Sushil Kumar News: ‘सुशील पहलवान को नहीं कोई पछतावा और अपराध बोध’
हाइलाइट्स
- पुलिस रिमांड के दौरान काउंसिलिंग करने के बाद साइकॉलजिस्ट ने निकाला निचोड़
- छत्रसाल स्टेडियम में 4-5 मई की दरम्यानी रात को हुई थी पहलवान सागर की हत्या
- पुलिस ने इस मामले में 170 पेज की चार्जशीट दायर की है, सुशील मुख्य आरोपी है
नई दिल्लीः डबल ओलिंपिक मेडलिस्ट पहलवान सुशील कुमार के भीतर छुपे राज उगलवाने के लिए क्राइम ब्रांच ने साइकॉलजिस्ट की मदद ली थी। सागर हत्याकांड में गिरफ्तार होने के बाद सुशील की दस दिन की रिमांड ली गई थी। पूछताछ में जांच एजेंसी को काफी मशक्कत करनी पड़ी, लिहाजा मनोवैज्ञानिकों का सहारा लिया गया था। साइकॉलजिस्ट ने काउंसिलिंग में पाया कि देश के इस दिग्गज पहलवान में पछतावे और अपराध बोध के कोई लक्षण नहीं थे।
क्राइम ब्रांच ने रोहिणी कोर्ट में सोमवार को दाखिल चार्जशीट में यह खुलासा किया है। छत्रसाल स्टेडियम में 4-5 मई की दरम्यानी रात को हुए सागर हत्याकांड के बाद सुशील फरार हो गया था। स्पेशल सेल ने 23 मई को मुंडका से उसे अजय सहरावत के साथ अरेस्ट किया था। क्राइम ब्रांच ने 10 दिन तक रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। जांच एजेंसी वारदात के समय पहने सुशील के कपड़े,स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर और उसका फोन बरामद नहीं कर सकी। ऐसे में साइकॉलजिस्ट की मदद ली, जिन्होंने सुशील की काउंसिलिंग की।
मनोवैज्ञानिक निष्कर्ष के मुताबिक, सुशील वारदात संबंधित कोई जानकारी साझा नहीं करने पर अड़ा था। वह अपने जबड़े और कंधे भींच लेता था, जो संकेत था कि वह हत्याकांड और दूसरी सामान्य जानकारी को बाहर आने से रोक रहा था। वह अपनी जिद पर अड़ा था। उसके भीतर किसी तरह के पछतावे और अपराध बोध के लक्षण नहीं थे। साइकॉलजिस्ट के निचोड़ के मुताबिक, वह बहुत ही अहंकार में था और वह इस तरह व्यवहार कर रहा था जैसे खुद को कानून से ऊपर मानता हो। उसमें अपने नाम और प्रतिष्ठा को लेकर घमंड था।
यूं हत्या तक पहुंच गया झगड़ा
पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि यह चार वजहें हैं, जिनसे यह विवाद हत्याकांड तक पहुंच गया।
1. फ्लैट खाली करवाने अजय गया था, जहां उसका सोनू और उसकी गर्लफ्रेंड की टंगी फोटो फोन से खींचना।
2. सोनू महाल और सागर का सुशील कुमार का मॉडल टाउन स्थित फ्लैट खाली करने से इनकार करना।
3.स्टेडियम में कानाफूसी होना कि सोनू-सागर से सुशील डर गया और वह उनका सामना नहीं कर सकता।
4. शक था सागर-सोनू उनकी खबर ले रहे हैं। सोनू का क्रिमिनल बैकग्राउंड होने से नुकसान का था खतरा।
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हाइलाइट्स
- पुलिस रिमांड के दौरान काउंसिलिंग करने के बाद साइकॉलजिस्ट ने निकाला निचोड़
- छत्रसाल स्टेडियम में 4-5 मई की दरम्यानी रात को हुई थी पहलवान सागर की हत्या
- पुलिस ने इस मामले में 170 पेज की चार्जशीट दायर की है, सुशील मुख्य आरोपी है
क्राइम ब्रांच ने रोहिणी कोर्ट में सोमवार को दाखिल चार्जशीट में यह खुलासा किया है। छत्रसाल स्टेडियम में 4-5 मई की दरम्यानी रात को हुए सागर हत्याकांड के बाद सुशील फरार हो गया था। स्पेशल सेल ने 23 मई को मुंडका से उसे अजय सहरावत के साथ अरेस्ट किया था। क्राइम ब्रांच ने 10 दिन तक रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। जांच एजेंसी वारदात के समय पहने सुशील के कपड़े,स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर और उसका फोन बरामद नहीं कर सकी। ऐसे में साइकॉलजिस्ट की मदद ली, जिन्होंने सुशील की काउंसिलिंग की।
मनोवैज्ञानिक निष्कर्ष के मुताबिक, सुशील वारदात संबंधित कोई जानकारी साझा नहीं करने पर अड़ा था। वह अपने जबड़े और कंधे भींच लेता था, जो संकेत था कि वह हत्याकांड और दूसरी सामान्य जानकारी को बाहर आने से रोक रहा था। वह अपनी जिद पर अड़ा था। उसके भीतर किसी तरह के पछतावे और अपराध बोध के लक्षण नहीं थे। साइकॉलजिस्ट के निचोड़ के मुताबिक, वह बहुत ही अहंकार में था और वह इस तरह व्यवहार कर रहा था जैसे खुद को कानून से ऊपर मानता हो। उसमें अपने नाम और प्रतिष्ठा को लेकर घमंड था।
यूं हत्या तक पहुंच गया झगड़ा
पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि यह चार वजहें हैं, जिनसे यह विवाद हत्याकांड तक पहुंच गया।
1. फ्लैट खाली करवाने अजय गया था, जहां उसका सोनू और उसकी गर्लफ्रेंड की टंगी फोटो फोन से खींचना।
2. सोनू महाल और सागर का सुशील कुमार का मॉडल टाउन स्थित फ्लैट खाली करने से इनकार करना।
3.स्टेडियम में कानाफूसी होना कि सोनू-सागर से सुशील डर गया और वह उनका सामना नहीं कर सकता।
4. शक था सागर-सोनू उनकी खबर ले रहे हैं। सोनू का क्रिमिनल बैकग्राउंड होने से नुकसान का था खतरा।