‘तेजाब से भरी बोतलें फेंकी…तलवारें लहराईं’, चश्मदीदों ने बताया जोधपुर में उपद्रवियों ने कैसे मचाया तांडव

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‘तेजाब से भरी बोतलें फेंकी…तलवारें लहराईं’, चश्मदीदों ने बताया जोधपुर में उपद्रवियों ने कैसे मचाया तांडव

राजस्थान के जोधपुर में झंडा फहराने को लेकर दो समूहों के बीच हिंसक झड़प (Jodhpur Violence Update) ने ईद पर हंगामे का बड़ा रूप अख्तियार कर लिया। हिंसा में पांच पुलिसकर्मी सहित 16 लोग जख्मी हो गए। जिसके बाद पुलिस (Rajasthan Police) ने भी सख्ती दिखाई, लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। तनावपूर्ण हालात को देखते हुए 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू (Curfew in Jodhpur) लगा दिया गया है। अफवाहों को रोकने के लिए जिले में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। वहीं चश्मदीदों ने बताया कि उपद्रवी पूरी योजना बनाकर आए थे। तेजाब से भरी बोतल घरों पर फेंकी, दहशत फैलाने के लिए तलवार लहराई। 14 से ज्यादा मोहल्ले के लोगों ने अपने इलाके में बवाल की बात कही है।

ऐसे शुरू हुआ पूरा बवाल

स्थानीय सूत्रों ने बताया कि कुछ लोग जालोरी गेट चौराहे पर झंडा फहरा रहे थे। इस दौरान विडियो बना रहे एक शख्स की कुछ युवकों ने पिटाई कर दी। कुछ लोग उसे बचाने आए तो उन पर भी हमला कर दिया। देखते ही देखते दूसरे गुट ने पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में उदयमंदिर एसएचओ अमित सिहाग और डीसीपी पूर्वी भुवनभूषण यादव भी घायल हो गए। इसके बाद जबता ईदगाह रोड और जालोरी गेट चौराहे पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। वहीं हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और भीड़ को तितर-बितर किया। जोधपुर के शनिचर थाना क्षेत्र में मंगलवार की सुबह उपद्रवियों ने 20 से अधिक गाड़ियों के शीशे तोड़े और कई एटीएम में भी तोड़फोड़ की। सूरसागर विधायक के घर के बाहर भी हंगामा हुआ है।

बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने 10 जिलों में लगाया कर्फ्यू

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जानकारी के अनुसार, इस विवाद की शुरुआत सोमवार आधी रात के बाद हुई। अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ सदस्य ईद के मौके पर जालोरी गेट के पास एक चौराहे पर धार्मिक झंडे लगा रहे थे। कहा गया है कि लोगों ने चौराहे में लगी स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर झंडा लगाया, जिसका हिंदू समुदाय के लोगों ने विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां परशुराम जयंती पर लगाए गए भगवा ध्वज को हटाकर इस्लामी ध्वज लगा दिया। इसे लेकर दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए और झड़प हो गई। पुलिस ने बताया कि हालात काबू में कर लिए गए, लेकिन मंगलवार सुबह जालोरी गेट के पास ईदगाह पर ईद की नमाज अदा की गई। नमाज के बाद कुछ लोगों ने वहां खड़ी गाड़ियों पर पथराव किया। इसके बाद 10 थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया। जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह नगर भी है। ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर उनके जन्मदिन पर मुख्यमंत्री निवास पर प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द कर दिए गए।

‘पूरी योजना बनाकर आए थे उपद्रवी’

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इस घटना के चश्मदीदों का कहना है कि उपद्रवी पूरी योजना बनाकर आए थे। उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। तेजाब से भरी बोतल घरों पर फेंकी, दहशत फैलाने के लिए तलवार लहराई। 14 से ज्यादा मोहल्ले के लोगों ने अपने इलाके में बवाल की बात कही है। कुछ जगह नकाबपोश युवकों ने हमला बोला और पत्थरबाजी की। महिलाओं ने बताया कि उनके साथ छेड़खानी की गई। बाद में स्थानीय लोग भी डंडे लेकर निकले। कबूतर चौक पर पांच साल की बच्ची के साथ मारपीट की खबर है। एक चश्मदीद ने कहा कि कुछ लोग पाइप, लोहे के सरिये, लाठी-डंडे लेकर आए थे। एक महिला ने बताया कि ये नए लड़के थे, 15-20 के साल के। वहीं जालप मोहल्ला में विधायक के घर के बाहर दो बाइक को आग के हवाल कर दिया गया।

पुलिस प्रशासन ने संभाला मोर्चा, BJP का प्रदेश सरकार पर निशाना

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इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर इस्लामिक झंडा लगाने की निंदा की। उन्होंने एक विडियो बयान में कहा, ‘जोधपुर में स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा जी की प्रतिमा पर भगवा ध्वज को उतारकर इस्लामिक झंडा लगाया गया और जिस तरीके से वहां हिंसा की गई, उससे साफ तौर पर यह जाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार का तुष्टीकरण रवैया उनके डूबने का सबसे बड़ा कारण बनेगा।’ उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति चुनौती बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाओं के लिए राज्य सरकार का संरक्षण जिम्मेदार है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मामले को लेकर कहा कि पिछले कुछ समय से राजस्थान में सरकार की कानून व्यवस्था फेल हुई है। सुनोयिज तरीके से स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद के मुंह में झंडा लगाया गया, लेकिन पुलिस ने पीड़ितों पर ही लाठीचार्ज किया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ऐसा लगता है पुलिस अदृश्य दवाब में काम कर रही है। एक तरफा कार्रवाई हो रही है, जब प्रशासन पर दवाब डाला गया तब एफआईआर दर्ज हुई। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई तो जालौरी गेट पर प्रदर्शन किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री गहलोत ने पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक में हालात की समीक्षा की। जोधपुर मुख्यमंत्री गहलोत का गृहनगर भी है।उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने वाली घटनाओं के लिए जिम्मेदार असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधी चाहे किसी धर्म, जाति या वर्ग का हो अपराध में उसकी भागीदारी पाए जाने पर उसे बख्शा नहीं जाए। उन्होंने आमजनों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘थाना स्तर पर असामाजिक तत्वों को पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। सोशल मीडिया पर भ्रामक संदेश फैलाने वाले तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।’

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