मायावती आज लेंगी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में हिस्सा, प्रदेश BSP कार्यालय से होगी चुनावी अभियान की शुरुआत

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मायावती आज लेंगी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में हिस्सा, प्रदेश BSP कार्यालय से होगी चुनावी अभियान की शुरुआत

लखनऊ
बसपा प्रमुख मायावती मंगलवार को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में शिरकत कर अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगी। सम्मेलन प्रदेश बसपा कार्यालय में 12 बजे से शुरू होगा। इसमें बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद रहेंगे। वह जिलों में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर रहे हैं। इसका पांचवां चरण शुरू हो रहा है। सूत्रों का मानना है कि मायावती प्रबुद्ध सम्मेलन में ना केवल पार्टी के कामकाज के बारे में लोगों को बताएंगी बल्कि आगे के कार्यक्रम भी साझा कर सकती हैं।

बसपा एक बार फिर सोशल इंजिनियरिंग के फॉर्म्युले पर चलते हुए ब्राह्मणों को साथ लाने की कोशिश में जुटी है। इसकी कमान बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के पास है। मंगलवार को बसपा प्रमुख मायावती पहली बार प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित करेंगी। जानकारों का कहना है कि दरअसल बसपा की मंशा है कि ब्राह्मण बसपा की तरफ आए और दलित-मुस्लिम गठजोड़ के वोटों में इजाफा हो। वर्ष 2007 में बसपा को मिले पूर्ण बहुमत के पीछे इसी फॉर्म्युले को देखा जाता है। तब भी बसपा ने भाईचारा समितियों का गठन किया था और ब्राह्मणों को रिझाने के लिए इस तरह के सम्मेलन किए गए थे।

ब्राह्मणों की गोलबंदी को और आगे ले जाना चाहती हैं मायावती
प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों का चौथा चरण समाप्त होने को है। पांचवां चरण गोरखपुर से शुरू होना है। इसके पहले मायावती के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में हिस्सा लेने को राजनीतिक जानकार उस प्रयास के तौर पर देख रहे हैं, जिसमें ब्राह्मणों की गोलबंदी को अगले स्तर पर ले जाया जाए। बसपा के ही प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों के बाद सपा और फिर भाजपा ने इसी तरह के कार्यक्रम करने शुरू किए। माना जा रहा है कि मायावती अब इन दलों के कार्यक्रमों के आगे बसपा के सम्मेलन की पहुंच बढ़ाने के इरादे से मंगलवार को सम्मेलन में पहुंचेंगी।

सम्मेलनों में हर जिले से प्रबुद्ध वर्ग की भागीदारी बढ़ी है। हमें सबका समर्थन मिल रहा है।

सतीश चंद्र मिश्र, महासचिव, बसपा

महापंचायत से उत्साहित हैं
मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत से मायावती उत्साहित हैं। जिस तरह से वहां एक ही मंच से हिंदू और मुस्लिमों दोनों के लिए नारे लगे, उससे बसपा को एक आस जगी है। दरअसल पश्चिमी यूपी बसपा के लिए उपजाऊ राजनीतिक जमीन रही है। लेकिन 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद सामाजिक दूरियों की वजह से बसपा का चुनावी समीकरण यहां बिगड़ गया था। लेकिन अब स्थितियां कुछ सुधरती सी दिख रही हैं। मायावती ने इसपर सोमवार को अपने ट्वीट में खुशी भी जताई है।

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