कमल नाथ के ‘अजेय गढ़’ पर सीएम शिवराज ने की धनवर्षा, जानिए छिंदवाड़ा पर इतने मेहरबान क्यों है ‘मामा’

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कमल नाथ के ‘अजेय गढ़’ पर सीएम शिवराज ने की धनवर्षा, जानिए छिंदवाड़ा पर इतने मेहरबान क्यों है ‘मामा’

कमल नाथ के ‘अजेय गढ़’ पर सीएम शिवराज ने की धनवर्षा, जानिए छिंदवाड़ा पर इतने मेहरबान क्यों है ‘मामा’

भोपाल: मध्यप्रदेश का यह चुनावी साल है। सभी नेता हर तरह का पेंतरा आजमाने की कोशिश में जुटे हैं। तो फिर सरकार क्यों पीछे रहे? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कमल नाथ को कमजोर करने की जुगत में लगे हैं। शुक्रवार को छिंदवाड़ा के बिछुआ में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान आयोजित हुआ। यहां मुख्यमंत्री ने 1 हजार करोड़ 35 लाख 75 हजार रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। अकेले छिंदवाड़ा नगर के विकास के लिए 7 करोड़ रुपये स्वीकृति का ऐलान किया। ग्राम बिछुआ में 467 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण भी किया।

छिंदवाड़ा के 83 लाख नए हितग्राही जोड़े

शिवराज ने छिंदवाड़ा की जनता को बताया कि ‘मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान’ के तहत लगाए गए शिविरों में 38 शासकीय योजनाओं में 83 लाख नये हितग्राहियों के नाम जोड़े गए हैं।

कैबिनेट में भी छिंदवाड़ा पर धनवर्षा

इतना ही नहीं, 6 दिसंबर 2022 को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद (कैबिनेट) बैठक में शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए छिंदवाड़ा को 768.22 करोड़ रुपये की सौगात दी है। बता दें कि छिंदवाड़ा कमलनाथ का विधायकी क्षेत्र है, यहीं से उनके बेटे नकुलनाथ सांसद भी हैं।

आखिर क्यों दी इतनी बड़ी राशि?

दरअसल, छिंदवाड़ा में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस से सम्बद्ध अस्पताल की स्थापना की जा रही है। पूर्व में मंत्रि-परिषद ने इसके लिए 665 करोड़ 88 लाख रुपए जारी करने की स्वीकृति दी थी, लेकिन शिवराज सरकार ने अब पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति राशि जारी की है। इसके लिए 665 करोड़ 88 लाख रुपये के स्थान पर 768 करोड़ 22 लाख रुपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

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छिंदवाड़ा पर इतनी मेहरबानी क्यों?

राजनीतिक विश्लेषकों ने नवभारत टाइम्स को बताया कि आने वाले 6-7 महीनों में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का प्रभाव छिंदवाड़ा में बहुत अधिक है। वे यहां से 9 बार सांसद रह चुके हैं। वर्तमान में वे यहीं से विधायक हैं, यही नहीं, नाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा से सांसद हैं। छिंदवाड़ा में कमल नाथ की छवि विकास पुरुष की है। जिले को विकसित करने में उनकी पहल को जनता स्वीकार करती है। ऐसे में भाजपा चाहती है छिंदवाड़ा में कमल नाथ की नींव को कमजोर किया जाए।

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शिवराज बोले- मैं छिंदवाड़ा आता हूं तो कुछ लोगों को तकलीफ होती है
कमल नाथ का नाम लिए बिना शिवराज ने कहा कि मैं जब भी छिंदवाड़ा आता हूं तो कुछ लोगों को बड़ी तकलीफ होती है कि ये छिंदवाड़ा क्यों आते हैं। वे यह भी कहते हैं कि घोषणावीर आ गए। शिवराज ने आगे कहा कि छिंदवाड़ा की जनता मुझे बार-बार बुलाती है तो मैं बार-बार आता हूं। मैं घोषणावीर हूं, क्योंकि वीर ही घोषणा करते हैं। मैं जो भी घोषणा करता हूं, उसका पालन भी करता हूं। बिछुआ में मैंने 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण की घोषणा की थी और घोषणा करने के बाद इस भवन का भूमिपूजन कर शिलान्यास किया था तथा आज इस नवनिर्मित 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का मेरे द्वारा लोकार्पण भी किया गया। यह कार्य कोई सच्चा घोषणावीर ही कर सकता है। दरअसल, कमल नाथ पूर्व की कई सभाओं में शिवराज को घोषणावीर की संज्ञा देते रहे हैं।

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एकमात्र सांसद थे कमल नाथ
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में मध्य प्रदेश की 29 विधानसभा चुनाव में से कांग्रेस के सिर्फ दो प्रत्याशी ग्वालियर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और छिंदवाड़ा से कमल नाथ ही जीते थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में सिंधिया चुनाव हार गए थे, लेकिन कमल नाथ का छिंदवाड़ा अपराजेय था। ऐसे में भाजपा चाहती है कि विकास के दम पर ही क्यों न कमल नाथ को हराया जाये।

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सिर्फ छिंदवाड़ा की बात करते थे कमल नाथ
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और कमल नाथ मुख्यमंत्री बने तो वे अक्सर छिंदवाड़ा को ही प्राथमिकता देते थे। उनके बारे में अफसर बताते हैं कि जब भी कोई कैबिनेट बैठक होती थी तो पहली फाइल छिंदवाड़ा ही होती थी। ऐसे में अन्य जगहों के मंत्री छिंदवाड़ा से परेशान हो गए थे। मंत्रियों को लगता था कि मुख्यमंत्री कमल नाथ छिंदवाड़ा के विकास पर ही ध्यान देते हैं, उन्हें राज्य के अन्य स्थानों से कोई लेना-देना नहीं है।
रिपोर्टर- डॉ. दीपक राय

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