अवैध ऑटो रिक्शों पर लगाम लगाने केबिनेट की उप समिति में रखा मामला | The matter placed in the cabinet to rein in illegal auto rickshaws | Patrika News

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अवैध ऑटो रिक्शों पर लगाम लगाने केबिनेट की उप समिति में रखा मामला | The matter placed in the cabinet to rein in illegal auto rickshaws | Patrika News

अवैध ऑटो रिक्शों पर लगाम लगाने केबिनेट की उप समिति में रखा मामला | The matter placed in the cabinet to rein in illegal auto rickshaws | Patrika News

यह है मामला-
अधिवक्ता सतीश वर्मा व नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया कि शहर में चल रहे ऑटो रिक्शा कॉंट्रैक्ट कैरिज परमिट की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। इन अवैध ऑटो रिक्शों व इनकी धमाचौकड़ी पर नियंत्रण करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। आग्रह किया गया कि इस मनमानी पर लगाम लगाई जाए। ओवरलोडिंग रोकी जाए। मनमानी किराया वसूली रोकने के लिए किराया सूची सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा की जाए। जगह-जगह रोक कर सवारियां चढ़ाने-उतारने की बजाय रुट व स्टॉप फिक्स किए जाएं।

सरकार नही लागू कर रही संशोधन-

सोमवार को याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा ने कोर्ट को बताया कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2019 में मोटर व्हीकल संशोधन अधिनियम को लागू किया । लेकिन राज्य सरकार इस अधिनियम को लागू नहीं कर रही है। राज्य सरकार की योजना में स्मार्ट रीडर लगाना शामिल नहीं है।अधिवक्ता सतीश वर्मा ने कोर्ट को बताया कि कागजी रिपोर्ट बार बार पेश कर के कोर्ट को गुमराह किया जा रहा है । जबकि सड़क पर वास्तिविक स्थिति कुछ है। ऑटो चालक ओवर लोडिंग के समेत सारे नियम तोड़ रहे है । ऑटो में ड्राइवर सीट पर 4 सवारी और पीछे 15 सवारी बैठा कर ले जा रहे हैं। जबकि ड्राइवर को सिर्फ 3 सवारी, वो भी एक ही बार में एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने का परमिट है।लेकिन सरकार उनको वोट बैंक समझ कर दिखावे के लिए कार्यवाही करती है और सेंट्रल गवर्नमेंट के मोटर व्हीकल संशोधित रूल्स 2019 मध्य प्रदेश में लागू नही किए जा रहे है। जो कि पूरे प्रदेश की ट्रैफिक और यातायात में सुधार ला सकते हैं। इनमें भारी जुर्माने का प्रावधान है।
पहले यह कह चुकी है हाइकोर्ट-

1. शहर भर में दौड़ रहे मॉडीफाइड ऑटो रिक्शा-

कोर्ट ने पूर्व सुनवाईयो के दौरान राज्य सरकार की कार्रवाई को नाकाफी बताया था। कहा था कि पूरे शहर में मॉडीफाइड ऑटो रिक्शे दौड़ रहे हैं। इनमें ड्राइवर सीट को बढ़ा लिया गया है। सीट के सामने पटिया लगा कर अतिरिक्त सवारियां ठूंसं-ठूंस कर ढोई जा रही हैं। इनके चलते अराजक स्थित उत्पन्न हो रही है।

2. चहुं ओर मनमानी–

कोर्ट ने कहा था कि बिना समुचित जांच के रूट परमिट दिए जा रहे हैं। ऑटो रिक्शा वाले मनमानी तरीके से कहीं भी रोक रहे हैं। सवारियों की ओवरलोडिंग हो रही है। भाड़ा तालिका समुचित व निर्देर्शित जगहों पर नहीं लगाए गए हैं।

3. कलर कोडिंग,रुट का पालन कराने दी थी चेतावनी—

11 फरवरी 2019 को कोर्ट ने कहा था कि निर्धारित रुट के मुताबिक ही ऑटो रिक्शों का संचालन किया जाए। कलर कोडिंग व रुट नियमों का सख्ती से पालन हो। एेसा न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।



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