मौत से लड़ते -लड़ते जिंदगी से हार गए “सुपरकॉप” हिमांशु राय

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शुक्रवार ,11 मई 2018 को मुंबई पुलिस के एक अफसर ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली l एक पुलिस ऑफिसर के आत्महत्या करने की खबर आग की तरह हर तरफ फ़ैल गयी l यह वाक्य जितना दुखद था उतना ही हैरान कर देने वाला l ऐसा इसलिए क्‍योंकि उनको जानने वालों का कहना है कि जितनी मजबूत कद-काठी के वो थे , उतने ही दृढ़ इच्‍छाशक्ति के भी धनी थेl

क्या हुआ था उस शुक्रवार को ?
शुक्रवार का दिन , तारीख 11 मई 2018 तकरीबन डेढ़ बजे , जब घर में लंच की तैयारियां हो रहीं थी l हिमांशु राय अपने बेडरूम में आराम कर रहे थे , उनकी पत्नी किसी काम से दुसरे कमरे में थीं l तभी अचानक मुंबई के नरीमन पॉइंट के पास स्थित सुपरकॉप हिमांशु राय के घर से गोली की आवाज़ आई l गोली की आवाज़ के साथ ही पुलिस ऑफिसर हिमांशु रॉय की साँसे थम गयी l आपको बता दें कि, उन्होंने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुदखुशी कर ली l गोली की आवाज़ सुनकर उनकी पत्नी कमरे की ओर भागी और हिमांशु को घरेलु स्टाफ की सहायता से अस्पताल पहुँचाया , जहाँ डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया l डॉक्टर ने बताया कि राय ने खुद को मुंह में गोली मारी है l

Himanshu Roy 1 news4social -

क्या है खुदखुशी की वजह ?
मिली हुई तमाम जानकारियों के अनुसार हिमांशु को किडनी कैंसर था l अपने कैंसर की बीमारी का पता उन्हें साल 2000 में चला था l दरअसल उनकी एक किडनी में कैंसर था , और उस वक़्त सर्जरी की मदद से उन्होंने कैंसर को हरा दिया था l लेकिन वर्ष 2016 में उनका कैंसर फिर लौट आया l मौत के बाद हिमांशु का सुसाइड नोट मिला , इसमें उन्होंने लिखा कि वह इस बीमारी के चलते डिप्रेशन में है और इस कदम के लिए स्वयं ज़िम्मेदार है l उनकी मौत के सम्बन्ध में पुणे के मेडिकल ओनकोलॉजिस्‍ट डॉ अनंत भूषण रानाडे ने द टाइम्‍स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं यह समझ नहीं पा रहा हूं कि इस बीमारी से 18 साल तक मजबूती से लड़ने वाले हिमांशु ने आखिर जान क्‍यों दी? डॉ रानाडे दो साल से उनका इलाज कर रहे थे\l उन्होंने आगे कहा कि सोमवार को मैंने उनसे कहा था कि उनकी पीईटी स्‍कैन रिपोर्ट्स पॉजिटिव दिख रही हैंl उनको बताया गया कि थेरेपी काम कर रही हैं और अब हमारे पास बीमारी को हराने का चांस हैl उनसे यह भी कहा कि अब कुछ दिनों के लिए इलाज रोक देते हैंl

जब तबियत बेहतर हो रही थी , फिर क्यों उठाया खुदखुशी का कदम ?
इस सवाल का जवाब देते हुए , टाटा मेमोरियल अस्‍पताल की डॉ मेरी ऐन मुकाडेन ने टाइम्‍स ऑफ इंडिया से कहा कि कैंसर रोगियों का ख़ास ख्याल रखने की ज़रूरत है , इस बात का भी ख्याल रखने की आवश्यकता है कि कहीं पीड़ित डिप्रेशन में तो नहीं ? खासकर उस वक्‍त जब डायग्‍नोसिस होने के बाद रोगी लंबे समय तक जीता है और बीमारी दोबारा लौट आती हैl उन्होंने बताया कि साल 2015 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्‍यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक हर साल इस तरह की गंभीर बीमारी के कारण 22 हजार लोग आत्‍महत्‍या करते हैंl यानी पारिवारिक कारणों के बाद इस तरह की गंभीर बीमारियों के कारण ही सबसे ज्‍यादा लोग आत्‍महत्‍या करते हैंl

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग का किया था खुलासा

आपको बता दें कि हिमांशु राय मुंबई के जांबाज़ अफसरों में से एक थे l साल 2000 में कैंसर से जंग के बाद उन्होंने कई बड़ी पोस्टों पर काम किया l आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग जैसे केसों को भी राय ने अपनी सूझ -बुझ के साथ हल किया था l