दिल्ली स्कूल फीस बढ़ोतरी: कॉपियों के पन्ने हुए कम, चुनिंदा दुकानों से किताबें खरीदने की शर्त पड़ रही भारी

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दिल्ली स्कूल फीस बढ़ोतरी: कॉपियों के पन्ने हुए कम, चुनिंदा दुकानों से किताबें खरीदने की शर्त पड़ रही भारी

दिल्ली स्कूल फीस बढ़ोतरी: कॉपियों के पन्ने हुए कम, चुनिंदा दुकानों से किताबें खरीदने की शर्त पड़ रही भारी

नई दिल्ली: प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पैरंट्स का बजट लगातार बिगड़ता जा रहा है। स्कूल फीस और ट्रांसपोर्टेशन चार्ज में बढ़ोतरी के अलावा स्कूल की किताबों और स्टेशनरी के लिए भी उन्हें जेब खाली करनी पड़ रही है। एक बड़ी दिक्कत यह भी है कि पैरंट्स चाहकर भी अपनी पसंद की किसी दुकान से किताबें नहीं खरीद सकते। स्कूलों ने जिन दुकानों को चिह्नित किया है, वहीं से किताबें या यूनिफॉर्म खरीदना जरूरी किया है। ऐसे में पैरंट्स की मजबूरी होती है कि उन्हीं दुकानों से मनमाने दामों पर किताबें, स्टेशनरी या यूनिफॉर्म खरीदें।

महंगाई से परेशान हैं पैरंट्स

द्वारका के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे के पैरेंट्स ने बताया कि NCERT की किताबों के दाम तो वही हैं, जो बाहर मार्केट में दूसरी दुकानों पर हैं, लेकिन स्कूल डिजाइंड बुक्स के दाम कई गुना ज्यादा हैं। एक-एक किताब की कीमत 500 से 600 रुपये या इससे भी अधिक हैं। अनाश्यक स्टेशनरी का बोझ भी पैरंट्स की जेब पर डाला जा रहा है। जितने की किताबें दी जा रही हैं, लगभग उतने की ही स्टेशनरी भी बेची जा रही है। जो रजिस्टर बाहर बाजार में 50-60 रुपये में आसानी से मिल जाता है, वैसा ही रजिस्टर स्कूल की दुकान पर 100 रुपये में भी ज्यादा दाम में बेचा जा रहा है और पैरंट्स पर पूरा का पूरा सेट लेने का दबाव बनाया जा रहा है।

मयूर विहार के एक नामी प्राइवेट स्कूल के पैरंट्स ने बताया कि मिडल सेक्शन में NCERT की साइंस की जो बुक 65 रुपये में मिल रही है, उसके साथ स्कूल की डिजाइन की गई बुक अलग से लेने के लिए कहा जा रहा है, जिसके दाम 550 रुपये से ज्यादा है। इसी तरह मैथ्स की NCERT की बुक 65 रुपये की है, जबकि स्कूल डिजाइंड बुक 300 रुपये से ज्यादा की है। इंग्लिश ग्रामर और हिंदी व्याकरण के लिए भी स्कूल सिलेबस ने अलग से किताबें तय की हुई हैं, जिनके पास 300 से 500 रुपये के बीच हैं।

खास बात यह है कि स्कूल डिजाइंड बुक्स के चैप्टर और उनका सारा कंटेंट भी लगभग वैसा ही है, जैसा एनसीईआरटी की बुक्स का है। ऐसे में पैरंट्स यह भी पूछ रहे हैं कि जब अलग से बुक लेने के लिए कहा जा रहा है, तो फिर उसका कंटेंट भी तो कुछ अलग रखते। स्कूली बच्चों की पीठ पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है। हालत यह है कि कुछ महीने पहले 20 रुपये की कॉपी में 120 पन्ने होते थे, लेकिन नए सत्र के शुरू होते ही कंपनियों ने बैक डोर से कॉपियों के पन्ने घटा दिए। कॉपी पुराने दर में ही बेची जा रही है। यही नहीं, बढ़ती महंगाई का आलम यह है कि पिछले साल के मुकाबले किताब, पेन, बैग, पेंसिल, जमेट्री बॉक्स समेत कई स्टेशनरी सामान के दाम 30 से 40 प्रतिशत बढ़ गए।

कॉपी की कीमतें बढ़ी

दिल्ली स्टेशनर्स असोसिएशन के प्रेसिडेंट सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि नए सत्र की दस्तक ने पैरंट्स की मुसीबत बढ़ा दी है। कागजों के बढ़ते दाम के चलते कॉपी से लेकर किताबों के दाम में बढ़ोतरी हुई है। सुरेंद्र के मुताबिक, पिछले साल पेंसिल का एक पैकेज 380 रुपये में आता था। इस साल उसका दाम 425 रुपये हो गए हैं। इसी के साथ ही 5 रुपये का पेन अब 7 रुपये में बिक रहा है। पिछले साल 20 रुपये की कॉपी में 140 पन्ने होते थे। इस साल 20 रुपये में उस कॉपी में महज 80 से 84 पन्ने आ रहे हैं। पिछले साल जो स्कूल बैग 250 रुपये में बिक रहे थे, वे अब 350 और 400 रुपये तक में बिक रहे हैं। बाजार में स्कूल बैग 200 रुपये से शुरू होकर 1000 रुपये तक बिक रहे हैं।

कुछ किताबों के दाम बढ़ गए हैं

पुस्तक विक्रेता हितकारी संघ दिल्ली के सचिव रमेश वशिष्ठ ने बताया कि एनसीईआरटी किताबों के चैप्टर कम होने के चलते कई क्लास की किताबों के दाम कम हुए हैं तो कुछ के बढ़े हैं। 12वीं क्लास की फिजिक्स की किताब के दाम पहले 140 रुपये थे। अब इस किताब की कीमत 125 रुपये हो गई है। इसी के साथ 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब की कीमत 115 रुपये थी। इसे अब 100 रुपये कर दिया गया है। कुछ किताबों के दाम भी बढ़े हैं। जैसे 10वीं की साइंस की किताब की कीमत पहले 190 रुपये थी। अब इसका दाम 195 हो गया है। 10वीं अंग्रेजी के किताब की कीमत पहले 80 रुपये थी। अब 90 रुपये कर दी गई है। रमेश के मुताबिक, कागजों के दाम बढ़ने से प्राइवेट स्कूलों के किताब के दाम 30 से 35 प्रतिशत बढ़ गए हैं।

प्राइवेट स्कूलों के किताबों के सेट का दाम

  • नर्सरी: 1500 से लेकर 3500 रुपये तक
  • केजी: 1500 से लेकर 3500 रुपये तक
  • क्लास 1: 3000 से 4500 रुपये तक
  • क्लास 2: 4000 से 5000 रुपये तक
  • क्लास 3: 5500 से 6000 रुपये तक

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