अंधविश्वास: सरकारी अस्पताल में घंटों चलती रही झाड़फूंक, प्रेत बाधा की आशंका | Superstition: exorcism continued for hours In the satna govt hospital | Patrika News

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अंधविश्वास: सरकारी अस्पताल में घंटों चलती रही झाड़फूंक, प्रेत बाधा की आशंका | Superstition: exorcism continued for hours In the satna govt hospital | Patrika News


अंधविश्वास: सरकारी अस्पताल में घंटों चलती रही झाड़फूंक, प्रेत बाधा की आशंका | Superstition: exorcism continued for hours In the satna govt hospital | Patrika News

बताया गया कि देवरी इटमा निवासी वंदना सिंह की तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजनों ने सिविल अस्पताल अमरपाटन में भर्ती कराया। परिजनों का कहना है कि दवाइयों से आराम नहीं मिल रहा था। उनको प्रेत बाधा की आशंका थी। ऐसे में एक परिचित को झाडफूंक करने के लिए बुलाया। अस्पताल के अंदर घंटों झाडफूंक चलती रही।

तमाशबीनों की भीड़
तांत्रिक युवती के चेहरे व हाथ-पैर पकड़ कर हिलाता रहा। जोर-जोर से डांटता भी रहा। इस दौरान आवाज सुनकर मरीजों सहित परिजनों की भीड़ भी लग गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने अंधविश्वास को रोकने के प्रयास तक नहीं किए। मरीजों ने बताया कि यहां इस तरह तंत्र-मंत्र की घटनाएं आए दिन हो रही हैं।

वही जिले की चिकित्सा सेवाओं की जमीनी हकीकत देखें तो बड़वार अस्पताल में चिकित्सक न कर्मचारी, महीनों से अस्पताल पर पड़ा ताला। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की पदस्थापना करने ग्रामीण अरसे से आवाज उठा रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की मांग को स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित अधिकारी भी अनदेखा कर रहे हैं। रामनगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़वार में न तो डॉक्टर हैं और न कर्मचारी। हालत यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का महीनों से ताला ही नहीं खुला है।

ग्रामीणों को मजबूरी में झोलाछाप चिकित्सकों से इलाज कराना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ समेत अन्य की पदस्थापना नहीं की गई है। हालत यह है कि देखरेख के लिए भी कोई कर्मचारी तैनात नहीं है। इसके चलते चार माह से भी अधिक समय से अस्पताल का ताला ही नहीं खुला है। बड़वार के नजदीक हर्रई, अमिलिया,सुलखमा, सेमरिया में उप स्वास्थ्य केंद्र हैं।





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