तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले के अछमपेट अस्पताल में एक दर्दनाक घटना हुई जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाएगा। नागरकुरनूल जिले के नादिमपल्ली गांव के 23 वर्षीय महिला गर्भवती थीं। अचानक हालत ख़राब होने पर उन्हें अछमपेट अस्पताल में एडमिट कराया गया था। डॉक्ट कि तरफ से भी यह कहना था की गर्भवती महिला कि सामान्य डिलीवरी होगी, और तो और गर्भवती महिला का पास्ट में कोई मेडिकल समस्या की भी शिकयात नहीं थी।
डिलीवरी के वक़्त गर्भवती महिला को अछमपेट अस्पताल में पहले एक इंजेक्शन दिया गया था। फिर लेबर रूम में ले जाया गया। यह भी खबर है कि डिलीवरी के दौरान गर्भवती महिला की हालत और जय्दा गंभीर होगई। फिर प्रेग्नेंट महिला को हैदराबाद के पेटलाबुर्ज मैटरनिटी अस्पताल में रेफर किया गया।
प्रेग्नेंट महिला की तरफ से यह भी बयान आया कि जब पेटलाबुर्ज में डॉक्टरों ने उन्हें देखा तो उनके पति और परिजनों अछमपेट अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी नहीं कराई गई. सीजेरिया कराया जा रहा था तभी बच्चे का सिर कट गया. धड़ अब भी गर्भवती के शरीर में ही है। हैदराबाद के पेटलाबुर्ज अस्पताल के डॉक्टरों ने इसके बाद वापस ऑपरेशन करके महिला के गर्भ से सिर कटे हुए बच्चे का धड़ निकाला।
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इस घटना से महिला के रिश्तेदारों ने अपना आपा खो दिया और नागरकुरनूल जिले के अछमपेट अस्पताल में तोड़फो़ड़ की, फर्नीचर तक को भी तोड़ दिया। सके बाद जिलाधिकारी और जिले के मेडिकल हेल्थ अफस से शिकायत दर्ज की गई। जांच कमेटी भी बनाई गई , डॉक्टर को भी सस्पेंड कर दिया गया।