यों के नामांकन के मुद्दे पर पहले ही राज्यपाल और सरकार के बीच काफी खतो-खिताबत हो चुकी है। हाई कोर्ट की टिप्पणी के बावजूद अब तक राज्यपाल ने लिस्ट क्लियर नहीं की है और अब विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भी वही हालात बनते जा रहे हैं।

गुप्त मतदान में है डर
दरअसल गुप्त मतदान में सरकार को यह डर है कि कहीं बीजेपी उसके कुछ विधायकों को तोड़ ले। वैसे तो राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार के पास 170 विधायकों का बहुमत है, परंतु सरकार ताजा परिस्थितियों में किसी तरह का खतरा मोल लेना नहीं चाहती। इसीलिए उसने खुले मतदान का प्रस्ताव पारित कराया है।

क्या है विवाद
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद का चुनाव अब तक गुप्त मतदान से होता आया है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष पद से कांग्रेस नेता नाना पटोले के इस्तीफा देने के बाद राज्य सरकार ने विधानसभा में एक संशोधन प्रस्ताव पारित कराया है। इस प्रस्ताव के तहत अब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान के बजाय खुले मतदान से होगा। बीजेपी खुले मतदान का विरोध कर रही है।

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