तमिलनाडु का सार्वजनिक कर्ज बढ़कर प्रति परिवार 2.63 लाख रुपये पर पहुंचा: सरकारी रिपोर्ट

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तमिलनाडु का सार्वजनिक कर्ज बढ़कर प्रति परिवार 2.63 लाख रुपये पर पहुंचा: सरकारी रिपोर्ट

चेन्नई, नौ अगस्त (भाषा) तमिलनाडु की वित्तीय स्थिति खस्ता हाल में है और अब पुराने ढर्रे वाला रुख नहीं चलेगा क्योंकि राजकोष के मोर्चे पर कोई गुंजाइश नहीं बची है। राज्य के वित्त मंत्री पलानीवेल त्याग राजन द्वारा अर्थव्यवस्था पर जारी श्वेत पत्र में यह कहा गया है।

मई में सत्ता संभालने के बाद द्रमुक सरकार ने इस तरह की अपनी पहली रिपोर्ट में कहा कि गंभीर वित्तीय हालात कुछ हद तक बाहरी कारणों की वजह से है, लेकिन इसका बहुत बड़ा कारण शासन के स्तर पर संरचनात्मक खामियां हैं, जिसे समय पर ढंग से ठीक नहीं किया गया।

घाटे की बदतर स्थिति से राज्य कर्ज पर निर्भर होता चला गया और आज स्थिति यह है कि तमिलनाडु में प्रति परिवार 2,63,976 रुपये का सार्वजनिक कर्ज है।

विपक्ष में रहते द्रमुक प्राय: अन्नाद्रमुक सरकार की कुप्रबंधन के लिये आलोचना करता रहा है और सत्तारूढ़ दल ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये राजकोषीय स्थिति पर श्वेत पत्र लाने की बात कही थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी ने स्थिति को और बिगाड़ा। स्थति यह हो गयी है कि हमारे पास कोई वित्तीय गुंजाइश नहीं बची है।

इसमें कहा गया है, ‘‘पुराने ढर्रे पर चलते रहने वाला रुख अब नहीं चल सकता। हमें अगर बढ़ते कर्ज अैर ब्याज लागत के दुष्चक्र को तोड़ना है, अपने रुख में व्यापक बदलाव लाना होगा।’

रिपोर्ट के अनुसार साथ ही यह सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर है। कई सुधार ऐसे हैं, जो कई साल पहले होने चाहिए थे, पर ऐसा नहीं हुआ।

श्वेत पत्र में कहा गया है कि तमिलनाडु की वित्तीय स्थिति पिछले आठ साल से बिगड़ रही है और इसके कारण विकास से जुड़ा निवेश प्रभावित हुआ। फलत: निवेश पर असर पड़ा है।

वर्ष 2006-13 के बीच सात में से पांच साल के दौरान तमिलनाडु में राजस्व अधिशेष की स्थिति थी। हालांकि 2013 से राजस्व घाटा बार-बार होने वाली चीज बन गयी।

द्रमुक 2006 से 11 के दौरान सत्ता में रहा जबकि अन्नाद्रमुक 2011 से 2021 के बीच सत्ता में रही। तमिलनाडु का राजस्व घाटा वित्त वर्ष 2020-21 में 61,320 करोड़ रुपये रहा जो राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 3.16 प्रतिशत है।

राज्य का राजकोषीय घाटा 2020-21 में 92,305 करोड़ रुपये रहा जो राज्य जीडीपी का 4.43 प्रतिशत है।

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