अनिल अंबानी की इस दिवालिया कंपनी का लाइसेंस नहीं होगा रिन्यू! जानिए क्या है मामला
हाइलाइट्स:
- DoT ने आरकॉम का लाइसेंस रिन्यू करने से इनकार कर दिया है
- इस दिवालिया कंपनी पर 26,000 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है
- भुगतान नहीं करने पर कंपनी को अपना स्पेक्ट्रम सरेंडर करना पड़ेगा
- इनसॉल्वेंसी प्रोसेस के तहत एसेट सेल की योजना खटाई में पड़ जाएगी
नई दिल्ली
भारी कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) ने बकाये का भुगतान नहीं होने पर उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) का टेलिकॉम लाइसेंस रिन्यू करने से इनकार कर दिया है। कंपनी पर 26,000 करोड़ रुपये का बकाया है। DoT का कहना है कि जब तक कंपनी इसका भुगतान नहीं करती है तब तक उसका लाइसेंस रिन्यू नहीं किया जाएगा।
अगर कंपनी ऐसा करने में नाकाम रहती है तो उसे अपना स्पेक्ट्रम सरेंडर करना पड़ेगा और इनसॉल्वेंसी प्रोसेस के तहत एसेट सेल की उसकी योजना खटाई में पड़ जाएगी। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि DoT ने आरकॉम को बता दिया है कि अगर उसने स्पेक्ट्रम से जुड़े पिछले बकाये का भुगतान नहीं किया तो उसका टेलिकॉम लाइसेंस रिन्यू नहीं होगा। इसस पहले रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने विभाग को बताया था कि आईबीसी कोड के मुताबिक कंपनी का बकाया मोरेटोरियम के तहत आता है और उसे इसका भुगतान करने की जरूरत नहीं है।
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लाइसेंस रिन्यू करने का अनुरोध
आरकॉम ने DoT से अनुरोध किया था कि उसका टेलिकॉम लाइसेंस और 20 साल के लिए रिन्यू किया जाए। कंपनी के पास पूरे देश का टेलिकॉम लाइसेंस है और देश के 22 टेलिकॉम सर्कल में से 14 में 850 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम है। कंपनी का लाइसेंस जुलाई में खत्म हो रहा है। पहले इस कंपनी का मालिकाना हक अनिल अंबानी के पास था लेकिन अभी इसे उसकी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) डेलॉयट (Deloitte) चला रही है।
मामले की जानकारी रखने वाली टेलिकॉम इंडस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि DoT के फैसले के खिलाफ आरपी टेलिकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) में अपील कर सकता है। आरकॉम ने इस बारे में ईटी के ईमेल का जवाब नहीं दिया। Deloitte के प्रवक्ता ने एक ईमेल में कहा कि हम गोपनीयता प्रतिबद्धताओं से बंधे हैं और क्लाइंट से जुड़े मसलों पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।
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26,000 करोड़ रुपये का बकाया
आरकॉम का कंज्यूमर मोबाइल बिजनस 2017 में बंद हो गया था लेकिन यह कंपनियों के लिए अब भी बिजनस चला रही है। DoT ने कंपनी से 26,000 करोड़ रुपये के एजीआर बकाये की मांग की थी लेकिन कंपनी ने बैंकरप्सी प्रॉसीडिंग का हवाला देते हुए इसका भुगतान नहीं किया है। आईबीसी प्रॉसीडिंग्स के तहत आरकॉम की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने मार्च 2020 में रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी। इसके तहत एसेट रिकंस्ट्रक्शन फर्म UVARCL 12760 करोड़ रुपये में आरकॉम का स्पेक्ट्रम खरीदेगी। इसके अलावा टावर, फाइबर, एंटरप्राइस बिजनस और जमीन की बिक्री से कंपनी को 20 से 23 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
इस प्लान के तहत ऑपरेशनल क्रेडिटर DoT को अपने क्लेम की बेहद मामूली रकम मिलेगी। ऐसा इसलिए है कि आरकॉम और इसकी यूनिट रिलायंस टेलिकॉम के ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को क्रमश: 672 करोड़ रुपये और 88 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसे सैकड़ों ऑपरेशनल क्रेडिटर्स में बांटा जाएगा जिनमें टावर कंपनियां और इक्विपमेंट वेंडर्स भी शामिल हैं।
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- DoT ने आरकॉम का लाइसेंस रिन्यू करने से इनकार कर दिया है
- इस दिवालिया कंपनी पर 26,000 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है
- भुगतान नहीं करने पर कंपनी को अपना स्पेक्ट्रम सरेंडर करना पड़ेगा
- इनसॉल्वेंसी प्रोसेस के तहत एसेट सेल की योजना खटाई में पड़ जाएगी
भारी कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) ने बकाये का भुगतान नहीं होने पर उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) का टेलिकॉम लाइसेंस रिन्यू करने से इनकार कर दिया है। कंपनी पर 26,000 करोड़ रुपये का बकाया है। DoT का कहना है कि जब तक कंपनी इसका भुगतान नहीं करती है तब तक उसका लाइसेंस रिन्यू नहीं किया जाएगा।
अगर कंपनी ऐसा करने में नाकाम रहती है तो उसे अपना स्पेक्ट्रम सरेंडर करना पड़ेगा और इनसॉल्वेंसी प्रोसेस के तहत एसेट सेल की उसकी योजना खटाई में पड़ जाएगी। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि DoT ने आरकॉम को बता दिया है कि अगर उसने स्पेक्ट्रम से जुड़े पिछले बकाये का भुगतान नहीं किया तो उसका टेलिकॉम लाइसेंस रिन्यू नहीं होगा। इसस पहले रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने विभाग को बताया था कि आईबीसी कोड के मुताबिक कंपनी का बकाया मोरेटोरियम के तहत आता है और उसे इसका भुगतान करने की जरूरत नहीं है।
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लाइसेंस रिन्यू करने का अनुरोध
आरकॉम ने DoT से अनुरोध किया था कि उसका टेलिकॉम लाइसेंस और 20 साल के लिए रिन्यू किया जाए। कंपनी के पास पूरे देश का टेलिकॉम लाइसेंस है और देश के 22 टेलिकॉम सर्कल में से 14 में 850 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम है। कंपनी का लाइसेंस जुलाई में खत्म हो रहा है। पहले इस कंपनी का मालिकाना हक अनिल अंबानी के पास था लेकिन अभी इसे उसकी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) डेलॉयट (Deloitte) चला रही है।
मामले की जानकारी रखने वाली टेलिकॉम इंडस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि DoT के फैसले के खिलाफ आरपी टेलिकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) में अपील कर सकता है। आरकॉम ने इस बारे में ईटी के ईमेल का जवाब नहीं दिया। Deloitte के प्रवक्ता ने एक ईमेल में कहा कि हम गोपनीयता प्रतिबद्धताओं से बंधे हैं और क्लाइंट से जुड़े मसलों पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।
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26,000 करोड़ रुपये का बकाया
आरकॉम का कंज्यूमर मोबाइल बिजनस 2017 में बंद हो गया था लेकिन यह कंपनियों के लिए अब भी बिजनस चला रही है। DoT ने कंपनी से 26,000 करोड़ रुपये के एजीआर बकाये की मांग की थी लेकिन कंपनी ने बैंकरप्सी प्रॉसीडिंग का हवाला देते हुए इसका भुगतान नहीं किया है। आईबीसी प्रॉसीडिंग्स के तहत आरकॉम की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने मार्च 2020 में रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी। इसके तहत एसेट रिकंस्ट्रक्शन फर्म UVARCL 12760 करोड़ रुपये में आरकॉम का स्पेक्ट्रम खरीदेगी। इसके अलावा टावर, फाइबर, एंटरप्राइस बिजनस और जमीन की बिक्री से कंपनी को 20 से 23 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
इस प्लान के तहत ऑपरेशनल क्रेडिटर DoT को अपने क्लेम की बेहद मामूली रकम मिलेगी। ऐसा इसलिए है कि आरकॉम और इसकी यूनिट रिलायंस टेलिकॉम के ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को क्रमश: 672 करोड़ रुपये और 88 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसे सैकड़ों ऑपरेशनल क्रेडिटर्स में बांटा जाएगा जिनमें टावर कंपनियां और इक्विपमेंट वेंडर्स भी शामिल हैं।
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