राजनीति आग का दरिया है… 40 डिग्री तापमान में चला सचिन पायलट का काफिला

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राजनीति आग का दरिया है… 40 डिग्री तापमान में चला सचिन पायलट का काफिला

राजनीति आग का दरिया है… 40 डिग्री तापमान में चला सचिन पायलट का काफिला

जयपुर/ अजमेर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद अब सचिन पायलट सड़कों पर उतर आए हैं। जयपुर में अनशन के बाद सचिन पायलट अब पदयात्रा पर निकल पड़े हैं। वे अपने हजारों समर्थकों के साथ अजमेर से लेकर जयपुर तक जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे हैं। पायलट गुरुवार सुबह जयपुर से ट्रेन में बैठकर अजमेर पहुंचे। अजमेर जंक्शन पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। बाद में वे सभा स्थल पर पहुंचे। करीब एक घंटे बाद दोपहर एक बजे चिलचिलाती धूप में सचिन पायलट का कारवां जयपुर के लिए पैदल रवाना हुआ। इससे पहले सचिन पायलट ने कहा कि दो दिन पहले जब उन्होंने पैदल मार्च का निर्णय लिया तो कुछ लोगों ने कहा कि इतनी भीषण गर्मी में आपने यह निर्णय क्यों लिया। मई का महीना है और आसमान से आग बरस रही है तो आप पैदल क्यों चलना चाहते हो। इसका जवाब देते हुए पायलट ने कहा कि राजनीति आग का दरिया है, इसे तैर कर पार करना है।

40 डिग्री तापमान में निकल पड़ा पायलट का काफिला

मई के महीने में आज अजमेर का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। दोपहर के समय भीषण गर्मी पड़ रही थी और आसमान से आग बरसने के साथ गर्म हवाएं चल रही थी। इसी तपती धूप में पायलट के समर्थन में हजारों समर्थक जन संघर्ष यात्रा में शामिल हुए। अजमेर शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष विजय जैन, कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेन्द्र सिंह रलावता, हेमन्त सिंह भाटी, रामनारायण, पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी, शाहपुरा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे मनीष यादव, विद्याधर चौधरी, जयपुर शहर लोकसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी रही ज्योति खंडेलवाल, सुरेश चौधरी, पंडित सुरेश शर्मा, यूथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल चौपड़ा, सुचिता आर्य सहित दर्जनों नेता पायलट के साथ जुटे हैं। हजारों समर्थक भी पायलट के साथ अजमेर से जयपुर के लिए पैदल रवाना हुए।

पेपर बेचने वाले बाबूलाल कटारा के घर बुलडोजर क्यों नहीं चल रहा

पेपर बेचने वाले बाबूलाल कटारा के घर बुलडोजर क्यों नहीं चल रहा

सचिन पायलट ने पेपर लीक का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब पीपरी में बुलडोजर चल सकता है तो प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए पेपर बेचने वाले बाबूलाल कटारा के घर पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया जा रहा। उन्होंने कहा कि पेपर लीक माफियाओं के तार और ऊपर तक जुड़े हैं लेकिन उन्हें बचाया जा रहा है। पायलट ने कहा कि उन्होंने कुछ महीनों पहले कहा था कि पेपर लीक मामले में लिप्त अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। तब मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि कोई भी नेता और अधिकारी पेपर लीक मामले में लिप्त नहीं है। बाद में आरपीएससी का सदस्य ही पेपर बेचने वाले गिरोह का मास्टर माइंड निकला।

लीज कैंसिल करने से अपराध कैंसिंल नहीं होता

लीज कैंसिल करने से अपराध कैंसिंल नहीं होता

पायलट ने कहा कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी तब हम सबने मिलकर तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करोड़ो रुपए के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। भले ही उस समय वसुंधरा राजे सत्ता में थी लेकिन उनके पास जनता को लूटने का कोई लाइसेंस नहीं था। खान घोटाल, बजरी घोटाला, ललित मोदी घोटाल सहित कई घोटाले हुए थे। जब हमने खान घोटाले को उजागर किया तो बाद में सरकार ने सारी लीज केंसिल कर दी। पायलट ने कहा कि सिर्फ लीज कैंसिल करने से अपराध कैंसिल नहीं होता। सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए थी। पायलट ने कहा कि उन्होंने तीन साल तक इंतजार किया। बाद में सरकार को बार बार पत्र लिखे और सालभर तक इंतजार किया लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब ही नहीं मिला।

हमने पाक साफ राजनीति की : सचिन पायलट

हमने पाक साफ राजनीति की : सचिन पायलट

पायलट ने कहा कि वे 23 साल से राजनीति में हैं। सांसद रहे, केन्द्रीय मंत्री रहे और उपमुख्यमंत्री भी रहे। उनके पिता भी लम्बे समय तक राजनीति में रहे। उनके बाद उनकी मां रमा पायलट भी राजनीति में रही। पूरा परिवार 45 साल से राजनीति रहते हुए महत्वपूर्ण पदों पर रहे लेकिन कभी एक फूटी कोड़ी के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। हमारे विरोधी भी हम पर अंगुली नहीं उठा सकते। अब हेमाराम चौधरी जैसे नेताओं पर चंद रुपए लेने के आरोप लगाए जा रहे हैं जिन्होंने 100 करोड़ रुपए की जमीन समाज के नाम पर दान कर दी। ओला परिवार 70 साल से राजनीति में है। पाक साफ राजनैतिक परिवार के बृजेन्द्र ओला पर आरोप लगाए जा रहे हैं। पायलट ने कहा कि अखबार में कुछ छपे या ना छपे लेकिन जनता असलियत जानती है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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