कार्यकर्ता संकल्प लें कि राजस्थान में तीन चौथाई बहुमत से सरकार बनाएंगे-यादव

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कार्यकर्ता संकल्प लें कि राजस्थान में तीन चौथाई बहुमत से सरकार बनाएंगे-यादव

—जन आशीर्वाद यात्रा पर जयपुर पहुंचे भूपेंद्र यादव
—कांग्रेस पर जमकर बोला जुबानी हमला
—बोले कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी नहीं रही
—भिवाड़ी से जयपुर तक 50 जगहों पर स्वागत

जयपुर।

केंद्रीय श्रममंत्री भूपेंद्र यादव ने कार्यकर्ताओं को 2023 में राजस्थान में तीन चौथाई बहुमत से सरकार बनाने का संकल्प दिलाया है। जन आशीर्वाद यात्रा पर गुरुवार को जयपुर पहुंचे भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस अब लोकतांत्रिक पार्टी नहीं रही। वह केवल एक परिवार का पालन करने वाली पार्टी रह गई है। हमारी पार्टी इसलिए चल रही है क्योंकि यहां आंतरिक लोकतंत्र है।

यादव ने बिड़ला आॅडिटोरियम में कहा कि हम राजस्थान में बहुत थोड़े मतों से सरकार नहीं बना पाए। इसका नुकसान राजस्थान की जनता को हुआ। हम यहां से संकल्प लेकर जाएं कि 2023 में तीन चौथाई बहुमत से राजस्थान में सरकार बनेगी। मैनें भिवाडी में भी कहा और यहां भी कह रहा हूं कि वापस से कमल खिलाकर सुशासन को स्थापित करेंगे और लम्बे समय तक स्थापित करेंगे। कांग्रेस के वर्तमान शासन के कारण राजस्थान पीछे छूटा है, उसकी भरपाई करनी है। यादव ने कहा कि सबके मन में सवाल है कि जनआशीर्वाद यात्रा क्यों। इसका उत्तर है कि कोई भी सरकार या पार्टी सत्त्ता में आए, हम सबसे पहले जनता के सेवक हैं, इसलिए जनता का आशीर्वाद मांगने आए। भाजपा जैसी लोकतांत्रिक पार्टी ही ऐसा कर सकती है। इससे पहले यादव सुबह भिवाड़ से रवाना हुए। जयपुर तक करीब 50 जगहों पर उनका स्वागत किया गया।

कांग्रेस रही निशाने पर

उन्होंने कहा कि कांग्रेंस ने 50 साल तक राज किया और देश के हर वर्ग को वोटबैंक बना दिया और किसी को कुछ नहीं दिया। कांग्रेस ने किसी को कुछ दिया तो केवल एक परिवार को दिया। बाकी को उनकी खिदमत का काम सौंपा। राजनीति में हम इसलिए आए कि परिवार और वंश का स्थान नहीं है।

लोकतंत्र को बंधक और गिरवी बनाकर नहीं रखा जा सकता

पेगेसस मामले में संसद में हुए हंगामे और विपक्ष के अमर्यादित व्यवहार पर यादव ने कहा कि लोकतंत्र को बंधक और गिरवी बनाकर नहीं रखा जा सकता। कांग्रेस के लोग सही बात करना चाहते हैं तो वैचारिक रूप और तर्क के साथ आएं। लेकिन पीएम मंत्रिमंडल का परिचय कराए और संसद को नहीं चलने दिया जाए। इतनी भी मर्यादा नहीं रखी।

कांग्रेस के लोग कहे कि उनके सांसदों ने जो किया, वो सही किया

उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की मर्यादा का पालन होना चाहिए। आप बताएं कि टेबल लिखने के काम आती है या डांस करने के काम में आती है। किताब पढ़ने के काम आती है या फेंकने के लिए। मर्यादा को तार—तार किया जा रहा है। स्पीकर के सामने किताबों को फेंका जाए, इससे शर्मनाक लोकतंत्र का काला दिन इतिहास में नहीं हो सकता है। ये उन लोगों ने किया है जिन्होंने इमरजेंसी लगाई हिम्मत है तो कांग्रेस के लोग कहे कि उनके सांसदों ने जो किया, वो सही किया।



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