राबड़ी देवी के बाद लालू प्रसाद से होगी पूछताछ

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राबड़ी देवी के बाद लालू प्रसाद से होगी पूछताछ

राबड़ी देवी के बाद लालू प्रसाद से होगी पूछताछ


CBI Raid in Patna : जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में लालू राबड़ी समेत कई आरोपियों को 15 मार्च को दिल्ली की अदालत में पेश होना है। इसके पहले 6 मार्च 2023 यानी सोमवार को सीबीआई ने पटना स्थित राबड़ी आवास में छापेमारी कर घंटों राबड़ी देवी से पूछताछ की।

 

नीलकमल, पटना: जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले की पड़ताल के लिए पूछताछ करने कोशिश सीबीआई की टीम पटना स्थित राबड़ी आवास में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ कर रही है। आपको बता दें कि 2015 में जब बिहार में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर बिहार में सरकार का गठन किया था। इसके बाद से ही बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी और लालू परिवार के जरिए किए गए भ्रष्टाचार के कई खुलासे किए थे। इसके बाद से ही लालू यादव के बुरे दिन शुरू हो गए थे।

सुशील मोदी ने ही किया था जमीन के बदले रेलवे की नौकरी का खुलासा

2015 में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार के किए गए कई भ्रष्टाचार का उजागर किया था। चाहे वह टिकट के बदले जमीन का मामला हो या फिर मॉल बनाने का मामला हो। सुशील कुमार मोदी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के किए गए कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। इन्हीं खुलासों में से एक खुलासा यह था कि बतौर रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद यादव ने रेलवे की ग्रुप डी में कई लोगों को उनके जमीन लेकर नौकरी देने का काम किया था। इस मामले पर सीबीआई ने संज्ञान लेकर लालू परिवार पर शिकंजा कसा। इसके बाद कोर्ट ने लालू परिवार समेत कुल 16 लोगों को 15 मार्च 2023 को दिल्ली की अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। लेकिन इसके ठीक 9 दिन पहले यानी 6 मार्च 2023 को ही सीबीआई की 12 सदस्य टीम ने पटना 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से घंटों पूछताछ की है।
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सीबीआई के छापेमारी पर तेजस्वी यादव का बयान

सीबीआई की टीम जब राबड़ी आवास पहुंची थी। उसके ठीक 10 मिनट पहले ही बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव विधानसभा के लिए रवाना हो चुके थे। इस पूरे मामले पर तेजस्वी यादव का कहना है कि जिस मामले में सीबीआई पूछताछ कर रही है वह कोई घोटाला ही नहीं है। तेजस्वी यादव ने उल्टा सवाल किया कि क्या किसी मंत्री के कहने या उसके हस्ताक्षर कर देने से सरकारी नौकरी मिल जाती है ? तेजस्वी यादव ने बताया कि 15 मार्च को इस मामले में दिल्ली की अदालत ने पेश होने का आदेश दिया है। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है तभी से उनके परिवार को केंद्र सरकार सरकारी एजेंसियों के माध्यम से परेशान करने का काम कर रही है। आपको बता दें कि जमीन लेकर रेलवे में नौकरी देने के मामले में दिल्ली की अदालत में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, रावड़ी देवी, मीसा भारती समेत 16 लोगों को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।
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पूछताछ को लेकर सीबीआई (CBI) का आया बयान

लगभग 5 घंटे राबड़ी देवी से पूछताछ करने के बाद सीबीआई की 12 सदस्य टीम राबड़ी आवास से बाहर निकली। बाहर निकलने के बाद सीबीआई के अधिकारी ने आधिकारिक तौर पर बताया कि पूछताछ के लिए आज की तारीख खुद राबड़ी देवी ने ही तय की थी। यानी सीबीआई का स्पष्ट तौर पर कहना था कि उनकी टीम पूछताछ के लिए अचानक नहीं पहुंची थी। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर इसके पहले भी सीबीआई की टीम राबड़ी आवास पहुंचकर पूछताछ कर चुकी थी। आपको यह भी बता दें कि रेलवे के नौकरी के लिए जमीन घोटाले के इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार समेत 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की थी।
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क्या है पूरा मामला

जमीन के बदले रेलवे में नौकरी मामले में CBI की ओर से दर्ज एफआईआर (FIR) में आरोप लगाया गया था कि रेलवे विभाग में नौकरी दिलाने के बदले जमीन लालू यादव और उनके परिवार को ट्रांसफर की गई है। सीबीआई के अनुसार यह मामला 2004-2009 का है, जब लालू रेल मंत्री थे। FIR (एफआईआर) में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव के नाम के साथ 13 उन अन्य लोगो के नाम भी शामिल हैं जिन्होंने जमीन देकर नौकरी पाने का काम किया है। आपको यह भी बता दें कि मई में इस मामले में FIR करने के बाद सीबीआई ने जुलाई 2022 को लालू यादव के बेहद करीबी भोला यादव को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया था।
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नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मामले में ही लालू से तोड़ी थी दोस्ती

सुशील मोदी की ओर से लगातार लालू परिवार के भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था। लालू परिवार पर कई भ्रष्टाचार के मामले उजागर किए जाने के बाद 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव और तेजस्वी यादव से भ्रष्टाचार के मामले पर जवाब देने को कहा था। लेकिन महागठबंधन सरकार में शामिल न तो राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और न ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस पूरे मामले पर कोई स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देना उचित समझा था। इसके बाद जुलाई 2017 में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से नाता तोड़ लिया और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। और कुछ ही घंटों बाद बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में एनडीए की सरकार बना ली थी। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में यह कहा था कि भ्रष्टाचार के मामले में ना तो राष्ट्रीय जनता दल और ना ही लालू परिवार में कोई सुधार हो सकता है।

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