मर्डर इन कोर्टरूम: किसी ने कान काटे, किसी ने गुप्‍तांग.. 100 औरतों की भीड़ और हत्‍यारे की हत्‍या

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मर्डर इन कोर्टरूम: किसी ने कान काटे, किसी ने गुप्‍तांग.. 100 औरतों की भीड़ और हत्‍यारे की हत्‍या

मर्डर इन कोर्टरूम: किसी ने कान काटे, किसी ने गुप्‍तांग.. 100 औरतों की भीड़ और हत्‍यारे की हत्‍या

अपराध की दुनिया में कुछ किस्‍से ऐसे हैं, जिनका सच शायद ही कभी सामने आए। भरत कालीचरण यादव उर्फ अक्‍कू यादव। साल 2004 में नागपुर पुलिस अक्‍कू को कोर्टरूम में पेश कर रही थी। तभी वहां सैकड़ों महिलाओं की भीड़ आती है। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, पत्‍थर बरसने लगते हैं। देखते ही देखते सैकड़ों महिलाएं चाकू, हंसिया लेकर अक्‍कू पर टूट पड़ती हैं। किसी ने उसके कान काटे तो किसी ने गुप्‍तांग, उसके शरीर को मिनटों में नुकीले हथ‍ियारों से छलनी कर दिया गया। कोई सोच भी नहीं सकता कि एक भीड़ भरे कोर्टरूम में ऐसे किसी अपराध को अंजाम दिया जा सकता है। लेकिन ऐसा हुआ। पुलिस से लेकर सीआईडी तक ने इस मामले की जांच की, लेकिन यह अब तक अबूझ पहेली ही है आख‍िर यहां हत्‍यारा है कौन, वो अक्‍कू जिस पर सीरियल किलिंग, सीरियल रेपिस्‍ट, मारपीट, वसूली के आरोप थे या वो सैकड़ों महिलाएं, जिनमें कोई सब्‍जी वाली थी तो कोई साफ-सफाई करने वाली।

नेटफ्ल‍िक्‍स ने अपनी सीरीज Indian Predator: Season 3 में अक्‍कू यादव की नृशंस हत्‍या की इसी कहानी को लेकर आई है। Murder in a Courtroom के नाम से इस डॉक्‍यूमेंट्री सीरीज का ट्रेलर रिलीज हो गया है। यह सीरीज 18 साल बाद इलाके की महिलाओं, पुलिस के अध‍िकारियों, मीडिया रिपोर्ट और कही-सुनी बातों की पड़ताल करती है। यह जानने की कोश‍िश कि आख‍िर भीड़-भाड़ वाले कोर्ट रूम के बीच में अक्‍कू यादव की हत्या को अंजाम कैसे दिया गया और इसके पीछे कौन था। क्या थी इस हत्या की असली वजह? महिलाएं या अक्कू। या फिर वो चार लोग, जिन्‍हें इस पूरी मॉब लिंचिंग का मास्‍टरमाइंड बताया गया।

वो लुटेरा था, हत्‍यारा था, रेपिस्‍ट था, किडनैपर था
एक मिनट और 48 सेकेंड के ट्रेलर में हमें भीड़ भरे कोर्ट रूम के बीच हुई इस हत्‍या का नाट्य रूपांतरन का अंश देखने को मिलता है। एक सच्‍ची घटना, जिसने 2004 में देश को हिलाकर रख दिया था। महिलाओं के एक समूह ने एक स्थानीय गुंडे Akku Yadav की हत्या कर दी। ये महिलाएं नागपुर के एक ऐसी झुग्गी बस्‍ती से आती थीं, जो उपेक्ष‍ित था। भरत कालीचरण एक गैंगस्टर, एक लुटेरा, एक चोर, एक अपहरणकर्ता, एक सीरियल रेपिस्ट, एक जबरन वसूली करने वाला और सीरियल किलर था।

‘इंडियन प्रीडेटर 3: मर्डर इन ए कोर्टरूम’ का ट्रेलर

सीआईडी की जांच में था 4 लोगों का जिक्र
यह घटना 13 अगस्त 2004 की है। सैकड़ों महिलाओं ने न सिर्फ अक्‍कू यादव की कोर्टरूम में घुसकर हत्‍या की, बल्‍क‍ि इसकी जिम्‍मेदारी भी ली। उनमें से कुछ महिलाओं को हिरासत ने हिरासत में भी लिया। लेकिन अंत में उन्हें दोषी नहीं पाया गया। यह दिलचस्‍प है कि जो सबकी आंखों से सामने हुआ, उसका सच कहीं आज भी छ‍िपा हुआ है। तथ्य यही है कि लिंचिंग में सैकड़ों महिलाएं शामिल थीं। लेकिन राज्य की सीआईडी ने जांच के बाद जो कहा, वह एक अलग कहानी कहती है। वरिष्ठ पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चार पुरुषों ने इस लिंचिंग को अंजाम दिया और जिन महिलाओं ने जिम्मेदारी ली, वे सिर्फ उन चार लोगों की रक्षा कर रही थीं। हालांकि, यह भी तथ्‍य है कि किसी भी आरोपी महिला ने पुलिस की इस कहानी को सपोर्ट नहीं किया।

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अक्‍कू यादव के शरीर पर सैकड़ों चाकू के निशान
पुलिस के मुताबिक, जब लिंचिंग की भीड़ दिखाई दी तो वहां पुरुष और महिलाएं मौजूद थे। लिंचिंग के दिन बीबीसी न्यूज ने कहा कि करीब 14 महिलाएं और कुछ बच्चे कोर्ट रूम में घुसे और अक्‍कू यादव की चाकुओं से हत्या कर दी। उसके शरीर पर चाकू के सैकड़ों निशान मिले। जबकि वहां मौजूद लोगों का कहना है कि वहां 100 से अध‍िक महिलाएं थीं।

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28 अक्‍टूबर को रिलीज होगी ‘इंडियन प्रीडेटर-3: मर्डर इन एक कोर्टरूम’
नेटफ्लिक्स पर इस डॉक्‍यूमेंट्री सीरीज से पहले इस घटना पर एक फिल्‍म ‘200: हल्ला हो’ भी रिलीज हो चुकी है। 20 अगस्त 2021 को ZEE5 पर यह फिल्‍म आई। फिल्म में साहिल खट्टर को अपराधी की भूमिका में दिखाया गया था, जिसे लिंच किया गया था। बहरहाल, ‘इंडियन प्रीडेटर: मर्डर इन ए कोर्टरूम’ का प्रीमियर 28 अक्टूबर, 2022 को नेटफ्लिक्स पर हो रहा है।