ट्रैफिक रूल्स को लेकर लोगों में है भ्रांतियां, गलती करने के बाद उसे मानते नहीं | People have misconceptions about traffic rules, after making a mistake | Patrika News

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ट्रैफिक रूल्स को लेकर लोगों में है भ्रांतियां, गलती करने के बाद उसे मानते नहीं | People have misconceptions about traffic rules, after making a mistake | Patrika News

traffic rulesयातायात नियमों को लेकर बन गए कई मिथक, इसके चलत दुर्घटनाओं का बन जाते हैं कारण, एक जिम्मेदार नागरिक को यातायात नियमों के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए

जयपुर

Published: February 08, 2022 08:31:13 pm

अनुराग त्रिवेदी जयपुर. हमें यह तो पता है कि गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बात करना ट्रैफिक रूल्स को तोड़ना माना जाता है, लेकिन हम हैंड फ्री डिवाइस से या ब्लूटूथ पर बात करते हुए गाड़ी चलाते हैं तो हम इसे नियमों के तोड़ना नहीं मानते। जबकि यह सिर्फ मिथक है, इस पर भी जुर्माना लगता है। ऐसे ही कई रूल्स को लेकर लोग अवेयर नहीं हैं और भ्रांतियों के चलते ट्रैफिक रूल्स को तोड़कर खुद के साथ दूसरों की जान को खतरे में डालते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो मोटर वाहन से संबंधित कानून दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण महत्व रखते हैं। एक जिम्मेदार नागरिक को यातायात नियमों के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। मोटर वाहन अधिनियम की व्यापकता के कारण आम जनता आमतौर पर अधिनियम को पूरी तरह से नहीं पढ़ सकती है और इसके परिणामस्वरूप यातायात नियमों के बारे में कुछ मिथक और भ्रांतियां पैदा हो गई हैं। इन भ्रांतियों के कारण उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ता है।
30 साल पर संशोधन

ट्रैफिक रूल्स को लेकर लोगों में है भ्रांतियां, गलती करने के बाद उसे मानते नहीं

मोटर वाहन अधिनियम भारत की संसद का एक कानून है, जो सड़क परिवहन वाहनों और यातायात कानूनों के सभी पहलुओं के नियमों को निर्धारित करता है। 1 जुलाई 1989 को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 लागू हुआ था और पुराने अधिनियम की अप्रचलितता को समाप्त करने के लिए लगभग 30 साल के अंतराल के बाद मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 लाया गया। इसमें कई नियमों में संशोधन हुए और इनमें जुर्माना भी बढ़ाया गया।
इन नियमों को लेकर सबसे ज्यादा भ्रांतियां

1. हैंड-फ्री डिवाइस का उपयोग करना: एक आम गलत धारणा है कि ड्राइविंग करते समय कॉल अटेंड करने के लिए ब्लूटूथ हेडसेट, स्टीयरिंग व्हील ब्लूटूथ, हैंड्स-फ्री कार किट जैसे हैंड-फ्री डिवाइस का उपयोग करना कानूनी है। ट्रैफिक पुलिस के रोकने पर वाहन चलाने लाले इस नियम को गलत बताते है। हैंड-हेल्ड या हैंड-फ्री डिवाइस से कॉल रिसीव करना भी एक अपराध है और इसके लिए जुर्माना लगाया जा सकता है।
नियम: धारा 184 सी में लिखा गया है कि वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करने पर जुर्मानाअऔर दंडनीय अपराध है।

जुर्माना: 1000 से 10000 रुपए
2. हर समय हाइ बीम का उपयोग और एक्स्ट्रा हैडलाइट्स का उपयोग
बहुत से लोगों को यह गलतफहमी होती है कि हर समय हाई बीम पर ब्लाइंडिंग हेडलाइट्स यूज करते हुए वाहन चला सकता है। यहां तक के लोग एक्स्ट्रा मास्क लाइट भी वाहन पर लगा लेते हैं।

नियम: धारा 177 के अनुसार, यदि कोई ऐसी स्थितियों में हाई बीम का उपयोग करता है, जहां आवश्यकता नहीं है, तो उस पर जुर्माना लगा जा सकता है।
जुर्माना: 500 रुपए और बाद में जुर्माना 1500 रुपए तक भी हो सकता है।

3. रात 10 बजे बाद ट्रैफिक लाइट का पालना नहीं करना यह एक सर्वव्यापी भ्रांति है कि रात के 10 बजे के बाद ट्रैफिक लाइट का पालन करना अनिवार्य नहीं है। ज्यादातर लोग रात में रेड लाइट पर भी नहीं रूकते। हालांकि, ट्रैफिक लाइट केवल दैनिक नहीं हैं। उनका पालन रात में भी उतना ही करना है जितना दिन में।
नियम: धारा 184 में लाल-बत्ती पार करना, रुकने के संकेत का पालन न करने पर जुर्माने का प्रावधान।
जुर्माना: 1000 रुपए

4. एक्स्ट्र्रा साइलेंसर का उपयोग भीड़ में अटेंशन पाने के लिए लोग अपनी बाइक्स या कार में एक्स्ट्रा साइलेंसर लगवा लेते हैं और इससे धुंआ भी ज्यादा छोड़ते हैं। यह भी नियमों के विपरीत है।

नियम: धारा 194 एफ (बी) के तहत साइलेंसर के अतिरिक्त अन्य साइलेंसर लगाना या एक्स्ट्रा जगह से धुंआ छोड़ना गैर कानूनी है। जुर्माना: इसमें 500 से 1 हजार रुपए तक का जुर्माना
5. वन वे पर वाहन को रीवर्स में चलाना

कई बार वन-वे रास्ते पर लोग अपनी गाड़ी को रिवर्स में चलाने लगते हैं, इससे सबसे ज्यादा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। नियम: निषेध क्षेत्र अथवा नो एंट्री में वाहन चलाने पर जुर्माने का प्रावधान।

जुर्माना: 5000 रुपए
नोट: नियम और चालान से संबंधित जानकारी प्रादेशिक परिवहन कार्यालय जयपुर से मिली है।

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