राफेल, अपाचे और जांबाज… एक ही फ्रेम में सशक्त भारत की यह है बुलंद तस्वीर

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राफेल, अपाचे और जांबाज… एक ही फ्रेम में सशक्त भारत की यह है बुलंद तस्वीर

नई दिल्ली
‘ये नया हिंदुस्‍तान है, ये घर में घुसेगा भी और मारेगा भी…जिस वक्त ये डॉयलॉग बड़े पर्दे पर गूंजा था, याद करिए आपके भी रोंगटे खड़े हो गए होंगे। आपके भीतर बह रहे लहू की रफ्तार दोगुनी तेज हो गई होगी। आपकी अंतरात्मा ने जरूर कहा होगा कि बस बहुत हुआ अब हमारे हाथों में भी हथियार थमा दो और भेज दो सरहद। देखते हैं इन कायरों को…एक-एक को चुन चुनकर मारेंगे। एक ऐसी ही तस्वीर जो खुद में नए भारत को दर्शा रही है। दुश्मनों को ललकार रही है कि सुन लो ये 1962 का भारत नहीं है। इस तस्वीर को देखकर दुश्मन का कलेजा तो खाक होगा ही, हर हिंदुस्तानी का सीना गर्व से चौड़ा जरूर होगा। जी हां, ये डॉयलॉग फिल्म उरी का था। 18 सितंबर, 2016 को कायर आतंकियों ने कश्‍मीर के उरी बेस कैंप पर हमला कर हमारे निहत्‍थे 19 जवानों को शहीद किया था।

ये नए भारत की तस्वीर है
फिलहाल, देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के लद्दाख दौरे पर हैं। उनका यह दौरा बेहद अहम है क्योंकि चीन लगातार इसी क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए तरह-तरह की चालबाजी करता रहता है। इस तस्वीर को जरा गौर से देखिए। इसमें भारत की ताकत और गौरव नजर आ रहा है। इस तस्वीर को महज ग्रुप फोटो देखकर मत छोड़ दीजिए। ये तस्वीर गवाह है नए हिंदुस्तान की। ये तस्वीर अपने आप में एक मजबूत नींव है सशक्त भारत की। ये तस्वीर खतरे की घंटी है उन देशों के लिए, जो नापाक नजरों से हमारे देश की अस्मिता को देखते हैं।

तस्वीर पूरी कहानी है…
इस तस्वीर के पिछले हिस्से को देखिए। जहां पर भारत की आन बान शान की रक्षा के लिए 24 घंटे तैनात रहने वाले राफेल और अपाचे लड़ाकू विमान खड़े हैं। उसके पीछे हैं बर्फीली पहाड़ियां। ये जगह है लेह का एयरफोर्स स्टेशन। यहां का तापमान माइनस में चला जाता है। ऐसी हवाएं चलती हैं कि लगता है कि अगले ही पल हमारी सांसें रुक जाएंगी। लेकिन फौलाद की तरह हमारे जवान वहां डटे रहते हैं। इसी का नतीजा है कि चीन जैसे विस्तारवादी मानसिकता वाले देश ने भी घुटने टेक दिए।

चीन को नहीं पच रहा इंफ्रास्ट्रक्चर
पिछले साल जब ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चीन के बीच तनाव शुरू हुआ तो उसकी एक वजह यह भी बताई गई कि चीन को भारत का तेजी से सुधर रहा इंफ्रास्ट्रक्चर बर्दाश्त नहीं हो रहा है। भारत ने चीन बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का काम तेजी से किया है। चीन से तनाव के बीच भी भारत ने अपने काम में बाधा नहीं आने दी और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने काम जारी रखा। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बॉर्डर एरिया में बने 63 ब्रिज देश को समर्पित किए। बीआरओ ने ये ब्रिज 6 राज्यों और दो यूनियन टेरिटरी में बनाए हैं।

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बेहद अहम हैं ये ब्रिज
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिनों के लद्दाख दौरे पर हैं। लेह से 88 किलोमीटर आगे एक ब्रिज का उद्घाटन किया। यह ब्रिज 50 मीटर लंबा है और लेह-लोमा रोड पर बना है। अबतक यहां पर एक बैली ब्रिज था, जिसकी जगह पर स्टील का नया आधुनिक ब्रिज बनाया गया है। इससे भारी वेपन सिस्टम, गन्स, टैंक और दूसरे सैन्य साजोसामान को आसानी से ले जाया जा सकेगा। यह रोड ईस्टर्न लद्दाख में फॉरवर्ड एरिया तक जाने के लिए बेहद अहम है। चीन के साथ तनाव के बीच इसकी अहमियत और बढ़ जाती है। ईस्टर्न लद्दाख में पिछले साल से ही दोनों तरफ के 50-60 हजार सैनिक तैनात हैं और न भारत ने और न ही चीन ने सैनिकों की तैनाती में कोई कमी की है।

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कोई छेड़ेगा तो हम छोड़ेंगें नहीं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने जवानों के हौसले को सलाम किया। उन्होंने कहा कि भारत संवाद के माध्यम से पड़ोसियों के साथ विवादों का समाधान ढूंढने में यकीन रखता है लेकिन उकसाये या धमकाये जाने पर वह बर्दाश्त नहीं करेगा। सिंह ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, जो कभी कोई आक्रमण नहीं करता लेकिन उसके सशस्त्र बल देश को ‘आंख दिखाने वालों’ को माकूल जवाब देने के लिये हमेशा तैयार हैं। देश की सुरक्षा के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किये जाने की बात पर बल देते हुए सिंह ने कहा यदि स्पष्ट मंशा हो तो किसी भी विवाद का हल ढूंढा जा सकता है।

गलवान घाटी भीषण संघर्ष देश नहीं भूलेगा
उन्होंने पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भीषण संघर्ष में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘भारत शांतिप्रिय देश है, जो आक्रमण में विश्वास नहीं करता लेकिन यदि उसे उकसाया जाएगा तो वह मुंहतोड़ जवाब देगा।’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमें पिछले साल उत्तरी सीमा पर बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा । किंतु हमारे सशस्त्र बलों ने उससे निपटने के लिए अपना साहस एवं समर्पण दिखाया… हमारी सेना के पास हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता है।’



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