इतिहास की खुली किताब हैं विश्वविद्यालय के अवशेष, नालंदा में घूमने की ये जगहें हैं सबसे अलग और खास

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इतिहास की खुली किताब हैं विश्वविद्यालय के अवशेष, नालंदा में घूमने की ये जगहें हैं सबसे अलग और खास

इतिहास की खुली किताब हैं विश्वविद्यालय के अवशेष, नालंदा में घूमने की ये जगहें हैं सबसे अलग और खास

बिहार का नालंदा जिला पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जिले में नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष के अलावा कई ऐतिहासिक धरोहर स्थल हैं। नालंदा की रेल और सड़क मार्ग से बेहतर कनेक्टिविटी होने के चलते देश विदेश के आने वाले सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। नालंदा की ऐतिहासिक धरोहर विश्वविख्यात हैं। नालंदा के टॉप 5 टूरिस्ट केंद्रों में नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष, ह्वेन स्वांग मेमोरियल हॉल, स्तूप, पावापुरी और नालंदा आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम हैं। 

नालंदा विश्वविद्यालय अवशेष

नालंदा विश्वविद्यालय एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है। इसका निर्माण तीसरी शताब्दी में किया गया था। बौद्ध धर्म के शिक्षण केंद्र के रूप में नालंदा की एक विशिष्ट पहचान रही है। देश विदेश से बौद्ध धर्म समेत कई धर्मों के लोग नालंदा घूमने आते रहते हैं। नालंदा की विश्व स्तर पर पहचान का नालंदा विश्वविद्यालय ही है। 

ह्वेन सांग मेमोरियल हॉल

चीनी स्कॉलर ह्वेन सांग की याद में बनवाया गया मेमोरियल हॉल उस स्थान पर बनाया गया था, जहां देश में अपने समय के दौरान 12 वर्षों से अधिक समय तक निवास किया था। खास तौर पर बौद्ध धर्म के अनुयायी इस स्थल पर घूमने अवश्य जाते हैं। शांत वातावरण और साफ सुथरे इस पर्यटन केंद्र पर लोग आनंद की अनुभूति करते हैं। 

अशोक का स्तूप 

नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों के बीच मौजूद इस स्तूप का निर्माण तीसरी शताब्दी में अशोक ने सारिपुत्र के सम्मान में किया था। इसके सात अभिवृद्धि के बाद, यह संरचना एक पिरामिड के आकार की है और सीढ़ियों की उड़ानों और शानदार मूर्तियों से भी घिरी हुई है। बौद्ध धर्म के अनुयायी स्तूप पर पूजा अर्चना करने आते हैं। 

पावापुरी 

पावापुरी जैन धर्म के अनुयायियों का पवित्र स्थल है। भगवान महावीर को यहीं पर दफनाया गया था। नालंदा के सभी ऐतिहासिक स्थलों की तरह ही पावापुरी में भी शांत माहौल रहता है और नालंदा में पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र है।

आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम

नालंदा में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा बनवाये गए म्यूजियम में नालंदा विश्वविद्यालय की खुदाई में मिले अवशेषों का संग्रह किया गया है। म्यूजियम में खुदाई में मिली ईसा की सदी से पहले की वस्तुएं रखी गयी हैं। म्यूजियम ऐतिहासिक धरोहरों को देखने का बेहतर केंद्र है। 

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नालंदा के पर्यटन स्थल रेल, रोड और वायु परिवहन से कनेक्टेड हैं। पर्यटन केंद्रों के नजदीक रहने और खाना पानी की उपलब्धता है। पटना से नालंदा की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। पटना एयरपोर्ट से नालंदा आसानी से जाया जा सकता है। 

 

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