Shivpal-Akhilesh: मैनपुरी उपचुनाव में अखिलेश का साथ देकर शिवपाल ने बिगाड़ा सियासी गणित, जानिए बीजेपी ने क्‍या ढूंढी काट

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Shivpal-Akhilesh: मैनपुरी उपचुनाव में अखिलेश का साथ देकर शिवपाल ने बिगाड़ा सियासी गणित, जानिए बीजेपी ने क्‍या ढूंढी काट

Shivpal-Akhilesh: मैनपुरी उपचुनाव में अखिलेश का साथ देकर शिवपाल ने बिगाड़ा सियासी गणित, जानिए बीजेपी ने क्‍या ढूंढी काट

मैनपुरी/कानपुर: यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वहीं, बीजेपी इस सीट पर हर हाल में कमल खिलाना चाहती है, लेकिन चाचा-भतीजे के एक साथ आने से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मैनपुरी सीट पर मुलायम सिंह यादव के साथ शिवपाल ने जमीनी स्तर पर काम किया है। शिवपाल के आने मैनपुरी से बीजेपी का सियासी गणित बिगड़ गया है। इसकी काट करने के लिए बीजेपी ने कानपुर-बुंदेलखंड के चार मंत्रियों को उतार कर जातीय कार्ड खेला है।

एसपी सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। मुलायम सिंह की राजनीतिक विरासत संभालने की जिम्मेदारी अखिलेश यादव के कंधों पर है। सपा ने मैनपुरी लोकसभा सीट से डिंपल यादव को उतारा है। वहीं बीजेपी ने शिवपाल सिंह की करीबी रहे रघुराज सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया है।

मैनपुरी लोकसभा सीट पर बीजेपी और एसपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। मैनपुरी में सबसे ज्यादा यादव और फिर शाक्य वोटरों की संख्या है। शिवपाल के आने से यादव वोटर एकजुट हो गए हैं। वहीं, शिवपाल की पैठ शाक्य वोटरों के बीच में भी है। शिवपाल शाक्य वोटरों में भी सेंध लगाने में कामयाब हो रहे हैं।

चार मंत्रियों को दी गई जिम्मेदारी

मैनपुरी में कमल खिलाने और शिवपाल की काट करने के लिए बीजेपी ने कानपुर-बुंदेलखंड के चार मंत्रियों को उतारा है। जिसमें राकेश सचान, प्रतिभा शुक्ला, अजीत पाल और कन्नौज से मंत्री असीम अरुण को जिम्मेदारी सौंपी है। जानकारी के मुताबिक, चारों मंत्रियों को अपनी-अपनी जातियों के मतदाताओं से संपर्क कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस सीट से एसपी को मिलती है बढ़त

मैनपुरी लोकसभा सीट में जसवंतनगर विधानसभा सीट आती है। जसवंतनगर सीट से शिवपाल सिंह यादव बीते कई दशकों से विधायक हैं। यह सीट मुलायम सिंह की परिवारिक सीट मानी जाती है। इस सीट में सबसे ज्यादा लोधी और शाक्य वोटरों की संख्या है। यदि मैनपुरी लोकसभा सीट के परिणामों के इतिहास पर नजर डाली जाए तो जसवंतनगर विधानसभ सीट की ईवीएम खुलते ही सपा बढ़त बना लेती है।

शिवपाल सिंह ने बिगाड़ा सियासी गणित

शिवपाल सिंह यादव ने परिवारिक कलह के बाद प्रसपा का गठन किया था। उस वक्त पूर्व सांसद रघुराज शाक्य ने हनुमान की भूमिका निभाई थी। रघुराज शाक्य ने सपा का साथ छोड़कर शिवपाल के साथ खड़े थे। शिवपाल सिंह ने रघुराज शाक्य को प्रसपा में कानपुर-बुंदेलखंड का प्रभारी भी बनाया था। रघुराज शाक्य शिवपाल को अपना राजनीतिक गुरु भी मानते थे, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में रघुराज शाक्य ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। बीजेपी ने रघुराज शाक्य को मैनपुरी से प्रत्याशी बनाकर बड़ा दांव खेला था, लेकिन चाचा-भतीजे के एकसाथ आने से बीजेपी दांव उसके लिए सिरदर्द बन गया है।
इनपुट- सुमित शर्मा

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