डायबिटीज के इलाज के लिए संजीवनी बनी स्टीविया खेती | stevia cultivation, Stevia Plant for Diabetes | Patrika News

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डायबिटीज के इलाज के लिए संजीवनी बनी स्टीविया खेती | stevia cultivation, Stevia Plant for Diabetes | Patrika News

गुप्ता द्वारा भेजे गए 10 हजार पौधों से मॉरिशस में स्टीविया खेती की शुरूआत हुई। धीरे-धीरे यह संख्या 30 हजार पौधों तक पहुंची और वर्तमान में करीब एक लाख पौधे लगाए जा चुके हैं और यह सिलसिला निरंतर जारी है। मॉरिशस में स्टीविया खेती से करीब 3 हजार किसान जुड़े हैं, जो अपनी आमदनी के साथ-साथ लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में भी अपना योगदान दे रहे हैं।

वर्तमान समय में डॉ. अतुल गुप्ता, राजस्थान मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड के मेंबर हैं। मॉरिशस के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने की दिशा में उठाए गए प्रयासों और उसकी सफलता को ध्यान में रखते हुए डॉ. अतुल गुप्ता को मॉरिशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन तथा केंद्रीय एग्रो इंडस्ट्रीज एंड फूड सिक्योरिटी मंत्री मनीष गोबिन की तरफ से सम्मानित किया।

बुधवार को एक होटल में हुए सम्मान समारोह में सांसद रामचरण बोहरा, राजस्थान मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड के सदस्य सचिव गिरधर गोपाल, मॉरिशस सरकार के डेलिगेशन की सदस्य व ‘एसोसिएशन फॉर द एजुकेशन ऑफ डिसएडवांटेजेस चिल्ड्रन’ की प्रेसिडेंट डॉ. अनुराधा पूरण ने डॉ. अतुल गुप्ता को ट्रॉफी, प्रश्स्ति पत्र देकर सम्मानित किया। गुप्ता ने कहा कि चिकित्सा और कृषि क्षेत्र में नवाचार के साथ ही ठोस और जरूरी कदम उठाए जाने की भी आवश्यकता है।

ऐसे हुआ जुड़ाव
मॉरिशस में ‘एसोसिएशन फॉर द एजुकेशन ऑफ डिसएडवांटेजेस चिल्ड्रन’ की डायरेक्टर डॉ. अनुराधा पूरण ने वर्ष 2011 में भारत का दौरा किया। वहां डायबिटीज एक बड़ी बीमारी । जब गुप्ता से हर्बल उत्पादों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिली। डॉ. गुप्ता ने उन्हें स्टीविया पौधे और उसके फायदों के बारे में बताया। डॉ. अनुराधा ने अपने अनुभवों और स्टीविया से जुड़ी जानकारियां अपने देश के कृषि म़ंत्रालय विभाग के अधिकारियों और अन्य एक्सपर्ट्स से साझा की। वहां की सरकार ने गुप्ता को अपने देश आने का न्यौता दिया। वहां दौरा कर वहां की भौगोलिक परिस्थितियों का जायजा लिया और अलग—अलग जिलों में जाकर किसानों से मिले। इसके बाद शुरू हुआ मॉरिशस में स्टीविया खेती का सफर, जो आज तक लगातार जारी है।

2011 से 2021 तक क्या बदलाव आया ?
मधुमेह रोग के मामले में विश्व के टॉप तीन देशों में शुमार मॉरिशस ने इसकी रोकथाम को लेकर सकारात्मक प्रयास किए और इसी का नतीजा है कि आज बड़े स्तर पर डायबिटीज पर कंट्रोल किया जा चुका है। करीब 1.4 मिलियन आबादी वाले मॉरिशस में एक बड़ा प्रतिशत डायबिटीज की ग्रस्त में था लेकिन धीरे—धीरे इसमें कमी देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं, मॉरिशस के करीब 60 प्रतिशत घरों में लोगों ने स्टीविया के पौधे लगाए गए हैं।



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