फिरोजाबाद, मथुरा और आगरा में ज्यादातर मौतें डेंगू के D-2 स्ट्रेन की वजह से हुईं- ICMR

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फिरोजाबाद, मथुरा और आगरा में ज्यादातर मौतें डेंगू के D-2 स्ट्रेन की वजह से हुईं- ICMR

उत्तर प्रदेश के मथुरा, आगरा और फिरोजाबाद जिले में ज्यादातर मौतें डेंगू बुखार की वजह से हुई है। आईसीएमआर के निदेशक-जनलर डॉक्टर बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा कि इन राज्यों में ज्यादातर मौतें डेंगू के D-2 स्ट्रेन से हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह स्ट्रेन खतरनाक है। नीति आयोग (स्वास्थ्य)के सदस्य, डॉक्टर वी के पॉल ने लोगों से अपील की है कि वो सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि डेंगू की वजह से कई तरह की गंभीर समस्याएं सामने आ सकती हैं औप मौतें भी हो सकती हैं। 

डॉक्टर वी के पॉल ने कहा कि मॉक्यूटो नेट का इस्तेमाल कर इस बीमारी से बचें। डेंगू से मौत हो सकती हैं। हमारे पास डेंगू का वैक्सीन भी नहीं है। इसलिए डेंगू को गंभीर बीमारी के तौर पर लेने की जरुरत है। हमें डेंगू के खिलाफ लड़ने की जरुरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू वायरस serotype 2 (DENV-2 or D2)बेहद खतरनाक है।  हाल ही में एक केंद्रीय टीम ने फिरोजाबाद जिले का दौरा किया था। टीम ने कहा था कि यहां ज्यादातर मौतें डेंगू की वजह से हुई है।

बता दें कि फिरोजाबाद में वायरल और डेंगू बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो और बच्चों की मौत के बाद इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 57 हो गई है। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर संगीता अनेजा ने बृहस्पतिवार को बताया कि कॉलेज के बाल रोग पृथक-वास वार्ड में 403 मरीज भर्ती हैं। मेडिकल कॉलेज के इस वार्ड में उपचार के दौरान बृहस्पतिवार को दो बच्चों की मौत हुई है जिनमें एक बच्चे की उम्र पांच साल जबकि दूसरी बच्ची की उम्र 12 साल है।
    
अनेजा ने बताया कि पिछले तीन दिन से मेडिकल कॉलेज में मरीजों के भर्ती होने का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा था हालांकि मौत का आंकड़ा नियंत्रित था और तीन दिन में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई थी।बृहस्पतिवार को दिन में जब दो बच्चों की मौत के बारे में डॉ संगीता अनेजा से पूछा गया तो उन्होंने जानकारी होने से इंकार किया। हालांकि, बाद में देर शाम उन्होंने मेडिकल कॉलेज की प्रेस विज्ञप्ति में दो बच्चों की मौत की जानकारी साझा की।
     
इस बीच, मेडिकल कॉलेज के बाहर कई तीमारदारों ने आरोप लगाया कि उनके मरीजों के पूरी तरह ठीक नहीं होने के बावजूद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। जब इस बारे में डॉक्टर संगीता अनेजा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मरीज को छुट्टी पूरी काउंसलिंग करने के बाद ही दी जाती है और यदि फिर भी कोई मामला ऐसा है तो वह इसकी जांच कराएंगी। 
    
राज्य की राजधानी लखनऊ से 320 किलोमीटर दूर स्थित फिरोजाबाद, पिछले तीन हफ्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है, जिसमें अधिकांश पीड़ित बच्चे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, कुछ मामले पड़ोसी जिले मथुरा, आगरा और मैनपुरी में भी मिले हैं।



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