Shinde Cabinet: शिंदे कह रहे बस 3 दिन…फिर दिल्ली दौरा रद्द क्यों? मंत्रिमंडल विस्तार पर सस्पेंस बरकरार

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Shinde Cabinet: शिंदे कह रहे बस 3 दिन…फिर दिल्ली दौरा रद्द क्यों? मंत्रिमंडल विस्तार पर सस्पेंस बरकरार

Shinde Cabinet: शिंदे कह रहे बस 3 दिन…फिर दिल्ली दौरा रद्द क्यों? मंत्रिमंडल विस्तार पर सस्पेंस बरकरार

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) 30 जून को हुआ था। बावजूद इसके अभी तक सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार (Shinde Government Cabinet Expansion) नहीं हो पाया है। विपक्ष द्वारा इसे ‘दो लोगों की सरकार’ कहा जा रहा है। हर दिन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नई तारीखें सामने आती हैं। आज फिर यह खबर सामने आई है कि आगामी 30 या 31 जुलाई को शिंदे फडणवीस सरकार की कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।

वहीं दूसरी तरफ इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिंदे फडणवीस सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। इसी वजह से यह कैबिनेट विस्तार नहीं हो पा रहा है। कल जिस तरह से बुधवार को पहले यह खबर आई कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दिल्ली जाने वाले हैं। लेकिन बाद में अचानक मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा रद्द हो जाता है। इस बात से भी अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है कि शिंदे गुट और बीजेपी के बीच में सब कुछ ठीक नहीं है। कहा जा रहा है कि बीजेपी और शिंदे गुट के बीच समीकरण नहीं बन रहा है।

महाराष्ट्र में बनेगी नई सरकार
शिवसेना सांसद संजय राउत ने गुरुवार सुबह एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में फिर से सत्ता परिवर्तन हो सकता है। राउत के इस बयान के बाद राज्य का सियासी पारा बढ़ गया है। एकनाथ शिंदे ने हाल में कहा था कि वह अगले 3 दिनों में कैबिनेट का विस्तार कर लेंगे। लेकिन जिस तरह से दिल्ली दौरा रद्द हुआ है। उसके बाद अटकलों के अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। इसके पहले देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे दो बार दिल्ली दौरा कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई आला नेताओं से मुलाकात की थी।

मंत्रिमंडल में नए चेहरों को मिल सकता है मौका
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे का तख्ता पलटकर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने तीन सप्ताह से ज्यादा वक्त हो गया हैं, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो रहा है। माना जा रहा है कि बीजेपी इस मामले में कई एंगल से देख रही है, जिसमें सबसे अहम है नए और युवा नेताओं को मौका देकर अगली बार फिर से बहुमत से सत्ता में आने के लिए शिवसेना को कमजोर करना। इस कारण बहुत संभव है कि नई सरकार के मंत्रिमंडल में वे कई चेहरे हों ही नहीं, जो बहुत संभव माने जा रहे हैं। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रिमंडल के नामों पर और खासकर गुजरात के पूरे मंत्रिमंडल के मामले में बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व जिस तरह से हर बार सभी कयासों का खारिज करता रहा है, कहीं उसी तरह से महाराष्ट्र में भी न हो जाए। इसीलिए सभी की नजरें केवल नई दिल्ली की तरफ हैं।

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