उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा में बताया अपने साथ हुई धोखाधड़ी का क़िस्सा

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आज के युग में धोखाधड़ी जैसा कृत्य इतना इतना आम हो गया है कि कोई भी इससे अछूता नहीं है.  सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि शीर्ष स्तर के नेता और बड़े लोग भी इसका शिकार बनते रहे हैं. धोखाधड़ी का ताज़ा शिकार पूर्व केंद्रीय मंत्री और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बने हैं. नायडू ने आज राज्य सभा सत्र में अपने भाषण के दौरान एक ऐसी घटना का ज़िक्र किया.

वज़न घटाने की कंपनी ने दिया धोखा

राज्य सभा में बैठक के दौरान अपने भाषण में नायडू ने बताया कि उन्हें वज़न घटाने वाली एक कंपनी ने धोखा दिया. वह वज़न घटाने के विज्ञापन से धोखा खा गए थे. उन्होंने इस घटना की शिकायत उपभोक्ता विभाग से की थी. बाद में पड़ताल किए जाने के बाद पता चला कि यह कंपनी अमेरिका में स्थित है.

दरअसल राज्य सभा में सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने मिलावट और नक़ली सामान पर सवाल उठाया. साथ ही कहा कि विज्ञापनों का ज़ोर है. आजकल बाज़ार में हर चीज़ में मिलावट देखने को मिल रही है, वज़न घटाने का दावा किया जाता है. सरकार को चाहिए कि वह दिशा में भ्रामक चीजों पर अंकुश लगाने की दिशा में प्रयास करे.

इस सवाल पर उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान कुछ कहते इससे पहले उपराष्ट्रपति नायडू ने अपने साथ हुए एक मामले के बारे में सदन को बताया. उन्होंने कहा, “उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैंने एक विज्ञापन देखा कि इस दवा का सेवन करने पर 28 दिन में वज़न कम हो जाएगा. फिलहाल मेरा वज़न कम हो गया, लेकिन जानकारी के लिए मैंने कुछ रुपए देकर दंवा मंगवाई. फिर वहाँ से जो उत्तर आया उसे खोलकर देखने पर पता चला कि उसमें लिखा था कि एक हज़ार से ज्यादा का पैसा भेजिए तो आपको ओरिजनल दवा मिलेगी.” इसके बाद मैंने उपभोक्ता मामलों के विभाग को पत्र लिखा, जिसकी पड़ताल में पता चला कि यह कंपनी दिल्ली की न होकर अमेरिका की है.

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भ्रामक विज्ञापनों के लिए बिल ला रही है सरकार

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि सरकार इस संबंध में एक सख्त बिल लाने वाली है. उन्होंने कहा, “उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए वे जल्द ही एक बिल पेश करने वाले हैं जिससे ऐसी कंपनियों और विज्ञापनों से उनके हितों की रक्षा होगी.”

पासवान ने कहा, “सभी को मालूम है कि बाज़ार में क्या होता है लेकिन वर्तमान कानून 1986 का है जो वक्त के हिसाब से बहुत पुराना हो गया है और इसमें बदलाव लाने के लिए हमने काफी प्रयास किये हैं. हम जल्द ही संसद में यह विधेयक पेश करेंगे. एक हफ्ता पहले नया उपभोक्ता संरक्षण बिल को केबिनेट की मंजूरी मिल गई है और हमारी आपसे यही अनुरोध है कि दोनों सदन इस बिल को स्टैंडिंग कमिटी में भेज कर इसमें और देरी न करें.”