sidhi: इंतजार खत्म, शुरू हुआ तेंदूपत्ता संग्रहण | sidhi: The wait is over, tendu leaf collection begins | Patrika News
सतनाPublished: May 18, 2023 09:59:57 pm
अच्छे पत्ते की तलाश में संग्राहकों को करनी पड़ रही मशक्कत
-एक लाख आठ हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का है लक्ष्य
-300 रुपये प्रति सैकड़ा गड्डी किया जाएगा संग्राहकों को मजदूरी भुगतान
-गत वर्ष निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा हुआ था संग्रहण
-जिले में 51 वन समितियों के माध्यम से किया जा रहा संग्रहण
sidhi: The wait is over, tendu leaf collection begins
सीधी। आर्थिक आय के लिए वनोपज पर आधारित ग्रामीण अंचलों के श्रमिकों व किसान परिवारों का तेंदूपत्ता संग्रहण को लेकर इंतजार खत्म हो गया है। मौसम की मार के कारण इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण करीब एक पखवाड़े देर से शुरू हो पाया है। जिले के करीब दो लाख संग्राहक तेंदूपत्ता तुड़ाई में जुट गए हैं। इस वर्ष जिले में 1 लाख 5 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता तुड़ाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 14 मई से शुरू हुए संग्रहण कार्य में अब तक करीब 16 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य किया जा चुका है। इस वर्ष मार्च माह में बारिश के कारण और इसके बाद लगातार मौसम में ठंडक बनी रहने से तेंदु में नए पत्ते देर से आए, जिसके कारण वन विभाग द्वारा संग्रहण कार्य देर से शुरू करना पड़ा। बीते वर्षों में तेंदुपत्ता संग्रहण कार्य मई माह के पहले सप्ताह में ही शुरू कर दिया जाता था।
उल्लेखनीय है कि जिले के आदिवासी अंचल खासकर कुसमी व मझौली विकासखंड में निवासरत श्रमिक परिवारों के लिए परिवार के जीविको पार्जन हेतु मुख्य साधन महुआ फूल व तेंदूपत्ता माना जाता है। गर्मी के मौसम में वन क्षेत्र से महुआ फूल चुनकर व तेंदूपत्ता तुड़ाई कर ये उसका विक्रय कर अपना व परिवार का भरण पोषण करते हैं। इस कार्य में परिवार के महिला, पुरूष, बच्चे बुजुर्ग सभी हाथ बंटाते हैं, ताकि ज्यादा से ज्याद आय अर्जित की जा सके। इसलिए इन परिवारों को महुआ फूल गिरने व तेंदूपत्ता तुड़ाई का बेसब्री से इंतजार रहता है।
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महुआ फूल के बाद अब तेंदूपत्ता पर आस-
आदिवासी अंचल में आय के प्रमुख साधनों में शुमार महुआ फूल ने इस सीजन में श्रमिक परिवारों को निराश किया है। बताया गया कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष महुआ फूल का उत्पादन अच्छा नहीं रहा। तेंदुपत्ता पर भी मौसम की मार रही। मार्च माह के बाद लगातार बारिश व मौसम में ठंडक के कारण नए पत्ते देर से आए। वहीं पत्तों की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। श्रमिकों के अनुसार नए पत्तों की संख्या विगत वर्षों की अपेक्षा काफी कम है। फिर भी वह अच्छे पत्तों के लिए मशक्कत कर रहे हैं, और उम्मीद में हैं की तेंदुपत्ता से उन्हें अच्छी खासी आमदनी होगी।
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एक लाख से अधिक मानक बोरा है तुड़ाई का लक्ष्य-
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य के लिए जिले में कुल 51 समितियां है, एक लाख आठ हजार मानक बोरे का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिले में करीब सात सौ खरीदी केंद्र यानि फड़ो की संख्या है।
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वन्य प्राणियों से सुरक्षा को लेकर रहना होगा सचेत-
जिले में संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र से जुड़े श्रमिक परिवारों को तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान वन्य प्राणियों के हमले का खतरा बना रहता है। प्रति वर्ष संग्राहकों पर वन्य प्राणियों के हमले की घटनाएं होती हैं। वनमंडलाधिकारी क्षितिज कुमार ने ऐसे संग्राहकों से अपील की है कि वह अल सुबह जंगल में न जाएं, व समूह में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए जाएं, वन्य प्राणियों से हमले को लेकर उन्हें सचेत रहना होगा।
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शुरू हो चुका है संग्रहण-
तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य इस वर्ष थोड़ा देर से शुरू हो पाया। इसका कारण मौसम खराब होने व बारिश के कारण देर से नए पत्ते आना रहा। अब नए पत्ते आ गए हैं, संग्राहकों में तेंदुपत्ता तुड़ाई को लेकर काफी उत्साह है।
क्षितिज कुमार, डीएफओ सीधी
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सतनाPublished: May 18, 2023 09:59:57 pm
अच्छे पत्ते की तलाश में संग्राहकों को करनी पड़ रही मशक्कत
-एक लाख आठ हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का है लक्ष्य
-300 रुपये प्रति सैकड़ा गड्डी किया जाएगा संग्राहकों को मजदूरी भुगतान
-गत वर्ष निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा हुआ था संग्रहण
-जिले में 51 वन समितियों के माध्यम से किया जा रहा संग्रहण
sidhi: The wait is over, tendu leaf collection begins
सीधी। आर्थिक आय के लिए वनोपज पर आधारित ग्रामीण अंचलों के श्रमिकों व किसान परिवारों का तेंदूपत्ता संग्रहण को लेकर इंतजार खत्म हो गया है। मौसम की मार के कारण इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण करीब एक पखवाड़े देर से शुरू हो पाया है। जिले के करीब दो लाख संग्राहक तेंदूपत्ता तुड़ाई में जुट गए हैं। इस वर्ष जिले में 1 लाख 5 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता तुड़ाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 14 मई से शुरू हुए संग्रहण कार्य में अब तक करीब 16 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य किया जा चुका है। इस वर्ष मार्च माह में बारिश के कारण और इसके बाद लगातार मौसम में ठंडक बनी रहने से तेंदु में नए पत्ते देर से आए, जिसके कारण वन विभाग द्वारा संग्रहण कार्य देर से शुरू करना पड़ा। बीते वर्षों में तेंदुपत्ता संग्रहण कार्य मई माह के पहले सप्ताह में ही शुरू कर दिया जाता था।
उल्लेखनीय है कि जिले के आदिवासी अंचल खासकर कुसमी व मझौली विकासखंड में निवासरत श्रमिक परिवारों के लिए परिवार के जीविको पार्जन हेतु मुख्य साधन महुआ फूल व तेंदूपत्ता माना जाता है। गर्मी के मौसम में वन क्षेत्र से महुआ फूल चुनकर व तेंदूपत्ता तुड़ाई कर ये उसका विक्रय कर अपना व परिवार का भरण पोषण करते हैं। इस कार्य में परिवार के महिला, पुरूष, बच्चे बुजुर्ग सभी हाथ बंटाते हैं, ताकि ज्यादा से ज्याद आय अर्जित की जा सके। इसलिए इन परिवारों को महुआ फूल गिरने व तेंदूपत्ता तुड़ाई का बेसब्री से इंतजार रहता है।
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महुआ फूल के बाद अब तेंदूपत्ता पर आस-
आदिवासी अंचल में आय के प्रमुख साधनों में शुमार महुआ फूल ने इस सीजन में श्रमिक परिवारों को निराश किया है। बताया गया कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष महुआ फूल का उत्पादन अच्छा नहीं रहा। तेंदुपत्ता पर भी मौसम की मार रही। मार्च माह के बाद लगातार बारिश व मौसम में ठंडक के कारण नए पत्ते देर से आए। वहीं पत्तों की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। श्रमिकों के अनुसार नए पत्तों की संख्या विगत वर्षों की अपेक्षा काफी कम है। फिर भी वह अच्छे पत्तों के लिए मशक्कत कर रहे हैं, और उम्मीद में हैं की तेंदुपत्ता से उन्हें अच्छी खासी आमदनी होगी।
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एक लाख से अधिक मानक बोरा है तुड़ाई का लक्ष्य-
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य के लिए जिले में कुल 51 समितियां है, एक लाख आठ हजार मानक बोरे का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिले में करीब सात सौ खरीदी केंद्र यानि फड़ो की संख्या है।
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वन्य प्राणियों से सुरक्षा को लेकर रहना होगा सचेत-
जिले में संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र से जुड़े श्रमिक परिवारों को तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान वन्य प्राणियों के हमले का खतरा बना रहता है। प्रति वर्ष संग्राहकों पर वन्य प्राणियों के हमले की घटनाएं होती हैं। वनमंडलाधिकारी क्षितिज कुमार ने ऐसे संग्राहकों से अपील की है कि वह अल सुबह जंगल में न जाएं, व समूह में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए जाएं, वन्य प्राणियों से हमले को लेकर उन्हें सचेत रहना होगा।
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शुरू हो चुका है संग्रहण-
तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य इस वर्ष थोड़ा देर से शुरू हो पाया। इसका कारण मौसम खराब होने व बारिश के कारण देर से नए पत्ते आना रहा। अब नए पत्ते आ गए हैं, संग्राहकों में तेंदुपत्ता तुड़ाई को लेकर काफी उत्साह है।
क्षितिज कुमार, डीएफओ सीधी
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