Smriti Irani: चेहरे पर मास्क, न सुरक्षा, न भीड़… शत्रुओं का नाश करने वाली देवी के दरबार में स्मृति इरानी की पूजा

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Smriti Irani: चेहरे पर मास्क, न सुरक्षा, न भीड़… शत्रुओं का नाश करने वाली देवी के दरबार में स्मृति इरानी की पूजा


Smriti Irani: चेहरे पर मास्क, न सुरक्षा, न भीड़… शत्रुओं का नाश करने वाली देवी के दरबार में स्मृति इरानी की पूजा

दतिया: केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी (smriti irani in pitambara mandir) इन दिनों विवादों में घिरी हैं। वह शत्रुओं से बचने के लिए शत्रु उच्चाटन की शरण में पहुंच गई। शत्रु उच्चाटन की शरण में पहुंचकर केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने शत्रुओं से बचाव के लिए विशेष पूजा की। स्मृति इरानी रविवार को अकले दतिया के पीतांबरा पीठ पहुंची थीं। यहां मां बगलामुखी की पूजा की हैं। पीतांबरा पीठ को सत्ता की देवी कहा जाता है, मुश्किल में फंसे राजनेता मां के पास अपनी पूजा लेकर आते हैं। स्मृति इरानी से पहले भी देश के कई दिग्गज नेता यहां पूजा के लिए आते रहे हैं।


दरअसल, जब भी किसी राजनेता पर विरोधी हावी होने लगते हैं तो इन विवादों को शांत कराने और शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए लोग यहां आते हैं। पीतांबरा में मां बगलामुखी के दर्शन करने के साथ ही महाभारत कालीन के अति प्राचीन वन खंडेश्वर महादेव पर विशेष अभिषेक करता है। इससे उसके शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। पिछले दिनों से स्मृति इरानी भी ‘शत्रुओं’ से घिरी हुई हैं। विपक्ष ने उनकी बेटी पर कथित रूप से गोवा में बार चलाने का आरोप लगाया है।

इन विवादों की वजह से चर्चा में स्मृति ईरानी
दरअसल, कांग्रेस ने उनकी बेटी को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। वहीं, संसद में भी सोनिया गांधी के साथ हुई नोकझोंक को लेकर स्मृति इरानी काफी परेशान नजर आई हैं। दतिया में पूजा के लिए पहुंची स्मृति इरानी के बॉडी लैंग्वेज उनकी परेशानी बयां कर रही थी। वह अकेल ही मंदिर में पूजा के लिए आई थीं। आमतौर पर जब कोई बड़ा नेता यहां पूजा के लिए आता है तो उसके साथ समर्थकों की भीड़ होती है।

गोपनीय तरीके से मंदिर में की पूजा
स्मृति इरानी ने बिना किसी को सूचना दिए बहुत ही गोपनीय तरीके से पीतांबरा पीठ पर पहुंचकर पूजा की है। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद भी उनके साथ कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। ग्वालियर से कार में सवार होकर स्मृति इरानी रविवार को दतिया पहुंची थी। यहां एक आम भक्त की तरह पीतांबरा पीठ में प्रवेश कर गईं। मुंह पर मास्क लगाकर उन्होंने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश की। बिना किसी तामझाम के आम भक्तों की तरह मंदिर में भगवान के दर्शन करती नजर आई।

मां बगलामुखी की पूजा की
बात यह रही कि उन्होंने मां बगलामुखी के दर्शन किए और वन खंडेश्वर महादेव मंदिर का अभिषेक भी किया। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें वैदिक मंत्रों के साथ ही पूजा करवाई। उनकी गोपनीय पूजा के बारे में किसी को पता नहीं चल सका। मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा रविवार को दतिया में मौजूद थे लेकिन उन्हें भी स्मृति इरानी के दौरे की कानो कान खबर नहीं हुई।

परेशानियों में घिरे नेताओं की मां बगलामुखी से रहती है आस
स्मृति इरानी से पहले भी कई राजनेता विवादों में घिर चुके हैं, जिन्हें मां बगलामुखी से बहुत आस रहती है। वे शत्रु उच्चाटन के नाम से प्रसिद्ध मां पीतांबरा के दरबार में आकर हाजिरी लगाते हैं। इस फेहरिस्त में राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक के नाम हैं। सीएम योगी ने कुछ महीने पहले ही आकर यहां पूजा-अर्चना की थी।

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