बांग्लादेशी नागरिक मामले में पूर्व पार्षद की जमानत याचिका खारिज, Irfan Solanki का है करीबी

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बांग्लादेशी नागरिक मामले में पूर्व पार्षद की जमानत याचिका खारिज, Irfan Solanki का है करीबी

बांग्लादेशी नागरिक मामले में पूर्व पार्षद की जमानत याचिका खारिज, Irfan Solanki का है करीबी


कानपुरः यूपी के कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बांग्लादेशी नागरिक को निवास प्रमाण जारी करने के मामले में पूर्व पार्षद मन्नू रहमान की जमानत याचिका जिला जज संदीप जैन ने खारिज कर दी है। पूर्व पार्षद विधायक इरफान सोलंकी का करीबी है। मन्नू रहमान का पुराना आपराधिक इतिहास है। मूलगंज थाने में उस पर 21 मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में पुलिस ने सपा विधायक विधायक इरफान सोलंकी को भी आरोपी बनाया है।

कानपुर में एक बांग्लादेशी परिवार बीते कई वर्षों से छिपकर मूलगंज में रह रहा था। बांग्लादेश में रहने वाला रिजवान कई साल पहले कानपुर आया था। उसने कानपुर में हिना नाम की युवती से शादी कर ली। हिना से उसके एक बेटा, दो बेटियां हैं। रिजवान बांग्लादेश, पाकिस्तान, मलेशिया, नेपाल समेत कई देशों की यात्रा कर चुका है। पुलिस ने बीते रविवार (11 दिसंबर 2022) को परिवार समेत अरेस्ट किया था। पुलिस इस मामले में 6 लोगों को जेल भेज चुकी है। पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान रिजवान के घर से 14 लाख कैश, विदेशी करेंसी, नशीली दवाएं, फर्जी दस्तावेज, पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र बरामद किए थे।

विधायक और पूर्व पार्षद बने आरोपी

पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान, पत्नी हिना, ससुर खालिद, बेटी रुखसाना और दो नाबालिक बेटों को इंपीरियल अपार्टमेंट से अरेस्ट कर किया था। पुलिस ने धोखाधड़ी, षड्यंत्र रचने, विदेशी अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जेल भेजा था। पुलिस की जांच में स्पष्ट हुआ था कि विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद मन्नू रहमान ने विदेशी नागरिकों को पनाह दी थी। इसके साथ ही उन्हें भारतीय नागरिक प्रमाणपत्र बनवाने में मदद की है। उनके प्रपत्रों को सत्यापित करने का भी काम किया था। रिजवान की पत्नी हिना पर पासपोर्ट एक्ट और विदेशी अधिनियम एक्ट, जबकि ससुर खालिद और बच्चों पर विदेशी विषयक के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने रखा तर्क

पूर्व पार्षद मन्नू रहमान के अधिवक्ता ने कोर्ट के सामने तर्क रखते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के दबाव में झूठा फंसाया गया है। आरोपियों को किसी तरह का लेटर हेड जारी नहीं किया गया है। किसी भी विदेशी नागरिक को नहीं जानते हैं। पुलिस ने गलत तरह से तथ्यों को पेश किया है। वहीं, पुलिस पूर्व पार्षद मन्नू रहमान की चार्जशीट पेश नहीं की है।

अभियोजन पक्ष ने रखे तर्क

एडीजीसी रवींद्र अवस्थी ने कोर्ट के सामने तर्क रखा। उन्होंने कहा कि पार्षद मन्नू रहमान ने विधायक इरफान सोलंकी के साथ मिलकर विदेशी नागरिक रिजवान फर्जी आधार कार्ड बनवाने के लिए अपने लेटर हेड पर निवास प्रमाणपत्र जारी किया। इसके जरिए रिजवान ने फर्जी आधार कार्ड और अन्य प्रपत्र तैयार कराए थे। इसके साथ ही मन्नू रहमान का पुराना आपराधिक इतिहास है। मूलगंज थाने में उस पर 21 मुकदमे और एक मुकदमा कोतवाली में दर्ज है।

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