Sterilisation Camp: बिल्कुल सुरक्षित बताई जा रही नसबंदी के बाद एक और महिला की मौत, 7 दिन में सर्जरी के बाद गई दूसरी जान

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Sterilisation Camp: बिल्कुल सुरक्षित बताई जा रही नसबंदी के बाद एक और महिला की मौत, 7 दिन में सर्जरी के बाद गई दूसरी जान

Sterilisation Camp: बिल्कुल सुरक्षित बताई जा रही नसबंदी के बाद एक और महिला की मौत, 7 दिन में सर्जरी के बाद गई दूसरी जान

धौलपुर/सिरोही: राजस्थान में नसबंदी शिविरों में महिला नसबंदी को लेकर चिंताजन मामले सामने आए हैं। सरकार अब तक इन शिविरों में नसबंदी को बिल्कुल सुरक्षित और कारगर बताते हुए प्रचार करती आई है। लेकिन पिछले एक सप्ताह में ऐसे शिविरों में नसबंदी कराने वाली दो महिलाओं की मौत हो चुकी है। जिस नसबंदी के लिए दावा किया गया कि महिलाओं में स्‍वास्‍थ्‍य एवं सुरक्षित जीवन जीने की सम्‍भावना कई गुना बढ़ जाएगी उसी सर्जरी (nasbandi operation) के बाद दोनों महिलाओं ने दम तोड़ दिया। ताजा मामला है धौलपुर जिले के सरमथुरा उपखंड के खुर्दिया गांव का है। यहां एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक महिला ने सरमथुरा अस्पताल में करीब 4 दिन पहले लगे नसबंदी शिविर में ऑपरेशन करवाया था। परिजनों का आरोप है कि इस ऑपरेशन के बाद से महिला की तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद महिला को हायर सेंटर में इलाज के लिए रेफर किया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इससे पहले 25 नवंबर को सिरोही जिले के रेवदर में तीन बच्चों की मां की नसबंदी के ऑपरेशन के बाद मौत हो गई थी।

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3 लड़के, एक दिव्यांग लड़की की मां थी जयदेवी, नसबंदी के बाद मौत

धौलपुर के सरमथुरा अस्पताल में 26 वर्षीय जयदेवी कश्यप ने अंतिम सांसें ली। जयदेवी के पीछे उनके तीन लड़के और एक दिव्यांग लड़की और पति रह गए हैं। महिला के पति खुर्दिया गांव निवासी मुकेश कुमार कश्यप ने आरोप लगाया है कि 27 नवबंर को जयदेवी का सरमथुरा अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन करवाया था। ऑपरेशन के बाद घर पहुंचते ही अचानक से उल्टियां होने लगी और तबीयत बिगड़ गई। तत्काल उसे सरमथुरा अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां से डॉक्टरों ने धौलपुर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। वहां भी सुधार नहीं हुआ तो हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। वहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।

उधर, धौलपुर सीएमएचओ डॉ. जेएल मीणा का कहना है कि रविवार को नसबंदी शिविर लगाया गया था। यह बसेड़ी के सीएचसी में लगा था। यहां एक एनजीओ को नसबंदी का जिम्मा दिया गया था। इसके लिए 42 महिलाओं का पंजीयन हुआ और 31 की सर्जन की गई। जयदेवी की मौत के मामले में विभाग पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी।

एसडीएम ने दिया परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन

मुकेशन कश्यप के अनुसार जयदेवी की मौत के बाद शव को सरमथुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवाया गया। पोस्टमार्टम से पहले ही सरमथुरा एसडीएम मनीष कुमार रात को अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने परिजनों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। लेकिन नसबंदी के दौरान हुई जिस लापरवाही की वजह ये जयदेवी की जान गई उसपर कुछ नहीं कहा।
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सिरोही में भी तीन बच्चों की मां ने तोड़ा दम

धौलपुर की तरह ही 25 नवबंर को सिरोही में परिवार नियोजन के लिए नसंबदी करवाने वाली धनतराई गांव की महिला की भी मौत हो गई। सिरोही के रेवदर में 23 नवबंर को नसबंदी शिविर लगा था। उगमा देवी ने इसी नसबंदी शिविर में सर्जरी करवाई थी। उस शिविर में एक सरकारी वरिष्ठ चिकित्सक ने 15 महिलाओं की नसबंदी ऑपरेशन किए थे। उगमा देवी की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि सर्जरी में लापरवाही बरती गई। सर्जरी के दौरान अधिक रक्तस्राव के चलते उगमा की मौत हो गई।

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