नितिन गडकरी का मास्टर फॉर्मूला, दिल्ली से पराली वाला प्रदूषण हो जाएगा छूमंतर!
पराली से होने वाला प्रदूषण की समस्या आने वाले दिनों में खत्म हो सकती है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगले दो-तीन महीनों में एक नई तकनीक लाई जाएगी जिसमें ट्रैक्टर में मशीन लगाकर खेत में पराली का इस्तेमाल बायो-बिटुमन बनाने में किया जाएगा।
मैंने एक नई तकनीक की रूपरेखा पेश की है जिसे हम दो से तीन महीनों में जारी करेंगे। इस तकनीक में ट्रैक्टर पर लगी एक मशीन से किसानों के खेत पर जाकर पराली से बायो-बिटुमन बनाया जाएगा जिसका उपयोग सड़कों के निर्माण में किया जाएगा।
नितिन गडकरी
गडकरी ने प्रदूषण से निपटने के क्या-क्या इंतजाम बताए?
गडकरी ने कहा कि ‘हम दिल्ली के आस-पास 60,000 करोड़ रुपए की सड़क बना रहे हैं जिससे ट्रैफिक से मुक्ति मिलेगी।’ उन्होंने बताया कि ‘मैं ग्रीन हाइड्रोजन की गाड़ी में घूमकर उसका प्रचार करता हूं। हम लोगों को इलेक्ट्रिक AC बसों में घुमाकर किराए में 20-30% तक की कमी कर सकते हैं।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमने पराली से बायो CNG और LNG बनाया है जिससे ट्रैक्टर और बसें चल सकती हैं। पानीपत में इंडियन ऑयल ने बड़ी परियोजना बनाई है। वहां पराली से रोज 1 लाख लीटर इथेनॉल और 150 टन बॉयो बिटुमेन बन रहा है। हम इस बिटुमेन को सड़क निर्माण के लिए इस्तेमाल करेंगे।’
गडकरी ने मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले मंडला में 1,261 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने किसानों की बदलती भूमिका का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं लंबे समय से कह रहा हूं कि देश के किसान ऊर्जा पैदा करने में सक्षम हैं। हमारे किसान केवल अन्नदाता ही नहीं बल्कि ऊर्जादाता भी बन रहे हैं और अब वे सड़क बनाने के लिए बायो-बिटुमन और ईंधन बनाने के लिए एथेनॉल का उत्पादन भी कर सकते हैं।’
एथेनॉल से फॉरेन करेंसी की बचत
गडकरी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोलियम मंत्री ने जानकारी दी थी कि देश ने गन्ने और अन्य कृषि उत्पादों से निकाले गए ईंधन ग्रेड इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिलाकर 40 हजार करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी करेंसी बचाई है। गडकरी ने जल, जमीन और जंगल के समुचित उपयोग द्वारा विकास का नया मॉडल लागू करने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रति एकड़ सोयाबीन का उत्पादन बढ़ा है और किसानों को उपज का उचित मूल्य मिला है।
बुधवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचेगी दिल्ली की एयर क्वालिटी
दिल्ली की हवा गुणवत्ता मामूली सुधार के बाद एक बार फिर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान (SAFAR) के अनुसार, मंगलवार शाम शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 339 पर पहुंच गया था। विशेषज्ञों ने कहा कि बुधवार को हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रहेगी। सफर के पूवार्नुमान के अनुसार, बुधवार को शहर की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में और पीएम 2.5 के साथ 352 और पीएम 10 की सांद्रता 310 के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में और भी खराब हो जाएगी।