Sunderlal Bahuguna Bharat Ratna : दिल्ली विधानसभा ने सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न देने के लिए पारित किया प्रस्ताव

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Sunderlal Bahuguna Bharat Ratna : दिल्ली विधानसभा ने सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न देने के लिए पारित किया प्रस्ताव

हाइलाइट्स

  • पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न देने की मांग
  • दिल्ली विधानसभा में इस बाबत पारित किया गया प्रस्ताव
  • केजरीवाल बोले- उन्होंने पूरी दुनिया को बड़ा संदेश दिया

नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से प्रख्यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध किया। विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सदन इस प्रस्ताव को पारित कर रहा है, लेकिन पूरा देश चाहता है कि बहुगुणा को भारत रत्न दिया जाए।

केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर सर्वोच्च नागरिक सम्मान बहुगुणा को मिलता है तो यह भारत रत्न के लिए गौरव की बात होगी।’ केजरीवाल ने कहा कि बहुगुणा ने न केवल पर्यावरण की रक्षा की बल्कि कई अन्य सामाजिक कार्यों के लिए भी काम किया। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।

विधानसभा में अपने संबोधन में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हम उस महान शख्सियत की बात कर रहे हैं जो बहुत दूरदर्शी लीडर थे। 1960-70 के दशक में कौन पर्यावरण की बात करता था। कोई पेड़ों की बात नहीं करता था। उस वक्त उन्होंने न केवल अपने देश बल्कि पूरी दुनिया को ऐसा विजन दिया कि हमने अपने पर्यावरण को बचाकर नहीं रखा, जल-जंगल-जमीन को नहीं बचाया, नदियों को नहीं बचाया और अगर हमने अपने जीवन को पर्यावरण के साथ समन्वय करके नहीं ढाला तो ये सृष्टि नहीं बचेगी।

केजरीवाल ने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा इतने बड़े विजनरी लीडर थे कि मात्र 13 साल की उम्र में सामाजिक कार्य शुरू कर दिया था। बचपन से उन्होंने दलितों से छुआछूत की प्रथा को दूर करने के लिए संघर्ष किया। दलितों के लिए हॉस्टल बनवाए। जैसे बाबा साहब अंबेडकर ने दलितों को मंदिर में प्रवेश दिलाने के लिए संघर्ष किया था, वैसे ही बहुगुणा जी ने आजीवन इस दिशा में काम किया। उन्होंने नशाबंदी के खिलाफ संघर्ष किया। महिलाओं को इसके लिए एकजुट किया, कई दुकानें बंद कराईं। आजादी की लड़ाई में भी उन्होंने संघर्ष किया। सीएम ने कहा कि सुंदरलाल जी ने इस शर्त पर शादी की थी कि पत्नी आजीवन ग्रामीण इलाके में रहेंगी और आश्रम में रहेंगी।

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