बिहार पुलिस एकेडमी : सूबे को इसी माह मिलेंगे 1980 नये दारोगा
बिहार पुलिस एकेडमी : सूबे को इसी माह मिलेंगे 1980 नये दारोगा
ऐतिहासिक 733 महिला दारोगा होंगी पासआउट, 2021 में 600 महिला एसआई देने के खुद के रिकॉर्ड को तोड़ेगी
बदलेगा बिहार पुलिस का स्वरूप, महिला अधिकारियों का बढ़ेगा अनुपात
एक ही संस्थान में दी गयी पुलिस अधिकारियों को पूरी ट्रेनिंग
फोटो :
ट्रेनिंग : राजगीर की बिहार पुलिस एकेडमी।
ट्रेनिंग01 : ट्रेनिंग के दौरान राजगीर बिहार पुलिस एकेडमी में करतब दिखाते पुलिस अधिकारी।
बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता।
बिहार पुलिस एकेडमी पुलिस महकमा के इतिहास में फिर नया अध्याय जोड़ेगा। इसी माह सूबे को 1980 नये दारोगा देगी। ऐतिहासिक तथ्य यह कि पासआउट होने वालों में 733 महिला दारोगा होंगी। वर्ष 2021 में देश में बनाये खुद के रिकॉर्ड को तोड़ेगी। उस वक्त कुल 1,605 में 600 महिला दारोगा देने का एकेडमी ने रिकॉर्ड बनाया था। नये बैच के पासआउट होने से बिहार पुलिस का स्वरूप ही बदल जाएगा। महिला अधिकारियों का अनुपात अन्य किसी भी राज्य से बेहतर हो जाएगा।
इन्हें पासआउट करने की सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी हैं। संभव है कि फरवरी के अंतिम अथवा मार्च के पहले हफ्ते में उन्हें फिल्ड में उतार दिया जाये। बिहार के लिए यह दूसरा मौका है, जब एक ही संस्थान में पुलिस अधिकारियों को पूरी ट्रेनिंग दी गयी है। दो साल पहले तक बिहार के चयनित पुलिस अधिकारियों को सूबे के कई संस्थानों के अलावा दूसरे राज्यों में भेजकर ट्रेनिंग पूरी करायी जाती थी।
पहली बार नयी ट्रेनिंग:
पासआउट होने वाले पुलिस अधिकारियों को कई ऐसे विषयों की शिक्षा दी गयी है, जिन्हें पहले के दारोगा जानते तक नहीं हैं। इन्हें साइबर अपराध, भीड़तंत्र ने निपटने, एटीएम क्लोनिंग, बैंक फ्रॉड से लेकर ड्राइविंग के साथ ही घुड़सवारी व तैराकी की अव्वल दर्जे की ट्रेनिंग दी गयी है। ये दारोगा श्वान दस्ता का भी संचालन करने में निपुण होंगे।
इनडोर ट्रेनिंग:
इनडोर ट्रेनिंग के तहत पुलिस शिक्षा, कानूनी शिक्षा, सामाजिक विज्ञान, फोरेंसिक साइंस और मेडिसिन, प्रबंधन, साइबर फोरेंसिक्स, आईटी एंड कम्प्यूटर, वीआईपी ड्यूटी, मीडिया हैंडलिंग, क्रिमिनोलॉजी (अपराध विज्ञान), पेनोलॉजी (जेल संबंधित विद्या), विक्टिमोलॉजी (पीड़ित विज्ञान), यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण की शिक्षा दी गयी है। यहां फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की स्थापना की जा रही है।
आउटडोर ट्रेनिंग :
आउटडोर ट्रेनिंग में पीटी, परेड, योग, ध्यान, ड्रिल, मस्केट्री (फायरिंग), वीपन ट्रेनिंग, हॉर्स राइडिंग, नाइट वर्क ट्रेनिंग, स्वीमिंग करायी जाती है।
आंकड़े की नजर में राजगीर पुलिस एकेडमी :
1. जमीन : 133 एकड़
2. भवन निर्माण की लगात : 177 करोड़
3. उपस्कर की लगात : 29 करोड़
4. शिलान्यास : 13 अगस्त 2010
5. उद्घाटन : 03 दिसंबर 2018
अधिकारी बोले :
पासआउट होने वाले पुलिस अधिकारियों को हर तरह के अपराध से निपटने की पूरी ट्रेनिंग दी गयी है। अपराध के बढ़ते दायरों को ध्यान में रखकर कई नये विषयों की सैद्धांतिक के साथ ही प्रायोगिक जानकारियां दी गयी हैं।
मो. अब्दुल्लाह खान, उपनिदेशक, बिहार पुलिस एकेडमी, राजगीर
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