Solar Eclipse 2022: खंडग्रास सूर्य ग्रहण कल, टूटेगी 150 सालों की परंपरा | Solar Eclipse 2022: Khandagras solar eclipse tomorrow, the tradition of 150 years will be broken | Patrika News

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Solar Eclipse 2022: खंडग्रास सूर्य ग्रहण कल, टूटेगी 150 सालों की परंपरा | Solar Eclipse 2022: Khandagras solar eclipse tomorrow, the tradition of 150 years will be broken | Patrika News

Solar Eclipse 2022: खंडग्रास सूर्य ग्रहण कल, टूटेगी 150 सालों की परंपरा | Solar Eclipse 2022: Khandagras solar eclipse tomorrow, the tradition of 150 years will be broken | Patrika News

Solar Eclipse 2022: जयपुर। दीपोत्सव के बीच इस बार 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण का साया है। खंडग्रास सूर्य ग्रहण का असर गोवर्धन पूजा पर होगा।

Solar Eclipse 2022: जयपुर। दीपोत्सव के बीच इस बार 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण का साया है। खंडग्रास सूर्य ग्रहण का असर गोवर्धन पूजा पर होगा।
इस बार 150 से अधिक सालों बाद परंपरा टूटेगी और दीपावली के दूसरे दिन गावर्धन पूजा नहीं होगी। इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी। जयपुर में सूर्य ग्रहण एक घंटा 17 मिनट और 8 सेकंड तक रहेगा। जयपुर में सूर्य 51.77 फीसदी ग्रासमान रहने से सूर्य करीब आधा राहु की छाया से ग्रसित होता हुआ नजर आएगा।
जयपुर में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4.32 बजे होगी। इससे पहले ही तड़के 4.15 बजे से सूतक लग जाएगा।
खंडग्रास सूर्य ग्रहण कल, टूटेगी 150 सालों की परंपरा
– दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं
– सूर्य ग्रहण का सूतक 25 अक्टूबर को तड़के 4.15 बजे से शुरू
– जयपुर में सूर्य ग्रहण शाम 4.32 बजे से होगा शुरू
– ग्रहण का मध्य शाम 5.33 बजे
– सूर्य ग्रहण के दौरान ही होगा सूर्यास्त
– सूर्यास्त शाम 5.50 बजे, ग्रहण समाप्त शाम 6.32
– 26 अक्टूबर को होगी गोवर्धन पूजा
जयपुर में शाम 4.32 बजे सूर्यग्रहण प्रारंभ होगा, शाम 5.50 बजे सूर्यास्त होगा। यानी 51.77 प्रतिशत सूर्यग्रहण होने से शाम 5.33 बजे आधा बिंब 50 प्रतिशत ही चमकीला दिखेगा। इस बीच सूर्यास्त हो जाएगा। करीब 42 मिनट पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा। ग्रहण समाप्त शाम 6.32 बजे होगा। ऐसे में जयपुरवासी ग्रहण का मेाक्ष नहीं देख पाएंगे, क्योंकि ग्रहण समाप्ति से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा।
गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को
ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री ने बताया कि इस बार दीपावली पर 150 से अधिक साल पुरानी परंपरा टूटेगी। 150 सालों बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं होगी। इससे पहले दिवाली के दूसरे दिन साल 1995 में सूर्य ग्रहण हुआ था, लेकिन वह दिन में ही सूर्य ग्रहण हो गया, ऐसे में शाम को गार्वधन पूजा हो गई थी, इस बाद सूर्यास्त के समय भी ग्रहण रहने से गार्वधन पूजा नहीं होगी। इस बार सूर्य ग्रहण का प्रभाव होने से गोवर्धन पूजा और अन्नकूट 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
कष्ट-पीड़ा दायक होगा यह ग्रहण
ज्योतिषाचार्य पं. चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि कार्तिक मास में मंगलवार को ग्रहण होने से अग्निकाण्ड, भय की घटनाएं बढ़ने की प्रबल संभावना को दर्शा रहा है। राजनेताओं में परस्पर विरोध व तालमेल का अभाव होने से विकास की गति मन्द होगी। ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री ने बताया कि सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र और तुला राशि पर हो रहा है। ऐसे में यह ग्रहण तुला राशि के साथ कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वाले जातकों के लिए शुभ नहीं है।



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