ट्रस्टी की सोच रखें व्यापारी, पेट भरने के बाद समाज के काम आए धन- अग्रवाल | vedanta to invest 21 billion dollar in semiconductor and display fab | Patrika News
आपने हाल ही ट्वीट किया…. दिस इज इंडियाज मोमेंट, किन चीजों को देख कर ऐसा लगता है? भारत को सोने की चिडिय़ा कहा जाता था। वो समय वापस आ रहा है। हम हिन्दुस्तानियों की नस्ल बहुत अच्छी है। ईमानदारी, मेहनत और ईश्वर पर भरोसा करते हैं। आज दुनिया की दस बड़ी टेक कंपनियेां में से नौ के सीईओ हिन्दुस्तानी हैं। अमरीका, ब्रिटेन, यूरोप की राजनीति तक में हमारा दबदबा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी हमारा स्वाभिमान जगाया है। आज देश में तकनीकी बढ़ रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी खासकर हमारी बेटियों ने अच्छा मुकाम हासिल किया है।
हिन्दुस्तान में कौन सर्वाधिक प्रभावित करता है? आज जो हवा चल रही है, उसमें युवा पीढ़ी सर्वाधिक प्रभावित कर रही है। एक उन्नीस साल के बच्चे से मिला, जो 200 मिलियन डॉलर का व्यापार कर रहा है। नई जनरेशन को विफलता पर निराश नहीं होना चाहिए। जब एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी बनाना होता है तो ईश्वर परीक्षा लेता है। इसीसे आप मजबूत होते हो। हम जब दारासिंह की कुश्ती देखने जाते थे वह पहले मार खाता था, फिर मारता था। दरअसल, मार उसकी खुराक थी।
आपने भी सफलता से पहले बहुत संघर्ष किया, आज इसे कैसे देखते हैं? संघर्ष एक स्टेट ऑफ माइंड है। प्रतिकूल हालत में कभी राह ना भटकें। हर चीज का रास्ता निकल सकता है। उसी से आत्मविश्वास बढ़ता है। हर आदमी की एक प्रतिभा होती है। उसे उभारे और थोड़ा रिस्क लें। किसी भी काम में एक निर्णय तो करना ही होता है, लेकिन होड़ नहीं करें। सही तरह से कमाए पैसे से देश और समाज आगे बढता है। हिन्दुस्तान जैसा विशाल मार्केट दुनिया भर में कहीं नहीं है। हमारे युवा आगे आकर इसे कैप्चर करें।
भविष्य की क्या योजना है? आज के युग में टेक्नोलॉजी बहुत काम करती है। सेमी कंडक्टर और ग्लास प्रोडक्शन पर काम कर रहे हैं। जल्द ही मोबाइल, लेपटॉप देश में ही एक तिहाई कीमत पर बनाएंगे। क्यों नहीं हिन्दुस्तान में ही सिलिकॉन वैली होनी चाहिए? मेरा सपना है कि जल्द से जल्द प्रोडक्शन शुरु हो। कोशिश कर रहे हैं कि दो साल में पहला प्रोडक्शन बाजार में आ जाए।
राज्य सरकार इन्वेस्ट राजस्थान समिट करा रही है, निवेशकों को कितना लुभा पाएगा? प्रदेश में माहौल अनुकूल है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि अफसरों का व्यापारियों पर भरोसा नहीं आ पा रहा है। ये भरोसा जितना बढ़ेगा, काम उतना ही बढ़ता जाएगा। आप अपने ही बच्चे में दोष निकालते जाएंगे तो उसका आत्मविश्वास कैसे बढ़ेगा? व्यापारी की भी सोच यह होनी चाहिए कि वह एक ट्रस्टी है। परिवार का पेट भर लिया, दूसरी जिम्मेदारियां निभा लीं तो फिर शेष धन समाज के काम ही आना चाहिए। प्रदेश में पॉवर को लेकर बड़ा एडवांटेज है। रिन्युएबल एनर्जी सर्वाधिक है। दो रुपए प्रति यूनिट बिजली मिल सकती है। मुझे भरोसा है कि जल्द ऐसा समय आएगा।
राजस्थान और खासकर बाडमेर में निवेश संभावना पर क्या सोचते हैं? मेरी इच्छा है कि बाडमेर में और कंपनियां भी निवेश करें। कई कंपनियों को हमने बोला है। हमारे यहां बढिय़ा तेल हैं। कारगर माहौल है। हां, कुछ सरकारी नीतियां हैं, उन्हें भी सही कर रहे हैं। देश में ऑयल पर ड्यूटी 70 प्रतिशत है। जबकि पूरी दुनिया में 35 प्रतिशत है। हमारे यहां मंजूरियां भी बहुत लेनी पड़ती हैं। हमने इस बारे में सरकार को सुझाव दिया है कि मंजूरियों की जगह आप कानून बना दीजिए, उसी के अनुसार निवेशक काम शुरु कर दें।
पूरी दुनिया में कोविड, यूके्रन युदध के प्रतिकूल असर हैं। आपका हर काम कैसे सफल होता है? आपने हमारी तकलीफें नहीं देखी हैं। हमने कई सारी कंपनी बंद भी की हैं। रींगस से निकला था। साधारण बैकग्राउंड था तो लोग रिकॉग्नाइज नहीं करते थे। लंदन गया तो वहां किसी ने नहीं पूछा कि आपके मां-बाप कौन है? उन्होंने मेरी स्किल देखी। अंग्रेजों का निवेश लेकर हिन्दुस्तान आए। सबसे ज्यादा राजस्थान में लाए। जिंक, तेल उत्खनन शुरु किया और फिर नदी की तरह बहते जा रहे हैं।
देश में तेजी से बढ़ रहे स्टार्टअप्स का क्या भविष्य है? देश के स्टार्ट अप्स में मैं खुद भी पैसा लगाना चाहता हूं। सरकार को इस बारे में भी पॉलिसी बनानी चाहिए कि हमारे स्टार्टअप कोई खोज करें तो वह बड़ी कंपनियों को बेच सकें। बिल गेटस कैसे बनें? उनहोंने छोटी-छोटी दो हजार कंपनियां खरीदीं। आज हो सकता कि उनमें से पांच सौ ही काम आ रही हों। लेकिन उन्होंने एक सक्सेज मॉडल दुनिया को दिया।
आपने हाल ही ट्वीट किया…. दिस इज इंडियाज मोमेंट, किन चीजों को देख कर ऐसा लगता है? भारत को सोने की चिडिय़ा कहा जाता था। वो समय वापस आ रहा है। हम हिन्दुस्तानियों की नस्ल बहुत अच्छी है। ईमानदारी, मेहनत और ईश्वर पर भरोसा करते हैं। आज दुनिया की दस बड़ी टेक कंपनियेां में से नौ के सीईओ हिन्दुस्तानी हैं। अमरीका, ब्रिटेन, यूरोप की राजनीति तक में हमारा दबदबा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी हमारा स्वाभिमान जगाया है। आज देश में तकनीकी बढ़ रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी खासकर हमारी बेटियों ने अच्छा मुकाम हासिल किया है।
हिन्दुस्तान में कौन सर्वाधिक प्रभावित करता है? आज जो हवा चल रही है, उसमें युवा पीढ़ी सर्वाधिक प्रभावित कर रही है। एक उन्नीस साल के बच्चे से मिला, जो 200 मिलियन डॉलर का व्यापार कर रहा है। नई जनरेशन को विफलता पर निराश नहीं होना चाहिए। जब एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी बनाना होता है तो ईश्वर परीक्षा लेता है। इसीसे आप मजबूत होते हो। हम जब दारासिंह की कुश्ती देखने जाते थे वह पहले मार खाता था, फिर मारता था। दरअसल, मार उसकी खुराक थी।
आपने भी सफलता से पहले बहुत संघर्ष किया, आज इसे कैसे देखते हैं? संघर्ष एक स्टेट ऑफ माइंड है। प्रतिकूल हालत में कभी राह ना भटकें। हर चीज का रास्ता निकल सकता है। उसी से आत्मविश्वास बढ़ता है। हर आदमी की एक प्रतिभा होती है। उसे उभारे और थोड़ा रिस्क लें। किसी भी काम में एक निर्णय तो करना ही होता है, लेकिन होड़ नहीं करें। सही तरह से कमाए पैसे से देश और समाज आगे बढता है। हिन्दुस्तान जैसा विशाल मार्केट दुनिया भर में कहीं नहीं है। हमारे युवा आगे आकर इसे कैप्चर करें।
भविष्य की क्या योजना है? आज के युग में टेक्नोलॉजी बहुत काम करती है। सेमी कंडक्टर और ग्लास प्रोडक्शन पर काम कर रहे हैं। जल्द ही मोबाइल, लेपटॉप देश में ही एक तिहाई कीमत पर बनाएंगे। क्यों नहीं हिन्दुस्तान में ही सिलिकॉन वैली होनी चाहिए? मेरा सपना है कि जल्द से जल्द प्रोडक्शन शुरु हो। कोशिश कर रहे हैं कि दो साल में पहला प्रोडक्शन बाजार में आ जाए।
राज्य सरकार इन्वेस्ट राजस्थान समिट करा रही है, निवेशकों को कितना लुभा पाएगा? प्रदेश में माहौल अनुकूल है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि अफसरों का व्यापारियों पर भरोसा नहीं आ पा रहा है। ये भरोसा जितना बढ़ेगा, काम उतना ही बढ़ता जाएगा। आप अपने ही बच्चे में दोष निकालते जाएंगे तो उसका आत्मविश्वास कैसे बढ़ेगा? व्यापारी की भी सोच यह होनी चाहिए कि वह एक ट्रस्टी है। परिवार का पेट भर लिया, दूसरी जिम्मेदारियां निभा लीं तो फिर शेष धन समाज के काम ही आना चाहिए। प्रदेश में पॉवर को लेकर बड़ा एडवांटेज है। रिन्युएबल एनर्जी सर्वाधिक है। दो रुपए प्रति यूनिट बिजली मिल सकती है। मुझे भरोसा है कि जल्द ऐसा समय आएगा।
राजस्थान और खासकर बाडमेर में निवेश संभावना पर क्या सोचते हैं? मेरी इच्छा है कि बाडमेर में और कंपनियां भी निवेश करें। कई कंपनियों को हमने बोला है। हमारे यहां बढिय़ा तेल हैं। कारगर माहौल है। हां, कुछ सरकारी नीतियां हैं, उन्हें भी सही कर रहे हैं। देश में ऑयल पर ड्यूटी 70 प्रतिशत है। जबकि पूरी दुनिया में 35 प्रतिशत है। हमारे यहां मंजूरियां भी बहुत लेनी पड़ती हैं। हमने इस बारे में सरकार को सुझाव दिया है कि मंजूरियों की जगह आप कानून बना दीजिए, उसी के अनुसार निवेशक काम शुरु कर दें।
पूरी दुनिया में कोविड, यूके्रन युदध के प्रतिकूल असर हैं। आपका हर काम कैसे सफल होता है? आपने हमारी तकलीफें नहीं देखी हैं। हमने कई सारी कंपनी बंद भी की हैं। रींगस से निकला था। साधारण बैकग्राउंड था तो लोग रिकॉग्नाइज नहीं करते थे। लंदन गया तो वहां किसी ने नहीं पूछा कि आपके मां-बाप कौन है? उन्होंने मेरी स्किल देखी। अंग्रेजों का निवेश लेकर हिन्दुस्तान आए। सबसे ज्यादा राजस्थान में लाए। जिंक, तेल उत्खनन शुरु किया और फिर नदी की तरह बहते जा रहे हैं।
देश में तेजी से बढ़ रहे स्टार्टअप्स का क्या भविष्य है? देश के स्टार्ट अप्स में मैं खुद भी पैसा लगाना चाहता हूं। सरकार को इस बारे में भी पॉलिसी बनानी चाहिए कि हमारे स्टार्टअप कोई खोज करें तो वह बड़ी कंपनियों को बेच सकें। बिल गेटस कैसे बनें? उनहोंने छोटी-छोटी दो हजार कंपनियां खरीदीं। आज हो सकता कि उनमें से पांच सौ ही काम आ रही हों। लेकिन उन्होंने एक सक्सेज मॉडल दुनिया को दिया।