येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद कर्नाटक में हंगामा, विरोध में समर्थकों ने बंद कराए बाजार
बीएस येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद, शिवमोग्गा जिले में उनके गृहनगर शिकारीपुरा में उनके समर्थकों ने सोमवार को सभी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, येदियुरप्पा के इस्तीफे से निराश उनके समर्थकों ने शिकारीपुरा में सभी दुकानें बंद कर दीं।
शिकारीपुरा में पुरसभा अध्यक्ष के रूप में अपनी चुनावी राजनीति शुरू करने वाले येदियुरप्पा पहली बार 1983 में शिकारीपुरा से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए थे और उसी सीट से आठ बार जीते थे। लिंगायत समुदाय के एक प्रमुख सदस्य येदियुरप्पा को कर्नाटक भाजपा के चेहरे के रूप में जाना जाता है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके इस्तीफे ने उनके गढ़ में कई लोगों को परेशान किया है।
अपने इस्तीफे पर अनिश्चितता और अटकलों के हफ्तों के बाद, बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। येदियुरप्पा ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को धन्यवाद दिया। अपनी सरकार के दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट सौंपते हुए येदियुरप्पा ने बुझी हुई आवाज में कहा, “आपकी अनुमति से मैंने फैसला किया है कि दोपहर के भोजन के बाद मैं राजभवन जाऊंगा और राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दूंगा।”
Supporters of Caretaker Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa at his hometown Shikaripura, in Shivamogga district shut down shops and commercial establishments in disappointment after he resigned from CM post. pic.twitter.com/hoNXYoEZvj
— ANI (@ANI) July 26, 2021
येदियुरप्पा ने कहा, “दुख से नहीं, बल्कि खुशी के साथ अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं।” उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को धन्यवाद दिया कि उन्होंने 75 साल से अधिक उम्र के होने के बावजूद उन्हें दो साल तक मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका दिया।
भाषण के दौरान, येदियुरप्पा ने दो साल के अपने कार्यकाल को अग्नि परीक्षा करार दिया। उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में बिना कैबिनेट के प्रशासन चलाना था, इसके बाद विनाशकारी बाढ़ और फिर कोरोना वायरस के कहर का सामना किया।
बीएस येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद, शिवमोग्गा जिले में उनके गृहनगर शिकारीपुरा में उनके समर्थकों ने सोमवार को सभी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, येदियुरप्पा के इस्तीफे से निराश उनके समर्थकों ने शिकारीपुरा में सभी दुकानें बंद कर दीं।
शिकारीपुरा में पुरसभा अध्यक्ष के रूप में अपनी चुनावी राजनीति शुरू करने वाले येदियुरप्पा पहली बार 1983 में शिकारीपुरा से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए थे और उसी सीट से आठ बार जीते थे। लिंगायत समुदाय के एक प्रमुख सदस्य येदियुरप्पा को कर्नाटक भाजपा के चेहरे के रूप में जाना जाता है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके इस्तीफे ने उनके गढ़ में कई लोगों को परेशान किया है।
अपने इस्तीफे पर अनिश्चितता और अटकलों के हफ्तों के बाद, बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। येदियुरप्पा ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को धन्यवाद दिया। अपनी सरकार के दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट सौंपते हुए येदियुरप्पा ने बुझी हुई आवाज में कहा, “आपकी अनुमति से मैंने फैसला किया है कि दोपहर के भोजन के बाद मैं राजभवन जाऊंगा और राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दूंगा।”
Supporters of Caretaker Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa at his hometown Shikaripura, in Shivamogga district shut down shops and commercial establishments in disappointment after he resigned from CM post. pic.twitter.com/hoNXYoEZvj
— ANI (@ANI) July 26, 2021
येदियुरप्पा ने कहा, “दुख से नहीं, बल्कि खुशी के साथ अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं।” उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को धन्यवाद दिया कि उन्होंने 75 साल से अधिक उम्र के होने के बावजूद उन्हें दो साल तक मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका दिया।
भाषण के दौरान, येदियुरप्पा ने दो साल के अपने कार्यकाल को अग्नि परीक्षा करार दिया। उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में बिना कैबिनेट के प्रशासन चलाना था, इसके बाद विनाशकारी बाढ़ और फिर कोरोना वायरस के कहर का सामना किया।