न्यायधीश के एक सवाल पर पसर गया सर्वोच्च न्यायलय में सन्नाटा

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शुक्रवार (20 अप्रैल 2018),को सर्वोच न्यायलय बलात्कार से जुडी एक जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थीl याचिका की सुनवाई न्यायधीश एस ए बोबडे और न्यायधीश एल नागेश्वर राव की पीठ कर रही थीl इस जनहित याचिका को दायर अधिवक्ता मनोहन लाल शर्मा ने किया था l

अधिवक्ता मनोहन लाल शर्मा ने कि सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
आपको बता दें कि जारी की गयी याचिका में ,आरोप लगाया गया था कि पुलिस बलात्कार के ऐसे मामलों को प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही हैं, जिनमें मंत्रियों, सांसदों या विधायकों जैसे ताकतवर लोग संलिप्तत होते है। इस पर जस्टिस पेनल ने अधिवक्ता मनोहन लाल शर्मा से जनहित याचिका दायर करने के उसके औचित्य पर सवाल उठाते हुये हैरानी व्यक्त करते हुए पूछा कि आपराधिक मामलों में जनहित याचिका कैसे दायर हो सकती है।

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याचिका के औचित्य पर उठाये सवाल, पूछा क्या आपके परिवार में किसी का बलात्कार हुआ है ?

अदालत ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता से जानना चाहा कि उन्नाव बलात्कार कांड के संदर्भ में उसकी क्या हैसियत है?न्यायालय यह भी जानना चाहता था कि उन्नाव कांड से शर्मा किस तरह से प्रभावित हैं और इससे उसका क्या संबंध है। दो जजों की बेंच ने कहा, ‘‘ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पहले ही इस मामले में कुछ आदेश दिये हैं। शर्मा जी आप इस मामले में प्रभावित व्यक्ति नहीं है। आपराधिक मामले में जनहित याचिका दायर नहीं हो सकती है।और अधिवक्ता से पूछ लिया ,क्या बलात्कार पीड़िता का कोई रिश्तेदार राहत के लिये हमारे सामने है?याचिका पर सुनवाई करते हुए ,सुप्रीम कोर्ट के जज वकील साहब पर क्रोधित हो गये ,और याचिकाकर्ता वकील साहब से पूछ डाला कि,क्या आपके परिवार में किसी का बलात्कार हुआ है ?इस सवाल को सुनते ही पुरे कोर्ट रूम में सन्नाटा पसर गया l

इसके बाद भी जब शर्मा ने अपनी याचिका पर जोर दिया तो न्यायालय ने इसे खारिज करते हुये कहा कि इस पर विचार नहीं किया जा सकता। आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने , यूपी के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले की सीबीआई जांच के लिये दायर याचिका पर 11 अप्रैल को सुनवाई के लिये तैयार हो गयी थी। शर्मा ने याचिका में ये भी आरोप लगाये कि पीड़िता के पिता को यातना दी गयी थीl  और सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर पुलिस हिरासत में उनकी हत्या भी कि गयी है। शर्मा ने पिछले साल जुलाई में नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के मामले की सीबीआई जांच का भी अनुरोध किया था।