भारतीय संस्कृति में विवाह केवल उत्सव नहीं बल्कि एक संस्कार | In Indian culture, marriage is not just a celebration but a sacrament | Patrika News
भारतीय संस्कृति में विवाह केवल उत्सव नहीं बल्कि एक संस्कार है। यह दो आत्माओं, दो परिवारों, दो परम्पराओं के मिलन के साथ एक नए परिवार की जीवन यात्रा का शुभारंभ भी है।
इंदौर
Updated: September 17, 2022 06:08:29 pm
इंदौर. महंगी वेबसाईट के चक्कर में पढऩे से परिचय सम्मलेन जैसे सामाजिक आयोजन ज्यादा अच्छे है। इसमें प्रत्याशी रूबरू मिल सकते हैं व अभिभावक भी मौजूद रहते हैं। लडक़ी का विवाह 22-23 वर्ष तथा लडक़े का विवाह 23-25 वर्ष में करना ही श्रेयस्कर है। उसके बाद के विवाह कई मुश्किलों को जन्म देते हैं, जिनमें बच्चों की पैदाइश से लेकर तलाक तक की समस्या मुख्य है।
यह बात माहेश्वरी विवाह प्रकोष्ठ सेवा ट्रस्ट द्वारा दस्तूर गार्डन पर आयोजित 34वें अभा माहेश्वरी युवा परिचय सम्मलेन के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि कर सलाहकार, मुंबई व अभा माहेश्वरी महासभा के अर्थ मंत्री आरएल काबरा ने कही। उन्होंने विवाह के बाद भी पढ़ाई जारी रखने की पैरवी करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में विवाह केवल उत्सव नहीं बल्कि एक संस्कार है। यह दो आत्माओं, दो परिवारों, दो परम्पराओं के मिलन के साथ एक नए परिवार की जीवन यात्रा का शुभारंभ भी है। इस अवसर पर उद्योगपति रमेशचंद्र चितलांग्या, गोपाल मूंगड़ ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में अन्य प्रदेशों से 1500 से अधिक लोग शामिल हुए। वहीं विदेशों से भी प्रविष्ठियां आई। मंच पर जिला माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष राजेश मूंगड़, वीणा सोमानी, सुमन सारडा, सुमन सोनी, घनश्याम झंवर, सुभाष राठी भी उपस्थित थे। संस्था के अध्यक्ष कमल भुराडिय़ा व सम्मलेन अध्यक्ष रामेश्वरलाल असावा ने बताया कि समारोह में वरिष्ठ समाजसेवी बीएल कासट का सम्मान किया गया। समारोह में बहुरंगी स्मारिका परिचय दर्पण का विमोचन ट्रस्टी रामस्वरूप मूंदड़ा, एनडी कुईया ने अतिथियों से करवाया। इसमें 700 से अधिक प्रत्याशी की जानकारी दर्ज है। अतिथियों का स्वागत पुरूषोत्तम पसारी, लक्ष्मण पटवा, राम जाखेटिया, अशोक धूत, कल्याण मंत्री ने किया। संचालन माधुरी सोमानी ने व आभार राम जाखेटिया ने माना। सम्मलेन रविवार व सोमवार को सुबह 9 से शाम 7 बजे तक जारी रहेगा।
बॉक्स – सबसे पहले की शुरुआत, 33 वर्ष में 20 हजार रिश्ते जोड़े
स्वागताध्यक्ष राजकुमार साबू ने कहा कि 34 वर्षों से चली आ रही परंपरा निर्बाध जारी रहना एक उपलब्धि है। अध्यक्ष कमल भुराडिय़ा ने बताया कि पिछले 33 वर्षों में इस सम्मेलनों के माध्यम से 20 हजार से अधिक संबंध संपन्न हो चुके हैं। नियत तिथि के बाद आए 200 बायोडाटा हमने स्वीकार नहीं किए। कई लोग हमारी विवरणिका के माध्यम से भी अपने बच्चों के लिए रिश्ते ढूंढते हैं। हमारी संस्था ने ही सर्वप्रथम परिचय सम्मेलन जैसे सामाजिक आयोजन की शुरुआत की थी। इन आयोजनों से पैसे, समय और श्रम की बचत होती है। आज हमें खुशी ही है कि अन्य समाजों ने इस प्रथा का अनुसार कर बड़े स्तर पर युवक-युवती परिचय सम्मेलन के साथ ही सर्वधर्म, विधवा-विधुर व तलाकशुदा, दिव्यांग जैसे परिचय सम्मेलन भी करवाए जा रहे हैं।
भारतीय संस्कृति में विवाह केवल उत्सव नहीं बल्कि एक संस्कार
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भारतीय संस्कृति में विवाह केवल उत्सव नहीं बल्कि एक संस्कार है। यह दो आत्माओं, दो परिवारों, दो परम्पराओं के मिलन के साथ एक नए परिवार की जीवन यात्रा का शुभारंभ भी है।
इंदौर
Updated: September 17, 2022 06:08:29 pm
इंदौर. महंगी वेबसाईट के चक्कर में पढऩे से परिचय सम्मलेन जैसे सामाजिक आयोजन ज्यादा अच्छे है। इसमें प्रत्याशी रूबरू मिल सकते हैं व अभिभावक भी मौजूद रहते हैं। लडक़ी का विवाह 22-23 वर्ष तथा लडक़े का विवाह 23-25 वर्ष में करना ही श्रेयस्कर है। उसके बाद के विवाह कई मुश्किलों को जन्म देते हैं, जिनमें बच्चों की पैदाइश से लेकर तलाक तक की समस्या मुख्य है।
यह बात माहेश्वरी विवाह प्रकोष्ठ सेवा ट्रस्ट द्वारा दस्तूर गार्डन पर आयोजित 34वें अभा माहेश्वरी युवा परिचय सम्मलेन के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि कर सलाहकार, मुंबई व अभा माहेश्वरी महासभा के अर्थ मंत्री आरएल काबरा ने कही। उन्होंने विवाह के बाद भी पढ़ाई जारी रखने की पैरवी करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में विवाह केवल उत्सव नहीं बल्कि एक संस्कार है। यह दो आत्माओं, दो परिवारों, दो परम्पराओं के मिलन के साथ एक नए परिवार की जीवन यात्रा का शुभारंभ भी है। इस अवसर पर उद्योगपति रमेशचंद्र चितलांग्या, गोपाल मूंगड़ ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में अन्य प्रदेशों से 1500 से अधिक लोग शामिल हुए। वहीं विदेशों से भी प्रविष्ठियां आई। मंच पर जिला माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष राजेश मूंगड़, वीणा सोमानी, सुमन सारडा, सुमन सोनी, घनश्याम झंवर, सुभाष राठी भी उपस्थित थे। संस्था के अध्यक्ष कमल भुराडिय़ा व सम्मलेन अध्यक्ष रामेश्वरलाल असावा ने बताया कि समारोह में वरिष्ठ समाजसेवी बीएल कासट का सम्मान किया गया। समारोह में बहुरंगी स्मारिका परिचय दर्पण का विमोचन ट्रस्टी रामस्वरूप मूंदड़ा, एनडी कुईया ने अतिथियों से करवाया। इसमें 700 से अधिक प्रत्याशी की जानकारी दर्ज है। अतिथियों का स्वागत पुरूषोत्तम पसारी, लक्ष्मण पटवा, राम जाखेटिया, अशोक धूत, कल्याण मंत्री ने किया। संचालन माधुरी सोमानी ने व आभार राम जाखेटिया ने माना। सम्मलेन रविवार व सोमवार को सुबह 9 से शाम 7 बजे तक जारी रहेगा।
बॉक्स – सबसे पहले की शुरुआत, 33 वर्ष में 20 हजार रिश्ते जोड़े
स्वागताध्यक्ष राजकुमार साबू ने कहा कि 34 वर्षों से चली आ रही परंपरा निर्बाध जारी रहना एक उपलब्धि है। अध्यक्ष कमल भुराडिय़ा ने बताया कि पिछले 33 वर्षों में इस सम्मेलनों के माध्यम से 20 हजार से अधिक संबंध संपन्न हो चुके हैं। नियत तिथि के बाद आए 200 बायोडाटा हमने स्वीकार नहीं किए। कई लोग हमारी विवरणिका के माध्यम से भी अपने बच्चों के लिए रिश्ते ढूंढते हैं। हमारी संस्था ने ही सर्वप्रथम परिचय सम्मेलन जैसे सामाजिक आयोजन की शुरुआत की थी। इन आयोजनों से पैसे, समय और श्रम की बचत होती है। आज हमें खुशी ही है कि अन्य समाजों ने इस प्रथा का अनुसार कर बड़े स्तर पर युवक-युवती परिचय सम्मेलन के साथ ही सर्वधर्म, विधवा-विधुर व तलाकशुदा, दिव्यांग जैसे परिचय सम्मेलन भी करवाए जा रहे हैं।
भारतीय संस्कृति में विवाह केवल उत्सव नहीं बल्कि एक संस्कार
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