लाइफस्टाइल बदलने से बढ़े किडनी डिजीज के मरीज,एसएमएस अस्पताल कर चुका 26 साल में 722 किडनी ट्रांसप्लांट | SMS Hospital has done 722 kidney transplants in 26 years | Patrika News

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लाइफस्टाइल बदलने से बढ़े किडनी डिजीज के मरीज,एसएमएस अस्पताल कर चुका 26 साल में 722 किडनी ट्रांसप्लांट | SMS Hospital has done 722 kidney transplants in 26 years | Patrika News

हर दस में एक व्यक्ति गुर्दा रोग से पीड़ित

जयपुर

Published: March 10, 2022 10:13:16 am

जयपुर
आज वर्ल्ड किडनी डे यानी विश्व गुर्दा दिवस है।इस दिवस की थीम है किडनी हेल्थ फॉर रखी गई है। बदलती लाइफस्टाइल,अज्ञानता और लापरवाही के कारण लगातार किडनी डिजीज से जुड़े मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा हैं। सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक,व. प्रोफेसर और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ.विनय मल्होत्रा का कहना है पिछले कुछ दिनों में किडनी रोग से जुड़े मरीजों की संख्या में 8 से 10 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। यानि हर दस में एक व्यक्ति गुर्दा रोग से पीड़ित हो सकता हैं। वहीं अस्पताल में ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है जो गुर्दे के रोग से पीड़ित है। खानपान की बदलती आदतों डायबिटीज,बीपी,डायरिया,उल्टी,पथरी,बिना जानकारी के दवाओं का सेवन करने के कारण लोगों में किडनी (गुर्दा) की समस्याएं रही है।
जयपुर के एसएमएस में हर साल 3400 जांच
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हर साल करीब 3400 मरीज किडनी रोग की जांच करवाते है।व.प्रोफेसर और नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय अग्रवाल ने बताया कि एसममएस में गुर्दा विभाग 1977 में खोला गया। जहां पर तब से ही किडनी रोगों की जांच, इलाज, डायलिसिस, ट्रांसप्लांट व शोध किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में बायोप्सी जांच करवाने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा इुआ है। इस जांच में माइक्रोस्कोप के तहत जांच की जा सकती है। जिसमें एक संदिग्ध किडनी समस्या का निदान करने के लिए गुर्दा बायोप्सी जांच से रोग का पता लगाया जाता है।

kidney transplant

52 से ज्यादा केडेवर ट्रांसप्लांट
सवाई मानसिंह अस्पताल में 1996 में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मरीजों के लिए शुरू की गई थी। तब से यहां पर किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। 26 साल में अकेले एसएमएस अस्पताल के चिकित्सक कुल 722 मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट कर चुके हैं। यह वह संख्या है जिसमें मरीजों को उनके किसी परिजन से किडनी डोनेट की गई है। वहीं 2015 से केडेवर किडनी ट्रांसप्लांट भी सुविधा भी सवाई मानसिंह अस्पताल में शुरू हुई। आठ साल में अस्पताल के चिकित्सकों ने ब्रेन डेड हुए लोगों के परिजनों की सहमति से उनके शरीर के गुर्दों का प्रत्यारोपण कर 52 से अधिक लोगों को नया जीवनदान दिया हैं। यानि की अब तक अस्पताल 52 से अधिक केडेवर ट्रांसप्लांट कर चुका है। किडनी के मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए एसएमएस अस्पतालम में 25 हीमोडायलिसिस मशीन लगाई गई है। जहां पर रोजाना चिकित्सक मरीजों का डायलिसिस करते है जो रक्त शोधन की एक प्रोसेस है।

हमारी जलवायु भी एक कारण
किडनी बीमारी में सारी डिजीज असिम्टोमेटिक होती है। इसमें लक्षण सबसे लास्ट में आते है, जब डायलिसिस कराने की नौबत आती है। हमारी जलवायु भी इस रोग का एक कारण है। गर्म प्रदेश के कारण डिहाइड्रेशन,गर्म जलवायु,पथरीला राज्य होने से पथरी के मरीज बढ़े है जो भी कारण है। घर में पैरेंट्स को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर व किडनी फेलियर आदि बीमारी रही है तो ऐसे लोग सावधान रहे।अधिक शुद्ध पानी पिए,ताजा व पौष्टिक भोजन ले और बिना सलाह के किसी भी तरह के दवा के सेवन से बचे तो बीमारी से बचाव हो सकता है।
डॉ.विनय मल्होत्रा,वरिष्ठ प्रोफेसर नेफ्रोलॉजी,एसएमएस अस्पताल

एसएमएस अस्पताल में डायलिसिस के लिए आने वाले मरीजों की हमने वेटिंग खत्म कर दी है। व्यवस्थाओं के तहत बिना इंतजार मरीजों के लिए डायलिसिस और 24 घंटे हर दिन किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा यहां पर है। मामूली से खर्चे पर प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में ट्रांसप्लांट हो रहा है। बीमारी से बचाव के लिए वजन नियंत्रित रखे,स्मोकिंग नहीं करें।
डॉ. धनंजय अग्रवाल,विभागाध्यक्ष,एसएमएस नेफ्रोलॉजी विभाग

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