Story of Serial Killer: गांव से 65 किमी साइकिल चलाकर सागर पहुंचा, फिर 72 घंटों में तीन गार्ड्स को मारा, पुलिस गिरफ्त में दिखाया विक्ट्री साइन

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Story of Serial Killer: गांव से 65 किमी साइकिल चलाकर सागर पहुंचा, फिर 72 घंटों में तीन गार्ड्स को मारा, पुलिस गिरफ्त में दिखाया विक्ट्री साइन

Story of Serial Killer: गांव से 65 किमी साइकिल चलाकर सागर पहुंचा, फिर 72 घंटों में तीन गार्ड्स को मारा, पुलिस गिरफ्त में दिखाया विक्ट्री साइन

सागरः छह दिनों में चार सिक्योरिटी गार्ड्स की हत्या करने के बाद पुलिस के हत्थे चढ़े सीरियल किलर को सागर ले जाया गया है। अब तक छह हत्याएं कर चुके सीरियल किलर को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। सागर पहुंचने पर पुलिस की गिरफ्त में भी वह विक्ट्री साइन दिखाता नजर आया। पूछताछ में उसने कहा है कि वह मशहूर होना चाहता था। हत्याओं से सनसनी फैलाने के लिए वह सोते हुए सिक्योरिटी गार्ड्स को अपना निशाना बनाता था।

साइकिल चला कर सागर पहुंचा
पुलिस के मुताबिक रक्षाबंधन के बाद वह अपने गांव से 65 किलोमीटर साइकिल चलाकर सागर पहुंचा। वह 25 अगस्त को सागर पहुंचा और कोतवाली क्षेत्र के कटारा स्थित एक धर्मशाला में रुका। इसके दो दिन बाद उसने हत्याओं को अंजाम देना शुरू किया। पहली हत्या उसने कैंट थाना क्षेत्र में 27 अगस्त की रात को की। तीन दिन में तीन हत्याएं करने के बाद वह भोपाल आ गया।

बचपन से ही था झगड़ालू
19 साल का शिव गोंड आठवीं कक्षा तक पढ़ा है। वह बचपन से ही झगड़ालू स्वभाव का था। स्कूल में गांव के लड़कों से छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करता था और फिर उनकी पिटाई कर देता था। बचपन में उसका कोई दोस्त नहीं था। 13 साल की उम्र में घर से भागकर वह सागर आ गया था। इसके बाद उसकी पढ़ाई छूट गई। सागर से ट्रेन में बैठा और पुणे पहुंच गया। वहां वह एक होटल में नौकरी करता था।

होटल मालिक की कर दी पिटाई
एक दिन होटल के मालिक से उसकी बहस हो गई। शिव ने मालिक की ऐसी पिटाई की कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। शिव को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। पिता नन्हे आदिवासी उसे छुड़ाकर लाए। इसके बाद वह गोवा चला गया। वहां नौकरी करने लगा। गोवा में ही उसने इंग्लिश सीखी। धीरे-धीरे वह फर्राटेदार इंग्लिश बोलने लगा।

अंतिम बार रक्षाबंधन पर आया था घर
पुणे और गोवा में नौकरी के दौरान शिव एक-दो दिन के लिए गांव आता था, लेकिन किसी से मिलता-जुलता नहीं था। अंतिम बार वह रक्षाबंधन पर अपने गांव आया था। तब वह सात-आठ दिन रुका था। इसके बाद कहां गया, किसी को नहीं पता। घर के लोगों से कभी फोन पर उसकी बातचीत नहीं होती थी। पिता को उसकी नौकरी के बारे में भी कुछ पता नहीं था।

मां को कहा- जल्द मशहूर हो जाऊंगा
उसकी मां का कहना है कि शिव की बातचीत से कभी नहीं लगा कि वह किसी की हत्या कर सकता है। रक्षाबंधन पर जब घर आया था, तब उसने मां से कहा था कि वह जल्द ही मशहूर हो जाएगा।

घर में सबसे छोटा
शिव अपने परिवार में सबसे छोटा है। उसका बड़ा भाई पुणे में मजदूरी करता है। दो बहनों की शादी हो चुकी है। पिता के पास एक-डेढ़ एकड़ जमीन है। इसी से परिवार का खर्च चलता है।

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