नई दिल्ली: महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच अनबन की खबरों ने काफी तुल पकड़ी हुई है. दो दिन पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में से तीन राज्यों में हार के बाद भाजपा अध्यक्ष शाह के ‘एकला चलो’ की रणनीति पर चलने के संकेत और आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही शिवसेना को गठबंधन पर फैसला करने वाले संबंधी अल्टीमेटम की खबर पर शिवसेना का कहना है कि उसे कोई कोई अल्टीमेटम नहीं दे सकता. यह शब्द उसकी डिक्शनरी में है ही नहीं.
वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच काफी वक्त से गठबंधन है और दोनों पार्टियां निरंतर मिलकर चुनाव लड़ रहा है. हालांकि इस गठबंधन जैसे गंभीर मुद्दे पर राउत ने कहा है कि एक साल पहले दल की कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है. उनके अनुसार शिवसेना ने कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया है. हम तब से इसी स्टैंड पर है. इस संबंध में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास इस संबंध में फैसला लेने का पूरा अधिकार है.
अकेले ही चुनाव लड़ने की तैयारी में
अमित शाह के अपने सांसदों के अकेले ही चुनावी तैयारी करने को लेकर आ रहीं खबरों के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने भाजपा के साथ गठबंधन पर कहा है कि पार्टी पहले से ही ‘एकला चलो रे’ के सिद्धांत पर है. उन्होंने आगे बताया कि इस देश की राजनीती में शिवेसना को अल्टीमेटम देने वाला अभी तक कोई बना है और अल्टीमेटम शब्द हमारी शब्दकोश में नहीं है.
मीडिया से जुड़े सूत्रों के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपने सभी सांसदों से प्रदेश में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी करने का आदेश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, शाह ने राज्य के सांसदों के साथ मीटिंग में साफ रूप से कहा है कि हमें ऐसे गठबंधन में क्यों जाना चाहिए, जिसके बदले हमें नुकसान हो.
काफी वक्त से दोनों ही पार्टी के बीच चल रहीं अनबन को देखते हुए साफ लगता है कि भाजपा शिवसेना से गठबंधन किसी नुकसान के कीमत से नहीं करना चाहती है. संजय राउत ने आगे का कहना है कि हम फाइटर्स हैं. हम भाग जाने वालों में से नहीं है. महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी और बालासाहेब ठाकरे की भूमि है. पार्टी जहां पहले ही ‘एकला चलो रे’ कहा चुकी है तो हम भी अकेले ही चलेंगे.
शिवसेना ने लांघी सारी सीमाएं
शिवसेना के नेताओं की तरफ से केंद्र सरकार के खिलाफ निरंतर बयानबाजी पर भाजपा के नेताओं का मानना है कि शिवसेना गठबंधन में रहते हुए लगातार बयानबाजी करते हुए अपनी सीमा पार कर रहीं है. उद्धव ठाकरे भी अपनी कई रैलियों के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस के नारे-चौकीदार चोर है, का इस्तेमाल किया.
सूत्रों ने कहा है कि अपनी नाराजगी जताकर शिवसेना विधानसभा चुनावों में भाजपा से मोलभाव करने के लिए दवाब बनाने के फिराक में है. ये ही नहीं 288 सीटों वालो विधानसभा में शिवसेना बराबरी की हिस्सेदारी चाहती है.