गोरखपुर: अंत्येष्टि स्थल पर मची ‘लूट’, नगर निगम ने कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्‍कार का उठाया बीड़ा

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<p style="text-align: justify;"><strong>गोरखपुर:</strong> वैश्विक महामारी कोरोना के बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो आपदा को अवसर बनाकर भुनाने में लगे हैं. ऐसा ही हाल गोरखपुर के राजघाट अत्&zwj;येष्टि स्&zwj;थल पर भी देखने को मिल रहा है. यहां पर लकडि़यां बेचने वाले दुकानदार और अंतिम संस्&zwj;कार करने वाले कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के अंतिम संस्&zwj;कार में मदद की बजाय उनके परिजनों को लूटने में लगे हुए हैं. वे लकडि़यों से लेकर अंतिम संस्कार तक में मनमाने तरीके से धन वसूलने में लगे हैं. ऐसे में नगर निगम गोरखपुर ने कोविड से जान गंवाने वाले लोगों के निशुल्&zwj;क अंतिम संस्&zwj;कार का बीड़ा उठाया है. &nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>मनमाना रुपया वसूला जा रहा है</strong><br />गोरखपुर में कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्&zwj;या अचानक बढ़ गई है. अंतिम संस्&zwj;कार के लिए राजघाट पर लंबी कतार लग गई है. ऐसे में वहां पर लकड़ी और अंतिम संस्&zwj;कार में प्रयोग होने वाले अन्&zwj;य सामानों के साथ लाश को जलाने वाले भी आपदा को अवसर मानकर पीड़ित परिजनों को लूटने में लगे हैं. परिजनों से मनमाना रुपया वसूला जा रहा है. मजबूर परिजनों को भी ‘मरता क्&zwj;या न करता’ की तर्ज पर कई गुना अधिक रुपए अंतिम संस्&zwj;कार के नाम पर देने पड़ रहे हैं. लकड़ी बेचने वाले व्&zwj;यापारी भी 800 से 1500 की बजाय 5-5 हजार रुपए वसूल रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>गोरखपुर नगर निगम की सराहनीय पहल&nbsp;</strong><br />ऐसे में गोरखपुर नगर निगम ने कोरोना से मृत होने वाले लोगों के दुख पर मरहम लगाने का प्रयास किया है. नगर निगम ने ऐसी लाशों के अंतिम संस्&zwj;कार का बीड़ा उठाया है. कोरोना से मरने वाले लोगों की लाशों का अंतिम संस्&zwj;कार नगर निगम खुद करेगा. यानी लकड़ी से लेकर दाह करने के लिए भी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जिससे कोरोना से अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को परेशान ना होना पड़े. &nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>संक्रमण को फैलने ना दिया जाए</strong><br />राजघाट स्थित अंत्येष्टि स्थल पर सामान्य और संक्रमण से मरने वाले लोगों की लाशों की अंत्येष्टि की जाती है. संक्रमण से होने वाली मौतों की अंत्येष्टि की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन ने ली है. ऐसे में बकायदा रसीद भी काटी जा रही है. संक्रमितों द्वारा इस्तेमाल किए गए पीपीई किट को डिस्ट्रॉय करने की बजाय खुले में फेंकने की जानकारी जब नगर आयुक्त अविनाश सिंह को हुई तो उन्होंने इस पर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और व्&zwj;यवस्&zwj;था को सुदृढ़ बनाने की जिम्&zwj;मेदारी भी ली है. उन्होंने बताया कि नगर निगम प्रशासन अब संक्रमण से होने वाली मौतों के अंत्येष्टि को पूरी तरीके से निशुल्क करेगा. साथ ही अंत्येष्टि स्थल पर कोविड-19 प्रोडक्ट के साथ ही सैनिटाइजर मास्क, ग्&zwj;लब्&zwj;स और पीपी किट भी उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे किसी भी प्रकार से संक्रमण को फैलने ना दिया जाए.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अंत्येष्टि निशुल्क कराई जाएगी</strong><br />नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि जब से उन्होंने कार्यभार संभाला है, उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें इस तरीके की शिकायत प्राप्त हुई थी. इसको लेकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ अंत्येष्टि स्थल का निरीक्षण कर बैठक भी की. बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के साथ कई निर्णय लिए गए. जिसमें अंत्येष्टि स्थल पर कोविड-19 हेल्प डेस्क की स्थापना, मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट, ग्लब्स की व्यवस्था सुनिश्चित कराना. साथ ही अंत्येष्टि स्थल पर स्थित लकड़ी कारोबारियों द्वारा मनमाने रुपए में लकड़ी उपलब्ध कराने की धांधली पर भी रोक लगाई गई है. अब निर्धारित मूल्य पर ही लकड़ी मिल सकेगी. साथ ही संक्रमित की अंत्येष्टि पूरी तरीके से निशुल्क कराई जाएगी.</p>
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