न्यूजीलैंड-इंग्लैंड का पाकिस्तान दौरा रद्द होने से बौखलाया शाहिद अफरीदी, कहा- पढ़े लिखे देश भारत को फॉलो न करें

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न्यूजीलैंड-इंग्लैंड का पाकिस्तान दौरा रद्द होने से बौखलाया शाहिद अफरीदी, कहा- पढ़े लिखे देश भारत को फॉलो न करें

पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के पाकिस्तान के दौरों से हटने से काफी निराश नजर आ रहे हैं। ​अफरीदी का मानना है कि कीवी टीम ने जो किया है उसके लिए उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है। न्यूजीलैंड को पाकिस्तान में सीमित ओवरों की सीरीज खेलनी थी, लेकिन 17 सितंबर को रावलपिंडी में पहले वनडे मैच से कुछ घंटे पहले ही सुरक्षा खतरे का हवाला देते हुए न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान का अपना पूरा दौरा रद्द कर दिया था। न्यूजीलैंड के फैसले कुछ दिन बाद ही इंग्लैंड ने भी पाकिस्तान का दौरा रद्द कर दिया था। इंग्लैंड की मेंस और वुमेंस टीम को अगले महीने अक्टूबर में पाकिस्तान दौरे पर लिमिटेड ओवरों की सीरीज खेलनी थी।   

अफरीदी ने क्रिकेट पाकिस्तान से कहा, ‘हम सब यह जानते हैं कि जब कभी किसी दौरे का इंतजाम किया जाता है तो सुरक्षा को लेकर काफी कड़े प्रबंध किए जाते हैं। जो देश दौरा कर रहा होता है उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा अच्छी तरह से जांच कराया जाता है। इसको लेकर रास्ते तय किए जाते हैं और एक बार जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है तभी टीम के दौरे को हरी झंडी दिखाई जाती है। न्यूजीलैंड के क्रिकेटरों को पाकिस्तान में बहुत प्यार किया जाता है और उनके द्वारा ऐसा कुछ किया जाना माफी के लायक नहीं है। अगर किसी तरह का डर या धमकी होती तो उनको ये सब चीजें पीसीबी के साथ शेयर करनी चाहिए थी।’ 

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अफरीदी ने आगे कहा कि न्यूजीलैंड को जो मेल मिला था, वह मूल रूप से भारत से आया था। इससे पहले, पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बुधवार को दावा किया था कि न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को भारत की तरफ से धमकी भरा मेल आया था। फवाद चौधरी ने कहा था यह जो मेल है वो भारत की तरफ से जेनरेट किया गया था जिसकी वीपीएन लोकेशन सिंगापुर बता रहा है।’ 

पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने कहा, ‘ अगर आप इसे व्यापक तौर पर देखें तो हमें एक फैसला करने की जरूरत है, जिससे ही पूरी दुनिया को इस बात का पता चल सके कि हम भी एक देश के तौर पर महत्व रखते हैं और हमारा भी मान सम्मान है। यह बात ठीक है कि एक देश (भारत) हमारे पीछे है, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि बाकी सारे देश को भी वही गलती करनी चाहिए। वो सभी पढ़े लिखे देश हैं और उनको भारत को फॉलो नहीं करना चाहिए।’

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