योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव को चुनौती देंगे मुजफ्फरनगर के मास्टर, पढ़ें इनकी पूरी कहानी

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योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव को चुनौती देंगे मुजफ्फरनगर के मास्टर, पढ़ें इनकी पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के शामली में चार हजार बीघा जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिये दुनिया का सबसे लंबा धरना देने वाले मास्टर विजय सिंह, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ (Yogi Adityanath) और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के खिलाफ चुनाव में उतर कर उन्हें चुनौती पेश करेंगे।

मास्टर विजय सिंह (Master Vijay Singh) गोरखपुर सदर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर योगी आदत्यिनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे जबकि मैनपुरी के करहल में वह अखिलेश यादव के खिलाफ पर्चे बांट कर भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई के दावे को खोखला बताने का प्रयास करेंगे।

26 वर्षों से धरना दे रहे हैं विजय सिंह
विजय सिंह ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि वह 26 वर्ष से भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के विरूद्ध धरना दे रहे हैं। मगर, अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने दावा किया कि शामली के गांव चैसाना की चार हजार बीघा सार्वजनिक भूमि पर एक भू माफिया का कथित अवैध कब्जा है।

मास्टर की शिकायत पर योगी ने कराई थी जांच
उन्होंने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री योगी ने उनकी शिकायत पर 2019 में जांच करायी थी। इसमें अवैध कब्जा साबित हो चुका है मगर, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने बताया कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उनकी शिकायत पर जांच कमेटी का गठन किया था, मगर नतीजा सिफर निकला। उनका दावा है कि अवैध कब्जे की जमीन की अनुमानित लागत करीब 600 करोड़ रूपये है।

क्यों चुनाव में उतर रहे हैं विजय सिंह?
विजय सिंह ने कहा कि चुनाव में उतरने के पीछे उनकी मंशा राजनेता अथवा विधायक बनने की नहीं है बल्कि योगी और अखिलेश की कथनी-करनी के अंतर को लोगों के सामने लाना है। विजय सिंह का 26 साल से अनवरत धरना लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, वर्ल्ड रिकार्ड इंडिया और मीरा सेल्स ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुका है।

2019 में योगी ने भी दिए थे जांच के आदेश
गौरतलब है कि 26 फरवरी 1996 को चैसाना के मास्टर विजय सिंह ने अवैध कब्जा हटवाने की मांग करते हुए मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना शुरू किया था। आठ अप्रैल 2019 को योगी की शामली में हुई चुनावी सभा में विजय सिंह ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद योगी ने शामली के जिलाधिकारी को जांच कराने के आदेश दिये थे। एसडीएम (ऊन) सुरेन्द्र सिंह ने जांच कर जिलाधिकारी को इसकी रिपोर्ट को रिपोर्ट दी थी। इसमें सैकड़ों करोड़ रुपये की कीमत वाली हजारों बीघा सार्वजनिक कृषि भूमि पर पूर्व विधायक जगत सिंह का अवैध कब्जा साबित हुआ था।  रिपोर्ट में जगत सिंह को भू माफिया घोषित करने की संस्तुति भी की गई थी।

‘कई बार बनी कमेटी, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई’
इससे पहले 2012 में कृषि भूमि को अवैध कब्जा मुक्त कराने के लिए विजय सिंह पद यात्रा करते हुए लखनऊ पहुंचे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर उन्होंने उक्त भूमि को कब्जा मुक्त कराने की मांग की। इस पर जांच कमेटी गठित की गई, लेकिन आरोपियों के सपा में चले जाने के कारण राजनीतिक हस्तक्षेप व भ्रष्टाचार के चलते कोई कार्यवाही नहीं की गई।

विजय सिंह ने बताया कि योगी के आदेश पर हुयी जांच और इसकी रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग के लिए वह 25 दिसंबर 2021 को लखनऊ गए थे। जब वह एक पत्र टाइप कराने जा रहे थे तो जीपीओ पर लखनऊ एलआईयू इंस्पेक्टर अश्वनी सिंह ने हजरत गंज कोतवाली पुलिस द्वारा उन्हें अवैध हिरासत में ले लिया था। कोतवाली में उन्हें पांच घंटे तक अवैध हिरासत में रखा गया। एलआईयू इंस्पेक्टर का इरादा अच्छा नहीं था, लेकिन इस दौरान एक पत्रकार ने कोतवाली पहुंचकर उन्हें छुड़वाया। 



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