आज तक आप नें शायद यही सोचा होगा की मिटी केवल अनाज, पौधे और घर बनाने में ही इस्तेमाल हो सकती है। लेकिन क्या आप जानते है की मिट्टी के इस्तेमाल से आप अपने जख़्मों को भी ठीक कर सकते है।
कुछ संस्कृतियों में उपचार के दौरान त्वाचा के ऊपरी परत पर कीचड़ या गीली मिट्टी का लेप लगाने का चलन आम है, और अब एक नए अध्ययन ने बताया है की यह प्रक्रिया जख्मों में बीमारी पैदा करने वाले रोगाणुओं से लड़ने में मददगार हो सकती है। समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, अमेरिका के एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में अनुसंधानकर्ताओ नें पाया की मिट्टी की कम से कम एक किस्म में सीआरई एव एमआरएसए जैसी प्रतिरोधी बैक्टीरिया सहित एस्चेरीचिया कोलाई और स्टाफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया से लड़ने वाले प्रतिजैविक प्रतिरोधी प्रभान होते है।
अमेरिका के मायो क्लिनिक में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबिन पटेल ने कहा, हमने देखा की प्रयोगशाला की स्थितियों में कम आयरन वाली मिट्टी बैक्टीरिया की कुछ किस्मों को ख़त्म कर सकती है। इनमें बायोफिल्म्स के तौर पर पनपे बैक्टीरिया भी है जिनका उपचार विशेषकर चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
यह अनुसंधान इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबायल एजेंट्स में प्रकाशित हुआ है। हालांकि यह भी कहा गया है की हर तरह की मिट्टी फायदेमंद नहीं होती है।