South Africa से आने वाले हैं 12 चीते, 10 बाड़े Kuno जंगल में तैयार, देरी से एक्सपर्ट हो रहे चिंतित

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South Africa से आने वाले हैं 12 चीते, 10 बाड़े Kuno जंगल में तैयार, देरी से एक्सपर्ट हो रहे चिंतित

South Africa से आने वाले हैं 12 चीते, 10 बाड़े Kuno जंगल में तैयार, देरी से एक्सपर्ट हो रहे चिंतित


भोपाल: कई महीनों की देरी के बाद आखिरकार दक्षिण अफ्रीका के 12 चीतों को अगले महीने भारत लाये जाने की संभावना है। इन चीतों को भी मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में रखा जाएगा, जहां नामीबिया से लाये गये आठ चीते इस साल 17 सितंबर से रह रहे हैं। यह जानकारी चीतों की आबादी को भारत में पुनर्जीवित करने की परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने शुक्रवार को दी। अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक्सपर्ट ने बताया भारत में चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए भारत एवं दक्षिण अफ्रीका ने पिछले सप्ताह सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका से चीते फरवरी के मध्य में हवाई मार्ग से भारत लाए जायेंगे।’’

उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने इन चीतों को भारत को दान किया है। हालांकि, इन चीतों को दक्षिण अफ्रीका के जंगलों से बेहोश (ट्रैंकुलाइज) कर पकड़ने एवं हेलीकॉप्टर से वहां के पृथकवास तक ले जाने में आने वाले प्रति चीता करीब 3000 अमेरिकी डॉलर के खर्च को भारत को देना है।

आदेश जारी किए गए
कूनो राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक उत्तम शर्मा ने शुक्रवार को बताया, ‘‘हम 12 दक्षिण अफ्रीकी चीतों का यहां पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। हमने उन्हें पृथकवास में रखने के लिए 10 बाड़े बनाये हैं। आठ बाड़ों में एक-एक चीते को रखा जाएगा, जबकि दो बाड़ों में उन दो-दो चीतों को रखा जाएगा जो आपस में भाई हैं।’’ मध्यप्रदेश वन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें पता चला है कि दक्षिण अफ्रीका ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद इन चीतों को भारत में स्थानांतरण के लिए एक आदेश जारी किया है।’’

पिछले महीने कुछ चीता विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की थी कि दक्षिण अफ्रीका में लंबे समय से पृथकवास में रखे जाने के कारण इन चीतों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और इसके लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने में देरी को वजह बताया था। भारत की चीता पुनर्स्थापन योजना के बारे में जानने वाले वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना था कि 12 दक्षिण अफ्रीकी चीतों (सात नर और पांच मादा) ने पृथकवास के दौरान छोटे बाड़े में रखे जाने के बाद से असलियत में एक बार भी अपना शिकार नहीं किया है।

धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है चीता
चीता धरती पर सबसे अधिक तेज दौड़ने वाला जानवर है और दुनिया में सबसे ज्यादा चीते अफ्रीका में पाए जाते हैं। विशेषज्ञों ने कहा था कि इन 12 चीतों को 15 जुलाई 2022 से दक्षिण अफ्रीका में पृथकवास में रखा गया है। इनमें से तीन चीते क्वाजुलू-नताल प्रांत के फिंडा में हैं जबकि नौ लिम्पोपो प्रांत के रूइबर्ग में हैं। इन चीतों ने 15 जुलाई के बाद से एक बार भी अपना शिकार नहीं किया है, इसलिए इन चीतों ने अपनी फिटनेस काफी हद तक खो दी है।
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1952 में चीते हुए थे विलुप्त
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पृथक-वास के दौरान छोटे बाड़े में रह कर इन चीतों का वजन बढ़ गया हो, जैसे खाली बैठे इंसानों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि जब चीता दौड़ता है तो उसकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं और वह तंदुरूस्त भी रहता है, लेकिन छोटे बाड़े में बैठे-बैठे उसकी सेहत एवं सक्रियता में कुछ गिरावट आ जाती है। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत नामीबिया से लाए गए चीतों को 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के विशेष बाड़ों में छोड़ा था। इनमें पांच मादा एवं तीन नर चीते हैं, लेकिन अब इन सभी को पिछले महीने पृथकवास क्षेत्र से निकालकर बड़े बाड़े में स्थानांतरित कर दिया गया है। भारत से 1952 में चीते विलुप्त हो गए थे।

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