लॉकडाउन इफेक्ट- लखनऊ में तलाक के केस हुए तीन गुना
इन कारणों से आयी तलाक की नौबत
-नौकरी छूटी, अब शादी टूटने की नौबत, लखनऊ में तलाक के केस हुए तीन गुना
-लखनऊ में तलाक के केस
लखनऊ. कोरोना का इफेक्ट शरीर और सेहत तक ही नहीं था। यह लोगों के मन को भी तोड़ रहा है। लॉकडाउन की वजह से लोगों की नौकरी छूटने, व्यवसाय के बंद होने या फिर कमाई आधी होने के बाद तलाक के मामले बढ़ गए हैं। लॉकडाउन के बाद न्यायालयों मेंतलाक के मामलों में लगभग तीन गुना की वृद्धि देखी गई है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी सहित अन्य बड़े शहरों में तलाक के मामले सबसे ज्यादा बढ़े हैं। कमोबेश मेट्रो सिटीज का भी यही हाल है। मुंबई में पहले एक महीने में औसतन तलाक के 1,280 मामले आते थे। लॉकडाउन के बाद इनकी संख्या बढ़कर 3,480 हो गई। वहीं दिल्ली 2530 केस के साथ दूसरे नंबर पर है।
वर्कफ्रॉम होम ने बढ़ायी चुनौतियां
लखनऊ के मैरिज काउंसलर अभय कुमार बताते हैं कि तलाक के मामलों का सबसे बड़ा कारण है वर्क फ्रॉम होम से जुड़ी चुनौतियां और घरेलू काम का दबाव। लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में थे। नौकरी छूट जाने की वजह से तनाव और डिप्रेशन की वजह से झगड़े और क्लेश बढ़े। वर्क फ्रॉम होम के कारण घर और ऑफिस के काम के बोझ ने भी पति-पत्नी के बीच तनाव को बढ़ाया। इसलिए तलाक की नौबत आयी।
तलाक के केस बढऩे के पांच कारण
1.नौकरी छूटने से तनाव
लॉकडाउन के कारण कई कंपनियां बंद हो गयीं। बिजनेस का नुकसान हुआ। काफी लोगों को इसकी वजह से नौकरी से हाथ धोना पड़ा। तनाव ने लोगों के मानसिक स्वास्थ पर ही नहीं बल्कि उनके दांपत्य जीवन पर भी असर डाला। ऐसे में पति-पत्नी के मन में भरी निराशा और गुस्सा ने तलाक का रूप ले लिया।
2.घरेलू काम का दबाव
पति और पत्नी दोनों ही काम करते हैं। ऐसे में घर के काम के लिए अक्सर सहायक को रखते हैं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान कोई सहायक न होने की वजह से घर और ऑफिस दोनों ही काम का बोझ एक साथ आ गया। इससे घर में झगड़े और तनाव का माहौल बना। महिलाओं को अक्सर ये शिकायत रहती यही की पति उनका घर के कामों में हाथ नहीं बटांते और इससे घर में झगड़े शुरू हो जाते हैं।
3.आर्थिक परेशानी
मैरिज काउंसलर अभय कुमार बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक परेशानी बढ़ी। पति-पत्नी अपने-अपने तनाव को दबाने की कोशिश करते रहे, जिसकी वजह से छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने लगा। और यही गुस्सा समय के साथ तलाक तक पहुंच गया।
4.रिश्तों में स्पेस
आज कपल्स एक-दूसरे को काफी स्पेस देते हैं। लॉकडाउन के दौरान 24 घंटे एक दूसरे के साथ रहने और कहीं बहार न निकल पाने की वजह से भी कई तरह के झगड़े होते हैं और उनके रिश्तों में दरारें पडऩे लगती हैं। एक कारण यह भी है केस बढऩे का।
5.रिश्तों में कड़वाहट
लॉकडाउन ने उन रिश्तों में और कड़वाहट पैदा की, जो पहले से ही बहुत खुश नहीं थे। और एक दूसरे के साथ समझौता कर के चल रहे थे। लॉकडाउन की वजह से उन्हें एक दूसरे के साथ ही रहने पर मजबूर होना पड़ा। एक दूसरे के राज खुले और घर टूटने की नौबत आ गयी।
इन कारणों से आयी तलाक की नौबत
-नौकरी छूटी, अब शादी टूटने की नौबत, लखनऊ में तलाक के केस हुए तीन गुना
-लखनऊ में तलाक के केस
लखनऊ. कोरोना का इफेक्ट शरीर और सेहत तक ही नहीं था। यह लोगों के मन को भी तोड़ रहा है। लॉकडाउन की वजह से लोगों की नौकरी छूटने, व्यवसाय के बंद होने या फिर कमाई आधी होने के बाद तलाक के मामले बढ़ गए हैं। लॉकडाउन के बाद न्यायालयों मेंतलाक के मामलों में लगभग तीन गुना की वृद्धि देखी गई है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी सहित अन्य बड़े शहरों में तलाक के मामले सबसे ज्यादा बढ़े हैं। कमोबेश मेट्रो सिटीज का भी यही हाल है। मुंबई में पहले एक महीने में औसतन तलाक के 1,280 मामले आते थे। लॉकडाउन के बाद इनकी संख्या बढ़कर 3,480 हो गई। वहीं दिल्ली 2530 केस के साथ दूसरे नंबर पर है।
वर्कफ्रॉम होम ने बढ़ायी चुनौतियां
लखनऊ के मैरिज काउंसलर अभय कुमार बताते हैं कि तलाक के मामलों का सबसे बड़ा कारण है वर्क फ्रॉम होम से जुड़ी चुनौतियां और घरेलू काम का दबाव। लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में थे। नौकरी छूट जाने की वजह से तनाव और डिप्रेशन की वजह से झगड़े और क्लेश बढ़े। वर्क फ्रॉम होम के कारण घर और ऑफिस के काम के बोझ ने भी पति-पत्नी के बीच तनाव को बढ़ाया। इसलिए तलाक की नौबत आयी।
तलाक के केस बढऩे के पांच कारण
1.नौकरी छूटने से तनाव
लॉकडाउन के कारण कई कंपनियां बंद हो गयीं। बिजनेस का नुकसान हुआ। काफी लोगों को इसकी वजह से नौकरी से हाथ धोना पड़ा। तनाव ने लोगों के मानसिक स्वास्थ पर ही नहीं बल्कि उनके दांपत्य जीवन पर भी असर डाला। ऐसे में पति-पत्नी के मन में भरी निराशा और गुस्सा ने तलाक का रूप ले लिया।
2.घरेलू काम का दबाव
पति और पत्नी दोनों ही काम करते हैं। ऐसे में घर के काम के लिए अक्सर सहायक को रखते हैं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान कोई सहायक न होने की वजह से घर और ऑफिस दोनों ही काम का बोझ एक साथ आ गया। इससे घर में झगड़े और तनाव का माहौल बना। महिलाओं को अक्सर ये शिकायत रहती यही की पति उनका घर के कामों में हाथ नहीं बटांते और इससे घर में झगड़े शुरू हो जाते हैं।
3.आर्थिक परेशानी
मैरिज काउंसलर अभय कुमार बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक परेशानी बढ़ी। पति-पत्नी अपने-अपने तनाव को दबाने की कोशिश करते रहे, जिसकी वजह से छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने लगा। और यही गुस्सा समय के साथ तलाक तक पहुंच गया।
4.रिश्तों में स्पेस
आज कपल्स एक-दूसरे को काफी स्पेस देते हैं। लॉकडाउन के दौरान 24 घंटे एक दूसरे के साथ रहने और कहीं बहार न निकल पाने की वजह से भी कई तरह के झगड़े होते हैं और उनके रिश्तों में दरारें पडऩे लगती हैं। एक कारण यह भी है केस बढऩे का।
5.रिश्तों में कड़वाहट
लॉकडाउन ने उन रिश्तों में और कड़वाहट पैदा की, जो पहले से ही बहुत खुश नहीं थे। और एक दूसरे के साथ समझौता कर के चल रहे थे। लॉकडाउन की वजह से उन्हें एक दूसरे के साथ ही रहने पर मजबूर होना पड़ा। एक दूसरे के राज खुले और घर टूटने की नौबत आ गयी।