Suncreen sale jump: सनस्क्रीन की बिक्री में 55 परसेंट उछाल, जानिए क्यों बढ़ रही है धूप से बचाने वाली क्रीम की मांग

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Suncreen sale jump: सनस्क्रीन की बिक्री में 55 परसेंट उछाल, जानिए क्यों बढ़ रही है धूप से बचाने वाली क्रीम की मांग

Suncreen sale jump: सनस्क्रीन की बिक्री में 55 परसेंट उछाल, जानिए क्यों बढ़ रही है धूप से बचाने वाली क्रीम की मांग

मुंबई: देश में इस बार रेकॉर्ड गर्मी पड़ रही है और इसके साथ ही धूप से बचाने वाले सनस्क्रीन्स की बिक्री (sunscreens sale) में भी रेकॉर्ड इजाफा हुआ है। रिसर्च फर्म आईएमएस (IMS) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक इस साल मई में मेडिकेटेड सनस्क्रीन (medicated sunscreen) की बिक्री में 2020 की तुलना में करीब 55 फीसदी इजाफा हुआ है। मेडिकेटेड सनस्क्रीन्स दवा बनाने वाली कंपनियां बनाती हैं जबकि सामान्य सनस्क्रीन्स कॉस्मेटिक होती हैं। सामान्य सनस्क्रीन्स बनाने के लिए कोई केमिकल फॉम्यूलेशन नहीं होता है। मार्च 2020 में कोरोना महामारी ने देश में दस्तक दी थी और इसके साथ ही सनस्क्रीन्स की बिक्री में गिरावट आई थी। इसकी वजह यह थी कि लोग घरों में ही दुबके थे और उन्हें धूप से बचाने वाली इस क्रीम की कम जरूरत पड़ रही थी। लेकिन अब इसका मार्केट 10 से 15 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है। देश में इसका मार्केट करीब 300 करोड़ रुपये का है।

सनस्क्रीन बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में Sun Pharma, Hegde & Hegde, IPCA और Glenmark शामिल हैं। इन साल अधिकांश कंपनियों की बिक्री में दोगुना या तिगुना बढ़ोतरी हुई है। सनस्कीन की बिक्री में तेजी के कई कारण हैं। पहला कारण यह है कि लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ी है। साथ ही डॉक्टर की पर्ची से मिलने वाली दवाओं की उपलब्धता बढ़ी है। दिलचस्प बात यह है कि डॉक्टर की पर्ची से मिलने वाली सनस्क्रीन्स ज्यादा लोकप्रिय हैं जबकि इनकी कीमत सामान्य सनस्क्रीन्स की तुलना में दो से तीन गुना अधिक है। हालांकि अधिकांश मेडिकेटेड सनस्क्रीन्स डॉक्टर की पर्ची से ही मिलती हैं लेकिन यह डॉक्टर की पर्ची के बिना भी उपलब्ध हैं।

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क्यों बढ़ रही है बिक्री
मुहासों जैसी स्किन की बीमारियों के इलाज के लिए डॉक्टर कुछ सनस्क्रीन्स को लगाने की सलाह देते हैं। मई में स्किन की बीमारियों के इलाज में काम आने वाली दवाओं में सबसे ज्यादा ग्रोथ सनस्क्रीन्स में रही। पिछले साल की तुलना में इसमें 150 फीसदी तेजी आई। हालांकि इसकी एक वजह पिछले साल का लो बेस भी है क्योंकि उस समय देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही थी। सन फार्मा की इंडिया बिजनस की सीईओ कीर्ति गणोरकर ने कहा कि सनस्क्रीन मार्केट में तेजी के दो कारण हैं। पहला कारण पिछले साल का लो बेस है। दूसरा कारण यह है कि अधिकांश ऑफिस खुल चुके हैं। इसके साथ ही देश में सनस्क्रीन के बारे में जागरूकता बढ़ रही है। प्रिस्क्रिप्शन सनस्क्रीन मार्केट में सन फार्मा की हिस्सेदारी 18 फीसदी है। कंपनी के पास दो ब्रैंड Photostable और Suncros हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा बिक्री Hegde & Hegde के ब्रैंड SunBan की है। कंपनियों का कहना है कि कोविड के पहले के दौर में भी सनस्क्रीन की बिक्री में इसी तरह की तेजी देखी जा रही थी।.

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